आधिकारिक बुलेटिन - 8 (2-July-2020)
NBFCs और HFCs के लिए 'विशेष तरलता योजना’ की शुरुआत
(Launch of 'Special Liquidity Scheme' for NBFCs and HFCs)

Posted on July 2nd, 2020 | Create PDF File

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सरकार द्वारा ‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ ( Special Purpose Vehicle- SPV) के माध्यम से ‘गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों’ (Non-Banking Finance Companies- NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (Housing Finance Companies- HFCs) के लिये एक ‘विशेष तरलता योजना’ (Special Liquidity Scheme ) की शुरुआत की गई है।

इस योजना को वित्तीय क्षेत्र में तरलता की स्थिति में सुधार करने तथा किसी भी संभावित प्रणालीगत जोखिम से बचने के उद्देश्य से शुरु किया गया है। सरकार द्वारा मई, 2020 में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के लिये 30,000 करोड़ रुपए की ‘विशेष तरलता योजना’ की घोषणा की गई थी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिये भारतीय स्टेट बैंक की सहायक कंपनी ‘भारतीय स्टेट बैंक कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड’ (SBICAP) द्वारा ‘SLS ट्रस्ट’ नाम से ‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ को स्थापित किया गया है। इस ‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ के माध्यम से ही गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को विशेष तरलता योजना से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

 

‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’:

‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ पात्र NBFCs और HFCs से अल्पकालिक दस्तावज़ों/कागज़ों की खरीदेगा जिनमें केवल ‘गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर’ (Non-convertible debentures- NCDs) तथा ‘वाणिज्यिक पत्र’ (Commercial paper- CP) को ही खरीदा जाएगा। ‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ के द्वारा खरीदे गए दस्तावज़ों की शर्त यह होगी कि इनकी परिपक्वता अवधि तीन माह से अधिक न हो तथा इनकी रेटिंग इन्वेस्टमेंट ग्रेड की होनी चाहिये।30 सितंबर, 2020 के बाद जारी किये गए किसी भी दस्तावेज़ के लिये यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी क्योंकि ‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ 30 सितंबर, 2020 के बाद नई खरीद करने के लिये बंद हो जाएगा।

 

NBFCs एवं HFCs के लिये निर्धारित मानदंड:

इस योजना का लाभ केवल NBFCs और HFCs को ही मिलेगा। 

 

इस योजना के माध्यम से केवल वे ही कंपनियाँ धन जुटाने की पात्र है जो निम्नलिखित व्यापक शर्तों को पूरा करती हैं-

* पिछले दो वित्तीय वर्षों (2017-2018 और 2018-2019) में कंपनी किसी एक वर्ष में मुनाफे में रही हो।

* रेटिंग एजेंसी ( Rating Agency) द्वारा इन्वेस्टमेंट ग्रेड की रेटिंग मिली हो।

* 31 मार्च, 2021 तक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति 6 प्रतिशत से अधिक न हो।

* 1 अगस्त, 2018 से पिछले एक वर्ष के दौरान किसी भी बैंक द्वारा उसके उधार के लिये एसएमए -1 या एसएमए -2 श्रेणी के तहत रिपोर्ट नहीं की गई हो।

 

योजना का महत्त्व:

इसके माध्यम से NBFCs, HFCs तथा म्युचुअल फंड में चल रही तरलता की कमी को दूर किया जा सकेगा तथा तरलता की कमी दूर होने पर निवेशकों का बाज़ार की तरफ रुझान बढ़ेगा।