आधिकारिक बुलेटिन - 5 (2-July-2020)
ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन2020 (डीडीएच2020) की शुरुआत
(Start of Drug Discovery Hackathon 2020 (DDH 2020))

Posted on July 2nd, 2020 | Create PDF File

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केन्द्र सरकार ने आज यहां केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की उपस्थिति में ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन का शुभारंभ किया। यह ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (एमआईसी),अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक संयुक्त पहल है और इसमें सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडीएसी) और मायगोव के साथ ही निजी कंपनियों ने भी मदद की है।

 

यह हैकथॉन दवा की खोज प्रक्रिया में मदद करने के लिए अपनी तरह की पहली राष्ट्रीय पहल है जिसमें कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, फार्मेसी, चिकित्सा विज्ञान, बुनियादी विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों,शिक्षकों,शोधकर्ताओं और छात्रों की भागीदारी होगी।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें अपने देश में कम्प्यूटेशनल ड्रग डिस्कवरी की संस्कृति स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस पहल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ और एआईसीटीई हैकथॉन के माध्यम से संभावित दवा अणुओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे,जबकि सीएसआईआर इन पहचाने गए अणुओं की प्रभावोत्पादकता,विषाक्तता,संवेदनशीलता और विशिष्टता के संश्लेषण और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए आगे ले जाएगा। उन्होंने बताया कि ड्रग की खोज एक जटिल,महंगी,कठिन और समय लेने वाली प्रक्रिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब हम कोविड-19 के लिए कुछ पुनर्निर्मित दवाओं के लिए नैदानिक परीक्षण कराते हैं तो यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि हम अन्य उपयुक्त पुनर्निमित दवाओं की तलाश करें जबकि उसी समय कोविड-19 के खिलाफ विशिष्ट दवाओं को विकसित करने के लिए नई दवा की खोज पर काम भी जारी रखें। उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग, एआई (कृत्रिम बुद्धि) और बिग डेटा जैसा कम्प्यूटेशनल विधियों के इस्तेमाल वाली इन-सिलिको ड्रग डिस्कवरी इस प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगी।

 

मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि एमएचआरडी और एआईसीटीई को हैकथॉन के आयोजन में बड़ा अनुभव है, लेकिन पहली बारहम बड़ी वैज्ञानिक चुनौती से निपटने के लिए हैकथॉन मॉडल का उपयोग कर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पहल दुनिया भर के शोधकर्ताओं / संकाय के लिए खुली है क्योंकि हम अपने प्रयासों में शामिल होने और उसमेंमदद पाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए उत्सुक हैं।

 

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने भी इस अवधारणा की सराहना की और कहा कि हमारी सरकार ने इस देश में हैकथॉन संस्कृति को शुरू कर दिया है,जो हमारे राष्ट्र के सामने मौजूद कुछ कठिन समस्याओं को हल करने के लिए हमारे युवाओं को चुनौती देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. विजयराघवन ने कहा कि मैं एमएचआरडी,एआईसीटीई और सीएसआईआर के साथ ही इस हैकथॉनमें शामिल सभी सहयोगियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो भारत को दवा की खोज प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नए मॉडल स्थापित करने में मदद करेगा।हैकथॉन में कई चुनौतियां शामिल हैं जो विशिष्ट दवा खोज विषयों पर आधारित होती हैं।इन्हें समस्या कथनके रूप में पोस्ट किया जाता है और प्रतिभागियों को इन्हें हल करना होता है। इसमें तीन-तीन महीने के तीन चरण होंगे और अप्रैल-मई 2021 तक पूरी कवायद को संपन्न करना होगा। प्रत्येक चरण के अंत में सफल टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा। तीसरे चरण के अंत में पहचाने गए मुख्य कम्पाउंड को सीएसआईआर और अन्य इच्छुक संगठनों में प्रायोगिक स्तर के लिए भेजा जाएगा।

ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन के ऑनलाइन लॉन्च कार्यक्रम के दौरान मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ.अभयजेरे ने ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन की अवधारणा को समझाया। वहीं प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने एआईसीटीई की तरफ से और मदद देने का वादा किया और सभी तकनीकी संस्थानों से बड़ी संख्या में इस पहल में भाग लेने की अपील भी की। डॉ. शेखर मांडे ने इस पहल के लिए सीएसआईआर की ओर से सभी आवश्यक मदद देने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने आज जारी किए गए समस्या कथनों की गुणवत्ता और विविधता पर भी संतोष व्यक्त किया।

 

हैकथॉन की पृष्ठभूमि की जानकारी और कार्यप्रणाली

 

* हैकथॉन में कई चुनौतियां शामिल हैं जो विशिष्ट दवा खोज विषयों पर आधारित होती हैं। इन्हें समस्या कथन के रूप में पोस्ट किया जाता है और प्रतिभागियों को इन्हें हल करना होता है। अब तक कुल 29 समस्या कथन (पीएस)की पहचान की गई है।


* मायगोव पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है और कोई भी भारतीय छात्र इसमें भाग ले सकता है।


* इसमें दुनिया के किसी भी हिस्से से पेशेवर और शोधकर्ता भाग ले सकते हैं।


* इस हैकथॉन में तीन ट्रैक होंगे। ट्रैक 1 में मुख्य रूप से कोविड​​-19 रोधी पीढ़ी के लिए ड्रग डिजाइन पर काम होगा: यह आणविक मॉडलिंग, फॉर्माकोफोर ऑप्टिमाइज़ेशन, आणविक डॉकिंग, हिट/ लीड ऑप्टिमाइज़ेशनआदि जैसे टूल का उपयोग करके किया जाता है।


* ट्रैक 2 नए उपकरणों और एल्गोरिदम को डिजाइन / अनुकूलित करने पर काम करेगा जो इन-सिलिको ड्रग डिस्कवरी की खोज प्रक्रिया को तेज करने पर काफी प्रभाव डालेगा।


* इसमें एक तीसरा ट्रैक भी है जिसे "मून शॉट" कहा जाता है। यह उन समस्याओं पर काम करने की अनुमति देता है जो 'आउट ऑफ द बॉक्स' की प्रवृत्ति के होते हैं।