आधिकारिक बुलेटिन - 1 (28-Dec-2020)
देश के 8 समुद्र तटों पर इंटरनेशनल ब्लू फ्लैग फहराया गया
(International Blue Flag hoisted at 8 beaches across the Country)

Posted on December 28th, 2020 | Create PDF File

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केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज वर्चुअल रूप से देश के 8 समुद्री तटों पर अंतर्राष्ट्रीय ब्लू फ्लैग फहराया। भारत ने 6 अक्टूबर, 2020 को इन समुद्री तटों के लिए अंतर्राष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र उस समय प्राप्त किया जब यूएनईपी, यूएनडब्ल्यूटीओ, यूनेस्को, आईयूसीएन, आईएलएस, एफईई जैसे सदस्य संगठनों वाले अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने कोपेनहेगेन, डेनमार्क में पुरस्कार की घोषणा की। ब्लू फ्लैग प्रमाणीकरण वैश्विक रूप से मान्य पर्यावरण-लेबल हैं जिसे 33 कठोर मानकों के आधार पर डेनमार्क के फाउंडेशन फॉर एनवायरन्मेन्ट एजुकेशन द्वारा दिया जाता है।

 


राज्य तथा केन्द्रीय सरकार और लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि स्वच्छ समुद्री तट इस बात का संकेत देते हैं कि तटीय पर्यावरण की सेहत अच्छी है और ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र भारत के संरक्षण तथा स्थायी विकास प्रयासों को वैश्विक मान्यता है।

 

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि आने वाले 3-4 वर्षों में ऐसे और 100 समुद्री तट ब्लू फ्लैग वाले बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समुद्री किनारों की साफ-सफाई को न केवल सौन्दर्य और पर्यटन संभावनाओं की दृष्टि से बल्कि समुद्री गंदगी कम करने और तटीय पर्यावरण को स्थायी बनाने के महत्व को देखते हुए जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए।

 


जिन स्थानों पर इंटरनेशनल ब्लू फ्लैग फहराए गए उनमें कप्पड (केरल), शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कसरकोड तथा पदुबिदरी (कर्नाटक), रूशिकोन्डा (आंध प्रदेश), गोल्डेन (ओडिशा) तथा राधानगर (अंडमान और निकोबार दीव समूह) हैं। यह ध्वज समुद्री तटों पर संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी फहराए गए।

 

भारत ने जून, 2018 में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर तटीय क्षेत्रों के स्थायी विकास की अपनी यात्रा शुरू की। भारत ने 13 तटीय राज्यों में I-AM-SAVING-MY-BEACH अभियान एक साथ लॉन्च किया। उसके बाद से मंत्रालय का प्रतिष्ठित कार्यक्रम बीईएएमएस (बीच एनवायरन्मेन्ट एस्थेटिक मैनेजमेंट सर्विसेज) लागू कर रहा है।

 

आज 10 तटीय राज्य में बीईएएमएस कार्यक्रम प्रारम्भ करने से समुद्री किनारों पर सफाई का अंतरराष्ट्रीय स्तर प्राप्त हुआ है। इन तटों पर 500 टन से अधिक ठोस अपशिष्ट एकत्रित किए गए, उन्हें रिसाइकिल किया गया और वैज्ञानिक तरीके से इन समुद्री किनारों पर निपटाया गया। इसके परिणामस्वरूप 78 प्रतिशत से अधिक समुद्री गंदगी तथा 83 प्रतिशत से अधिक मरीन प्लास्टिक का खतरा कम हुआ। बीईएएमएस कार्यक्रम से रिसाइक्लिंग और पुनःउपयोग द्वारा 11000 केएल जल की बचत हुई और इसके परिणामस्वरूप संचयी रूप से 85 प्रतिशत से अधिक लोग इन समुद्री तटों पर आए।