आधिकारिक बुलेटिन - 2 (25-Dec-2020)
प्रधानमंत्री ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की
(PM pays tributes to Shri Atal Bihari Vajpayee on his Jayanti)

Posted on December 25th, 2020 | Create PDF File

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। अपने दूरदर्शी नेतृत्व में उन्होंने देश को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया। एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए उनके प्रयासों को सदैव स्मरण किया जाएगा।'

 

अटल बिहारी वाजपेयी -

 

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक छोटे से गांव में हुआ था। साधारण परिवार में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी अध्यापक थे और साथ ही वे महान कवि भी थे। जिसके चलते अटल बिहारी वाजपेयी को कवित्व का गुण अपने पिता से विरासत में मिला था।अटल बिहारी वाजपेयी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के ही विक्टोरिया (लक्ष्मीबाई ) कॉलेज और कानपुर के डीएवी कॉलेज में हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर किया था। अटल बिहारी वाजपेयी छात्र जीवन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हो गया था।

 

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने राजनीति जीवन की शुरुआत 1942 में उस समय की थी जब भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनके भाई 23 दिनों के लिए जेल गए। सन् 1951 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोग से भारतीय जनसंघ पार्टी का गठन हुआ था। उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी जैसे नेताओं के साथ रही। अटल बिहारी वाजपेयी 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ पार्टी के अध्यक्ष भी रहे।

 

अटल बिहारी वाजपेयी ने 1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें इस चुनाव में सफलता हासिल नहीं हुई। 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी को जनसंघ ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से लड़ाया। लेकिन वे लखनऊ और मथुरा से चुनाव हार गए और बलरामपुर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे। अटल बिहारी वाजपेयी मोरारजी देसाई की सरकार में सन् 1977 से 1979 तक विदेश मन्त्री रहे और विदेशों में भारत की छवि बनायी। लेकिन 1980 में अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता पार्टी से नाखुश होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना की। अटल बिहारी वाजपेयी 6 अप्रैल 1980 को भाजपा के अध्यक्ष बने। अटल बिहारी वाजपेयी दो बार राज्यसभा के लिये भी निर्वाचित हुए। अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई से 1 जून तक 1996 को प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने 19 मार्च 1998 से 10 अक्टूबर 1999 तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। फिर इसके बाद 10 अक्टूबर 1999 से 2004 तक देश की बागडोर संभाली। 2004 से ही अटल बिहारी वाजपेयी ने शारिरिक अस्वस्थता के कारण सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया। लंबी बीमारी के चलते अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हो गया था। 

 

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाएं -

* मृत्यु या हत्या

* रग-रग हिन्दू मेरा परिचय

* कैदी कविराय की कुण्डलियाँ

* संसद में तीन दशक

* अमर आग है

* राजनीति की रपटीली राहें

* बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि।

* मेरी इक्यावन कविताएँ

* अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)

* कुछ लेख: कुछ भाषण

* सेक्युलर वाद

 

पुरस्कार

1992 : पद्म विभूषण

1993 : डी लिट (कानपुर विश्वविद्यालय)

1994 : लोकमान्य तिलक पुरस्कार

1994 : श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार

2015 : डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)

2015 : 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड', (बांग्लादेश सरकार द्वारा प्रदत्त)

2015 : भारतरत्न से सम्मानित