भारतीय सेना दिवस -मनाये जाने का कारण
( Indian Army Day - Reason for being celebrated)

Posted on January 15th, 2019 | Create PDF File

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आज सेना दिवस है, हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है,आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर (General Sir Francis Butcher) से भारतीय सेना की कमान ली थी, जनरल फ्रांसिस बुचर भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे,भारतीय सेना इस साल अपना 71वां आर्मी डे मनाएगी, इस साल खास बात है कि आर्मी परेड (Army Day Parade 2019) का नेतृत्व एक महिला अफसर करेंगी, लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी (Lieutenant Bhavana Kasturi) आर्मी सर्विस को लीड करेंगी, ऐसा पहली बार होगा ।

 

कैप्टन शिखा सुरभी बाइक पर स्टंट करती दिखेंगी, वो पहली ऐसी महिला ऑफिसर हैं जो आर्मी की डेयरडेविल्स टीम में जगह बना पाई है, कैप्टन भावना स्याल (Captain Bhavana Sayal) ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल के साथ परेड पर भारतीय सेना की ताकत दिखाएंगी।

 

सेना दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी बातें जिन्हें जानकर आपको गर्व महसूस होगा- 

 

कब हुआ भारतीय सेना का गठन -

 

 

1776 में कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार के अधीन भारतीय सेना का गठन हुआ था। भारतीय थल सेना की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी के रूप में हुई थी, बाद में ये ब्रिटिश भारतीय सेना बनी और फिर मौजूदा भारतीय सेना, इसने दुनियाभर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया । बता दें कि देशभर में भारतीय सेना की 53 छावनियां और 9 आर्मी बेस हैं। 

 

सबसे ऊंची रणभूमि -

 

सियाचिन ग्लेशियर दुनिया की सबसे ऊंची रणभूमि है। यह समुद्र तल से 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

 

असम राइफल्स -

 

असम राइफल्स देश की सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है। इसका गठन साल 1835 में हुआ था।

 

जब पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के आगे किया था सरेंडर -

 

1971 का भारत पाकिस्तान का युद्ध में पाकिस्तान सेना के करीब 93,000 सैनिकों और अधिकारियों ने सेना के सामने सरेंडर किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हिरासत में लिए गए युद्ध बंदियों की यह सबसे बड़ी संख्या थी। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश बना था।  

 

दुनिया के सबसे उंचे पुल का भारतीय सेना ने किया निर्माण -

 

बेली पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है। यह हिमालय पर्वत की द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख की घाटी में है। अगस्त 1982 में भारतीय सेना ने इसका निर्माण किया था। 

 

संयुक्त राष्ट्र मिशन में हमेशा शामिल-

 

भारतीय सेना की एक टुकड़ी हमेशा संयुक्त राष्ट्र की सहायता के लिए समर्पित रहती है, इसके तहत भारतीय सेना अंगोला, कम्बोडिया, साइप्रस, कांगो, अल साल्वाडोर, नामीबिया, लेबनान, लाइबेरिया, मोजाम्बिक, रवाण्डा, सोमालिया, श्रीलंका और वियतनाम जा चुकी है, भारतीय सेना ने कोरिया में हुई लड़ाई के दौरान घायलों और बीमारों को सुरक्षित लाने के लिए भी अपनी अर्द्ध-सैनिकों की इकाई प्रदान की थी । 

 

पहाड़ी लड़ाइयों में माहिर-

 

भारतीय सेना पहाड़ी लड़ाइयों में माहिर है -भारतीय सेना का हाई ऑल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल दुनिया के सबसे अच्छे ट्रेनिंग संस्थान में गिना जाता है, अफगानिस्तान भेजे जाने से पहले अमेरिका के स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग भी इसी इंस्टीट्यूट में हुई थी, साथ ही यूके और रशिया से भी जवान यहां ट्रेनिंग के लिए आते हैं, ये इंस्टीट्यूट पहाड़ी इलाकों और ऊंचाई पर लड़ाई करने के ट्रेनिंग देता है। 

 

कुल पांच युद्ध 


भारतीय सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार और चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है।