आधिकारिक बुलेटिन -2 (13-Sept-2020)
भारत 2023 तक उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जायेगा : श्री गौड़ा
(India will be self-reliant in the production of fertilizers by 2023 : Shri Gowda)

Posted on September 13th, 2020 | Create PDF File

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केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने कहा कि 2023 तक भारत, उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा, क्योंकि ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत देश में 40,000 करोड़ रुपये की लागत से नई उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जा रही है। इससे आयात पर निर्भरता में भी कमी आयेगी।

 

श्री गौड़ा, कर्नाटक के किसानों को "आत्मनिर्भर भारत और सतत कृषि" विषय पर इफको द्वारा आयोजित एक वेबिनार के जरिये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विज़न के अनुरूप स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, हम सभी उर्वरक कंपनियों को गैस आधारित प्रौद्योगिकी में परिवर्तित कर रहे हैं। हाल ही में हमने भारत में चार यूरिया संयंत्रों (रामागुंडम, सिंदरी, बरौनी और गोरखपुर) को पुनर्जीवित किया है। 2023 तक हम उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जायेंगे। ''

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश में जैविक और नैनो उर्वरकों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है, क्योंकि वे 25 से 30 प्रतिशत तक किफायती हैं, 18 से 35 प्रतिशत तक अधिक उपज देते हैं और मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखते हैं। उन्होंने इफको के नैनो प्रयोग की सराहना करते हुए इसे गेम चेंजर कहा। उन्होंने बताया कि नैनो उर्वरकों को देश भर के 12,000 किसानों और कृषि विश्वविद्यालयों के बीच निःशुल्क वितरित किया गया है, जिसका सकारात्मक फीडबैक मिला है।

 

श्री गौड़ा ने किसानों से यूरिया का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए कहा क्योंकि यूरिया का अत्यधिक उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। उन्होंने किसानों को अपने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी।