आधिकारिक बुलेटिन -3 (7-Mar-2019)
बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को मंजूरी( Flood Management and Border Areas Program (FMBAP) Approved)

Posted on March 7th, 2019 | Create PDF File

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूरे देश में बाढ़ प्रबंधन कार्यों और वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित नदी प्रबंधन गतिविधियों और कार्यों के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम का परिव्यय 3342.00 करोड़ रुपये है।

 

लाभ :

 

एफएमबीएपी योजना प्रभावी बाढ़ प्रबंधन भू-क्षरण नियंत्रण और समुद्र क्षरण रोकथाम के लिए पूरे देश में लागू की जाएगी। यह प्रस्ताव देश में बाढ़ और भू-क्षरण से शहरों, गांव, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, संचार जुड़ाव, कृषि क्षेत्रों, बुनियादी ढांचा आदि को बचाने में मदद करेगा। जलग्रहण उपचार कार्यों से नदियों में तलछट भार को कम करने में सहायता मिलेगी।

 

वित्त पोषण पद्धति :

 

सामान्य श्रेणी के राज्यों में किए जाने वाले कार्यों के लिए वित्त प्रबंधन घटक के वित्त पोषण की पद्धति केंद्र और राज्य के 50-50 प्रतिशत अनुपात में जारी रहेगी। पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण पद्धति 70 प्रतिशत (केंद्र) और 30 प्रतिशत (राज्य) के अनुपात में जारी रहेगी। आरएमबीए घटक पड़ोसी देशों के साथ सीमा सीमावर्ती क्षेत्रों में गतिविधियों के लिए निर्दिष्ट होने और द्विपक्षीय कार्य प्रणाली के अनुरूप होने से परियोजनाएं/ कार्य शत प्रतिशत अनुदान सहायता/ केंद्रीय सहायता के रूप में वित्त पोषित होंगे।

 

विशेषताएं :

 

एफएमबीएपी योजना को बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) और नदी प्रबंधन गतिविधियों और सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित कार्य (आरएमबीए) नामक दो जारी 12वीं योजना की जारी दो स्कीमों के घटकों को आपस में विलय करके तैयार किया गया है। इस योजना का उद्देश्य संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रयासों के अधिकतम संयोग और संबंधित क्षेत्रों में राज्य/ केंद्र सरकार के अधिकारियों की क्षमताओं को बढ़ाकर महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बाढ़ से उचित सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकारों की मदद करना है।

 

इस योजना के तहत कार्यों से भू-क्षरण और बाढ़ के प्रकोप से बहुमूल्य भूमि की रक्षा होगी और सीमा के साथ-साथ शांति बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य एफएमपी के तहत पहले से ही मंजूर चल रही परियोजनाओं को पूरा करना है। यह योजना पन-मौसम संबंधी पर्यवेक्षणों और पड़ोसी देशों के साथ साझा नदियों में बाढ़ के पूर्वानुमान करने में भी मदद करेगी। इस योजना में पड़ोसी देशों के साथ साझा नदियों पर जल संसाधन परियोजनाओं जैसे नेपाल में पंचकेश्वर बहु उद्देशीय परियोजना, सप्ता कोसी-सनकोसी परियोजनाओं के बारे में सर्वेक्षण और जांच पड़ताल तथा डीपीआर आदि को तैयार करना शामिल है। इससे दोनों देशों को लाभ होगा।