आधिकारिक बुलेटिन -3(28-Feb-2019)
नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, 2019 को मंजूरी
(Cabinet approves the New Delhi International Arbitration Centre Ordinance, 2019)

Posted on February 28th, 2019 | Create PDF File

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) की स्थापना के लिए एक अध्यादेश की घोषणा को मंजूरी दे दी है जिसका उद्देश्य संस्थागत मध्यस्थता के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त व्यवस्था निर्मित करना है।

 

लाभ-

 

इस संस्थागत मध्यस्थता के लाभ सरकार, उसकी संस्था और परिवाद के पक्षकारों को प्राप्त होंगे। विशेषज्ञता की गुणवत्ता और आने वाली लागत के लिहाज से यह केंद्र जनता और सरकारी संस्थानों के लिए फायदेमंद साबित होगा और भारत के संस्थागत मध्यस्थता की धुरी बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

 

उद्देश्य-

 

एनडीआईएसी को जिन उद्देश्यों के साथ स्थापित किया जाएगा वो हैं –

 

*अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थता संचालित करने के एक प्रमुख संस्थान के तौर पर खुद को विकसित करने के लिए लक्षित सुधार लाना।


*समाधान मध्यस्थता और मध्यस्थता संबंधी कार्यवाहियों के लिए सुविधाएं और प्रशासकीय सहयोग प्रदान करना।


*राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मान्यता प्राप्त पंचों, मध्यस्थों व सुलहकारों या सर्वेक्षकों और जांचकर्ताओं जैसे विशेषज्ञों के पैनल बनाकर रखना।


*बड़े ही पेशेवर अंदाज में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थताओं और सुलहों के संचालन को सुगम बनाना।


*घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यस्थता और सुलह के संचालन के लिए कम खर्चीली और समयोचित सेवाएं प्रदान करना।


*वैकल्पिक विवाद समाधान और संबंधित मामलों के क्षेत्र में अध्ययन को प्रोत्साहित करना और झगड़ों के निपटारे की व्यवस्था में सुधारों को प्रोत्साहित करना।


*वैकल्पिक विवाद समाधान को प्रोत्साहित करने के लिए अन्य राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय समाजों, संस्थानों और संगठनों के साथ सहयोग करना।


*एनडीआईएसी की स्थापना को सुगम करने की दिशा में इस विधेयक में, वैकल्पिक विवाद समाधान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीएडीआर) के दायित्वों को केंद्र सरकार में स्थानांतरित और निहित करने की परिकल्पना की गई है। केंद्र सरकार बाद में ये दायित्व एनडीआईएसी में निहित करेगी।

 

मुख्य विशेषताएं-

 

*नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) की अध्यक्षता ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाएगी जो सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश या उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे हों या फिर ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति हों जिन्हें मध्यस्थता कानून के प्रशासन या प्रबंधन या संचालन में अनुभव और ज्ञान प्राप्त हो। उनकी नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श करके केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।


*दो पूर्णकालिक या अंशकालिक सदस्य इसमें होंगे जिन्हें उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से लिया जाएगा जिन्हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों, संस्थागत मध्यस्थता का ठोस ज्ञान और अनुभव हो।


*साथ ही, वाणिज्य और उद्योग के किसी मान्यता प्राप्त निकाय के एक प्रतिनिधि को नियमित आवर्तन के आधार पर अंशकालिक सदस्य के तौर पर चुना जाएगा।


*विधि मामलों के विभाग के सचिव, व्यय विभाग द्वारा नामित वित्तीय सलाहकार और एनडीआईएसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसके पदेन सदस्य होंगे।