आधिकारिक बुलेटिन - 5 (13-Dec-2018)
वर्षांत समीक्षा 2018 : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
Posted on December 14th, 2018 | Create PDF File
श्रम और रोजगार मंत्रालय प्रत्येक कामगार को रोजगार में सुरक्षा, मजदूरी में सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। श्रम कानूनों को लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के साथ ही मंत्रालय ने वर्ष के दौरान सामाजिक सुरक्षा, रोजगार के अवसर और गुणवत्ता बढ़ाने के प्रावधान के जरिये प्रत्येक कामगार की प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण पहलें की।
I श्रम कल्याण की प्रमुख उपलब्धियां :
श्रम कोड : श्रम पर दूसरे राष्ट्रीय आयोग की सिफारिशों की तर्ज पर मंत्रालय ने वर्तमान केन्द्रीय श्रम कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधानों को मिलाकर, सरल और युक्ति संगत बनाया है। चार श्रम कोडों 1. मजदूरी; 2) औद्योगिक संबंध; 3) सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण और 4) व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थितियों को प्रतिपादित करने के लिए कदम उठाये गए हैं।
मजदूरी विधेयक पर कोड : लोकसभा में 10 अगस्त, 2017 को मजदूरी विधेयक कोड का मसौदा पेश किया गया और श्रम पर संसद की स्थायी समिति द्वारा इसका अध्ययन किया गया है। स्थायी समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।
औद्योगिक संबंधों पर कोड : संसद में औद्योगिक संबंधों पर श्रम कोड विधेयक 2018 का प्रस्ताव पेश करने के लिए, विधेयक के साथ मंत्रिमंडल के लिए मसौदा तैयार करके इसे विचार और टिप्पणियां प्राप्त करने के उद्देश्य से मंत्रालयों के बीच विचार के लिए 8 फरवरी, 2018 को भेजा गया। मंत्रालयों/विभागों से प्राप्त टिप्पणियों का अध्ययन करने के बाद औद्योगिक संबंधों के मसौदे में सुधार किया गया। विधि और न्याय मंत्रालय के विधि विभाग द्वारा कोड के पुनरीक्षण के बाद मंत्रिमंडल के नोट का मसौदा औद्योगिक संबंध विधेयक पर कोड, 2018 के साथ विचार के लिए 5 नवम्बर, 2018 को मंत्रिमंडल सचिवालय को भेजा गया।
सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर कोड : सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर कोड का प्रारंभिक मसौदा 16 मार्च, 2017 को मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला गया। इसमें साझेदारों/जनता की टिप्पणियां आमंत्रित की गई। विभिन्न साझेदारों की टिप्पणियों पर विचार करने के बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर कोड 2018 का एक संशोधित मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर 1 मार्च, 2018 को अपलोड किया गया, इसमें साझेदारों/जनता की सुझाव/टिप्पणियां आमंत्रित की गई। सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर कोड विधेयक, 2018 पर विचार-विमर्श के लिए केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों, नियोक्ता एसोसिएशनों और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता में राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों के साथ 27 नवम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय विचार-विमर्श बैठक बुलाई गई। इस विधेयक के साथ मंत्रिमंडल के लिए मसौदे का एक नोट हाल ही में अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए भेजा गया।
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थितियों पर कोड : व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थितियों पर कोड का प्रारंभिक मसौदा तैयार किया गया और आम जनता सहित साझेदारों के सुझाव/टिप्पणियां आमंत्रित करने के लिए इसे मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला गया। व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और काम करने की स्थितियों पर कोड के मसौदे पर विचार-विमर्श के लिए केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों, नियोक्ता एसोसिएशनों और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता में राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों के साथ 22 नवम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय विचार-विमर्श बैठक बुलाई गई। मंत्रिमंडल के नोट के मसौदे के साथ व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थितियों पर विधेयक, 2018 के मसौदे को हाल ही में अंतर- मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए भेजा गया।
श्रम सुविधा पोर्टल : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक समेकित वेब पोर्टल ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ विकसित किया, ताकि श्रम कानूनों को लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सके तथा इनका पालन करने की जटिलता को दूर किया जा सके। श्रम सुविधा पोर्टल पर प्रतिष्ठानों की सुविधाओं की उपलब्धता इस प्रकार है :-
- कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के जरिये जोखिम आधारित मानदंडों पर पारदर्शी श्रम निरीक्षण योजना और श्रम निरीक्षकों द्वारा 72 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्टों को अपलोड करना। रिपोर्टों को अपलोड करने की समयावधि 5 नवम्बर, 2018 से कम होकर 48 घंटे हो गई है।
- ईएसआईसी और ईपीएफओ के लिए साझा पंजीकरण
- ईएसआईसी और ईपीएफओ के लिए साझा ईसीआर
- खनन कानून, 1952 के अन्तर्गत 8 केन्द्रीय कानूनों और तीन रिटर्न के लिए एकल वार्षिक ऑनलाइन रिटर्न
- प्रवर्तन एजेंसियों के लिए श्रम निरीक्षण योजना के अलावा केन्द्रीय श्रम नियमन और उन्मूलन कानून, 1970 और अन्तर-राज्य प्रवासी कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्तें) कानून, 1979 के अंतर्गत ऑनलाइन लाइसेंसिंग।
- तीन कानूनों यानी ठेके पर श्रम नियमन और उन्मूलन कानून, 1970, अन्तर-राज्य प्रवासी कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्तें) कानून, 1979 तथा इमारत और अन्य निर्माण कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्तें) कानून, 1996 के अंतर्गत मुख्य श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण।
मातृत्व लाभ (संशोधन) कानून, 2017, जो 01 अप्रैल 2017 से प्रभावी हुआ : वेतन के साथ मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने से 18 लाख महिला कर्मचारियों को लाभ हुआ। हाल ही में सरकार ने नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सप्ताह के वेतन के भुगतान का प्रस्ताव रखा है। इस नीति को उपयुक्त मंच से मंजूरी मिलने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
ग्रेच्यूइटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 को लोकसभा ने 15 मार्च, 2018 को और राज्य सभा ने 22 मार्च, 2018 को पारित कर दिया। इसे 29 मार्च, 2018 को अमल में लाया गया। इस कानून के अंतर्गत गेच्यूइटी की राशि की वर्तमान ऊपरी सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है।
नौवहन पुनर्चक्रण उद्योग के लिए समझौता ज्ञापन : फैक्टरी सलाह सेवा और श्रम संस्थान महानिदेशालय (डीजीएफएएसएलआई) और गुजरात समुद्री बोर्ड (जीएमबी) ने 11 जुलाई, 2018 को अलंग में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इस समझौता ज्ञापन से नौवहन पुनर्चक्रण उद्योग के कामकाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और अलंग में बड़ी संख्या में कार्यरत कर्मचारियों और निरीक्षकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार होगा।
सामाजिक और श्रम क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर :
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ब्राजील, रूसी संघ, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका के बीच सामाजिक और श्रम क्षेत्र में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी। इस पर ब्रिक्स श्रम और रोजगार मंत्रियों (एलईएम) की बैठक के दौरान 03 अगस्त, 2018 को हस्ताक्षर किये गये थे।
समझौता ज्ञापन नई औद्योगिक क्रांति में समग्र विकास और साझा समृद्धि के उद्देश्य से ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच सहयोग और अधिकतम सामंजस्य के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा। इससे सदस्य देशों को ज्ञान बांटने और श्रम और रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक बातचीत के मुद्दे पर संयुक्त कार्यक्रम लागू करने में मदद मिलेगी। श्रम और रोजगार के क्षेत्र में प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए भारत और इटली के बीच एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
कामगार शिक्षा कार्यक्रम : दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय कामगार शिक्षा और विकास बोर्ड ने संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 899, असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 2,733 और मनरेगा सहित ग्रामीण कामगारों के लिए 670 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये।
जन शिकायत निवारण : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को 01 जनवरी, 2018 से 30 नवम्बर, 2018 के दौरान 33,680 शिकायतें प्राप्त हुई, इनमें से सीपीजीआरएएमएस (केन्द्रीकृत जन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली) पोर्टल के जरिये 32,837 शिकायतों का निपटारा किया गया।
खान मजदूरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम –
खान अधिनियम 1952 के प्रावधानों के तहत अनुमति, अपवाद, रियायत और मंजूरी इत्यादि पहले हितधारकों को ऑफलाइन आवेदन देने पर दी जाती थी। डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत ‘मंजूरी प्रणाली’, ‘अनुमति/अपवाद/रियायत प्रणाली’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा नियम (खान) प्रणाली’ नामक 3 सॉफ्टवेयर विकसित किए गए और उन्हें प्रत्यक्ष बनाया गया। ‘डिजिटल डीजीएमएस’ के अंग के रूप में ‘दुर्घटना एवं सांख्यिकी प्रणाली’ और ‘खाता एवं बजट प्रणाली’ नामक दो और सॉफ्टवेयर विकसित किए गए। इनका परीक्षण चल रहा है। सॉफ्टवेयर के कारण पारदर्शिता, जवाबदेही और कामों का तेज निपटान संभव होगा।
कोयला खदानों के लिए ‘जोखिम आधारित निरीक्षण प्रणाली’ के लिए उपायों को विकसित किया गया। इस उद्देश्य के लिए एनआईसी ने सॉफ्टवेयर को विकसित किया और श्रम सुविधा पोर्टल में शामिल करके इसे लागू किया गया। धातु की खदानों के लिए जोखिम आधारित निरीक्षण प्रणाली पर काम चल रहा है और 2018-19 के दौरान इसे विकसित कर लिया जाएगा। श्रम सुविधा पोर्टल के जरिये ऑनलाइन मूल्यांकन के लिए निरीक्षण किया जाएगा, जो सभी वर्गों की खानों के विषय में वास्तविक जोखिम रेटिंग को प्राथमिकता देने पर होगा।
खान सुरक्षा महानिदेशालय ने 110 खानों में जोखिम मूल्यांकन अध्ययन और सुरक्षा प्रबंधन योजना की तैयारी का रास्ता तैयार किया है। इस प्रणाली से सुरक्षा प्रबंधन के लिए अधिक सक्रिय प्रणाली तैयार हुई है।
‘पत्थर की खदानों में धूल संबंधी रोगों के बहु-केंद्रित अध्ययन और सतत रोकथाम कार्यक्रम के विकास’ पर एनआईएमएच, नागपुर के साथ एक संयुक्त परियोजना के तहत तेलंगाना के नालगोंडा तथा राजस्थान के करावली, धौलपुर, जोधपुर, नागौर और भरतपुर, मध्यप्रदेश में विदिशा तथा पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिलों में मैदानी अध्ययन सफलतापूर्वक किये गए। कुल 2539 मजदूरों की चिकित्सा जांच की गई और सिलिकोसिस से पीड़ित 136 व्यक्तियों की पहचान की गई।
विभिन्न राज्यों के कई क्षेत्रों में डीजीएमएस ने असंगठित क्षेत्र की पत्थर की खानों में काम करने वाले 9863 मजदूरों का पेशागत स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण में संबंधित राज्य प्रशासन की सहायता ली गई। सिलिकोसिस से पीड़ित 211 व्यक्तियों की पहचान की गई।
तय अवधि का रोजगार –
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी सेक्टरों के लिए ‘तय अवधि का रोजगार करने वाले मजदूर’ वर्ग को औद्योगिक रोजगार स्थाई आदेश) अधिनियम, 1946 में शामिल किया है और 16 मार्च, 2018 को जारी अधिसूचना संख्या जीएसआर 235 (ई) के जरिये नियम बनाए हैं। तय अवधि के रोजगार का लक्ष्य कर्मचारियों को रियायत प्रदान करना है, ताकि भूमंडलीकरण,नए व्यवहारों और व्यापार करने की आसानी की चुनौतियों से निपटा जा सके। इसके अलावा यह कामगारों के लिए फायदेमंद भी है, क्योंकि इसके तहत मजदूरों को वही कानूनी लाभ मिलेंगे, जो नियमित कामगारों को मिलते हैं। इससे ठेका मजदूरों के शोषण में भी भारी कमी आएगी, क्योंकि बिना बिचौलिये के नियोक्ता सीधे मजदूरों को नियत समय अवधि के लिए ठेके पर रखेगा।
II. ईएसआईसी द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम
डिस्पेंसरी सह शाखा कार्यालय -डीसीबीओ :ईएसआईसी ने अपनी डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए डिस्पेंसरी सह शाखा कार्यालय (डीसीबीओ) के रूप में चरणबद्ध तरीके से देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सम्पर्क स्थान स्थापित करना प्रारंभ किया है ताकि प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं दी जा सकें और नकद लाभ की डिलीवरी की जा सके।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजनाः रोजगार के तरीके में परिवर्तन तथा भारत में दीर्घकालिक रोजगार से संविदा रूप में परिवर्तित अल्पकालिक रोजगार की वर्तमान स्थिति पर विचार करते हुए ईएसआईसी ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना को स्वीकृति दी है। यह योजना कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कवर किए गए बीमित व्यक्तियों के लिए है। योजना बेरोजगारी की स्थिति तथा नए रोजगार की तलाश के समय बीमित व्यक्तियों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष रूप से नकद भुगतान राहत है।
संशोधित बीमा चिकित्सक आईएमपी) योजना 2018: ईएसआईसी ने सिंद्धात रूप में संशोधित बीमा चिकित्सक (आईएमपी) योजना, 2018 को स्वीकृति दे दी है ताकि पायलट आधार पर आईएमपी योजना को आकर्षक बनाया जा सके। आवश्यकता के अनुसार इस योजना का विस्तार नए क्षेत्रों तथा वर्तमान क्षेत्रों में किया जाएगा। उन क्षेत्रों में जहां ईएसआईसी की चिकित्सा सुविधा नहीं है और ऐसे क्षेत्र में जहां योजना पहली बार लागू की गई है वहां प्राथमिक चिकित्सा सुविधा नकद रहित रूप में दी जाती है। यह सुविधा बीमा चिकित्सक आईएमपी के साथ सहयोग व्यवस्था के माध्यम से दी जाती है। इससे पहले आईएमपी की नियुक्ति सामान्यतः निदेशक बीमा चिकित्सा योजना (डीआईएमएस), ईएसआईसी योजना द्वारा की जाती थी और प्रति वर्ष प्रत्येक बीमित व्यक्ति को 500 रुपये का भुगतान किया जाता था जिसमें डॉक्टरी परामर्श, मूल प्रयोगशाला जांच तथा दवाईयों की कीमत शामिल थी।
‘उमंगः ईएसआईसी- चिंता से मुक्ति’ मोबाइल ऐप्पः
बीमित व्यक्ति केन्द्रित सूचना सेवाएं अब ‘ईएसआईसी- चिंता से मुक्ति’ मोबाइल ऐप्प के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है। यह मोबाइल ऐप्प उमंग प्लेटफॉर्म (न्यू एज गवर्नेंस के लिए एकीकृत मोबाइल ऐप्लीकेशन) के माध्यम से लांच किया गया। ईएसआईसी डाटा बेस में अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराने वाले बीमित व्यक्ति इस डाउनलोडेड ऐप्प के माध्यम से अनेक प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकते हैं। मोबाइल ऐप्लीकेशन वेब आदि चैनलों पर गूगल प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है और इसे स्मार्ट फोन, टेबलेट तथा डेस्कटॉप के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।
सरल मोबाइल आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली के साथ बीमित व्यक्ति अपना और बीमित परिवार का जनसांख्यिकी विवरण, अंशदान विवरण, बीमा तथा पात्रता विवरण, पात्र लाभों की सूचना, दावों की स्थिति, डिस्पेंसरी तथा शाखा कार्यलय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बीमित व्यक्ति अपना फीडबैक दे सकते हैं और इस ऐप्प के माध्यम से सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त एक नॉलेज बैंक है, जिसमें ईएसआईसी योजना के लाभ बताए गए हैं। आने वाले समय में यह ऐप्प हिन्दी और अंग्रेजी सहित 13 विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।
ईएसआईसी योजना के सामाजिक सुरक्षा लाभ के कवरेज को बढ़ाना -ईएसआईसी 2.0 के अंतर्गत)
दूसरी पीढ़ी के सुधारों ईएसआईसी-2.0 के अनुसार ईएसआईसी ने सम्पूर्ण भारत में ईएसआई योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। इसी के अनुसार 325 जिलों में पूरी तरह और 178 में आंशिक रूप से ईएसआई योजना लागू की गई है।
पूरे देश में ईएसआईसी योजना के सामाजिक सुरक्षा लाभों के विस्तार के रूप में योजना अरुणाचल प्रदेश तथा लक्षद्वीप को छोड़कर सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में अधिसूचित की गई है। अब ईएसआईसी योजना 36 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू है।
31.03.2018 तक ईएसआईसी योजना के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 3.43 करोड़ हो गई है। योजना के अंतर्गत कवर किए गए लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 13.32 करोड़ हो गई है।
इस वर्ष के अंत तक कवर की गई फैक्ट्रियों तथा प्रतिष्ठानों की संख्या बढ़कर 10.34 लाख हो गई है।
IV. रोजगार सृजन में मदद करने वाले प्रमुख उपाय
नेशनल कैरियर सर्विस (एनसीएस)-नेशनल कैरियर सर्विस परियोजना नियोक्ताओं, प्रशिक्षकों और बेरोजगारों को एक मंच पर लाती है। 31.11.2018 के अनुसार इस पोर्टल पर 98,92,350 सक्रिय रूप से रोजगार चाहने वाले और 9822 सक्रिय नियोक्ता हैं। एनसीएस ने डाक विभाग से साथ पोस्ट ऑफिस के माध्यम से नौकरी चाहने वालों के पंजीकरण के लिए भागीदारी की है। युवाओं की रोजगार के अवसरों तक पहुंच और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए शीर्ष नौकरी पोर्टलों, प्लेसमेंट संगठनों और प्रसिद्ध संस्थानों के साथ रणनीतिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये है। भारत सरकार ने अभी हाल ही में सरकारी नौकरियां एनसीएस पोर्टल पर पोस्ट करना जरूरी कर दिया है।
एनसीएस रोजगार मैचिंग, कैरियर सलाह और कौशल विकास पाठ्यक्रमों, एप्रैटिंसशिप और इंटर्नशिप के बारे में जानकारी उपलब्ध करना जैसी रोजगार से संबंधित अनेक सेवाएं उपलब्ध कराता है। एनसीएस के पास 52 क्षेत्रों में 3600 से अधिक नौकरियों के बारे में नौकरी से संबंधित जानकारी का समृद्ध भंडार उपलब्ध है। एनसीएस पोर्टल नौकरी मेलों को आयोजित करने में भी सहायता प्रदान करता है जहां नियोक्ता और नौकरी की तलाश करने वाले आपस में बातचीत कर सकते हैं।
ii. मॉडल कैरियर केंद्र -107 मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित किये गये है जिन्हें राज्यों और अन्य संसंधानों के सहयोग से परिचालित किया जा रहा है। इन केंद्रों में हितधारकों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान कराने के लिए पर्याप्त सुविधाएं और बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा। इन्हें राज्यों द्वारा अन्य स्थलों पर भी स्थापित किया जा सकेंगा। इसके अलावा 1.50 लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्र दूरदराज के स्थानों में एनसीएस की पहुंच का विस्तार करने के लिए रणनीतिक भागीदार हैं।
iii. तिमाही रोजगार सर्वेक्षण नई श्रृंखला-)
आठ प्रमुख क्षेत्रों-विनिर्माण,भवन निर्माण, व्यापार,परिवहन,शिक्षा,स्वास्थ्य,आवास और रेस्टोरेंट और दस या अधिक कामगार वाले आईटी/बीपीओ को शामिल करकें गैर-कृषि औद्योगिक अर्थव्यवस्था के बड़े प्रखंड में लगातार तिमाहियों में रोजगार की स्थिति में अपेक्षित परिवर्तन मापने के उद्देश्य के साथ क्षेत्र का विस्तार करके श्रम ब्यूरो क्यूईएस नई (श्रृंखला) की शुरूआत की है।
अभी तक क्यूईएस-एनएस) से संबंधित सात रिपोर्ट जारी की जा चुकी हैं।
iv. पेशेवर वेतन सर्वेक्षण -ओडब्ल्यूएस)
श्रम ब्यूरो पौधरोपण,खनन,विनिर्माण और सेवा क्षेत्र उद्योगो में अंतर-उद्योग और उद्योग से बाहर आय में अंतरो के वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए विभिन्न पेशों पे-रोल आय के विभिन्न घटकों के बारे में डाटा जुटाने में सहायता प्रदान करने के लिए आवधिक अंतराल के बाद पेशेवर वेतन सर्वेक्षण आयोजित करता हैं।
56 उद्योगो को शामिल करके ओडब्ल्यूएस के सातवें दौर के तहत फील्ड कार्य पूरा हो चुका है। अभी तक खनन क्षेत्र पौधरोपण क्षेत्र उद्योगो के पांच टेक्सटाइल उद्योगो, और टेक्सटाइल परिधान उद्योग के संबंध में ओडब्ल्यूएस के सातवें दौर की चार रिपोर्ट जारी की जा चुकी हैं।
v. एरिया फ्रेम सर्वें
आवधिकता,परिणाम और कवरेज के कारण तिमाही रोजगार सर्वेक्षण(क्यूईएस) के महत्व को ध्यान में रखते हुए श्रम रोजगार मंत्रालय ने दस से कम कामगार वाले उद्यमों को शामिल करके सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बड़े पैमाने पर एरिया फ्रेम सर्वे(एएफएस) आयोजित करने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य अर्थव्यव्स्था के गैर-कृषि क्षेत्रों के लिए रोजगार की प्रवृतियों का पता चलाना है।
एरिया फ्रेम सर्वेक्षण आयोजित करने के लिए प्राथमिक कार्य पूरा किया जा चुका है। ओड़िशा में पायलट सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और हरियाणा तथा गुजरात में पायलट सर्वेक्षण का कार्य चल रहा हैं।
vi. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में सर्वेक्षण
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना(पीएमएमवाई) के तहत जुटाये गये रोजगारों का अनुमान लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का कार्य श्रम ब्यूरो को सौपा है।
पीएमएमवाई सर्वेक्षण से संबंधित तकनीकी विवरण को अंतिम रूप देने के बाद सर्वेक्षण का प्राथमिक कार्य पूरा किया जा चुका है और फील्ड कार्य की शुरूआत अप्रैल 2018 में की जा चुकी है। पीएमएमवाई सर्वेक्षण का फील्ड कार्य 30 नवंबर 2018 को पूरा किया जा चुका है और डाटा एंट्री का कार्य प्रगति पर है।