आधिकारिक बुलेटिन - 1 (11-July-2020)
उप राष्ट्रपति ने हरित और प्रकृति सम्मत स्थापत्य शैली विकसित करने का आग्रह किया
(Vice President calls for the adoption of Green and Sustainable Architecture)

Posted on July 12th, 2020 | Create PDF File

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उप राष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने देश के आर्किटेक्ट्स से आग्रह किया कि वे स्थापत्य में हरित डिजाइन को अपनाएं और प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा की भविष्य में बनने वाले भवनों में सौर ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाया जाना चाहिए।

 

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर, आभासी माध्यम से संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने बल दिया कि किसी इमारत के निर्माण में कलात्मकता और प्रकृति के प्रति उसकी अनुकूलता में संतुलन बनाया जाना चाहिए।

 

सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर कोणार्क के सूर्य मंदिर तथा उसके बाद आधुनिक काल तक, भारत के भवन निर्माण और स्थापत्य कला के विकास की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में ऐसी कितनी ही प्रख्यात इमारतें हैं जो स्थानीय कारीगरों द्वारा स्थानीय संसाधनों और तकनीक का उपयोग करके बनाई गई हैं। उन्होंने कहा स्थापत्य और इमारतें किसी भी सभ्यता के विकास का सबसे स्थाई पहचान होती है।

 

टिकाऊ, मजबूत और समावेशी स्थापत्य को विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उप राष्ट्रपति ने स्थापत्य विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वह भारत की समृद्ध स्थापत्य विविधता से प्रेरणा लें, उसे संरक्षित करें और उसे आगे विकसित करें। उन्होंने कहा कि इस विधा के विशेषज्ञ उद्यमी प्रकृति-अनुकूल डिजाइन तथा तकनीक अपनाएं जो स्थानीय लोगों की जरूरत के मुताबिक हों।

 

सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्मार्ट सिटी तथा सबके लिए आवास कार्यक्रमों की सराहना करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि इन कार्यक्रमों को स्थानीय शिल्प परंपराओं से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने इन कार्यक्रमों में स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को भी जोड़ने पर बल दिया। इससे न केवल स्थानीय संस्कृति और स्थापत्य शैली जीवित रहेगी बल्कि प्रतिभाशाली स्थानीय कारीगरों को भी रोजगार मिलेगा जो अपनी कला के माध्यम से संस्कृति को जीवित रखने का अथक प्रयास कर रहे हैं।

 

उन्होंने आर्किटेक्टस से आग्रह किया कि किसी भी प्रोजेक्ट को डिजाइन करते वक्त वे स्थानीय लोगों से भी सलाह मशविरा लें, जिससे कि नया प्रोजेक्ट स्थानीय जरूरतों के अनुरूप हो। उन्होंने आर्किटेक्टस से आग्रह किया कि वह भवन के लिए डिजाइन तैयार करते समय, सुविधा पर अधिक जोर दें। भवन का डिजाइन सुविधा और कलात्मकता एवम् फैशन का संतुलित मिश्रण हो। उन्होंने कहा कोई भवन सिर्फ आश्रय और सुरक्षा प्रधान करने के लिए ही नहीं बल्कि पर सुविधाजनक भी होना चाहिए।

 

उप राष्ट्रपति ने कहा की उन्होंने देशभर के स्थानीय नगर निकायों को सलाह दी थी कि नए भवनों और इमारतों में छत पर सौर ऊर्जा पैनल तथा वर्षा जल संरक्षण के प्रावधान सुनिश्चित किए जाने चाहिए। बारिश के कारण शहरों में बाढ़ और जल जमाव जैसी समस्याओं की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति ने प्रभावी जल निकासी तंत्र विकसित करने का आग्रह किया।

 

बढ़ती जनसंख्या के कारण बढ़ती आवासीय जरूरतों की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जगह बनाने के लिए वर्तमान घरों को न तोड़ा जाए।

 

कोविड-19 महामारी के कारण जन सामान्य के स्वास्थ्य और जीविका पर पड़े प्रभावों की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि इससे विनिर्माण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है, निर्माण का काम ठप्प पड़ गया है। इस संदर्भ में उन्होंने डिजाइनरों और आर्किटेक्ट्स से इस महामारी से पैदा हुई चुनौतियों का कारगर समाधान खोजने की अपील की। उन्होंने महामारी और उस के बाद उसके असर से निपटने के लिए, आर्किटेक्ट्स से नए तरीकों और योजनाओं पर नए सिरे से विचार करने को कहा।