आधिकारिक बुलेटिन - 4 (14-Dec-2018)
श्री रामफल पंवार राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो के निदेशक नियुक्‍त

Posted on December 14th, 2018 | Create PDF File

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नेटग्रिड के संयुक्‍त सचिव श्री रामफल पंवार को एनसीआरबी का निदेशक नियुक्‍त किया गया है। श्री पंवार भारतीय पुलिस सेवा के पश्चिम बंगाल कैडर के 1988 बैच के अधिकारी हैं।

 

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, की स्थापना 1986 में अपराध  और अपराधियों की सूचना  के  संग्रह एवं स्रोत (repository) के रूप में की गई थी जिससे कि अपराध को अपराधियों से जोड़ने में खोजकर्ताओं को सहायता मिल सके।  इसकी स्थापना राष्ट्रीय पुलिस कमीशन  (1977-1981) तथा गृह मंत्रालय के टास्क फोर्स (1985) की सिफ़ारिश के आधार पर की गई थी, जिसमें समन्वय निदेशालय तथा पुलिस कम्प्यूटर (डी॰सी॰पी॰सी॰), सी॰बी॰आई॰ की अंतर्राजीय अपराध डाटा शाखा, सी॰बी॰आई का केंद्रीय अंगुलछाप ब्यूरो तथा  बी॰पी॰आर॰ एवं डी॰ की सांख्यिकीय शाखा समाहित हैं।

 

     राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्ष  1995 में अपराध एवं अपराधी सूचना प्रणाली (सी॰सी॰आई॰एस॰), सामान्य एकीकृत पुलिस अनुप्रयोग  (Common Integrated PoliceApplication) (सी॰आई॰पी॰ए॰) 2004 में तथा अंत में अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सी॰सी॰टी॰एन॰एस॰) 2009 में विकसित किया।  देश में सी॰सी॰टी॰एन॰एस॰ लगभग 15000 पुलिस स्टेशन तथा देश के 6000 उच्च कार्यालयों को जोड़ता है।

 

     नेशनल डिजिटल पुलिस पोर्टल (https://digitalpolice.gov.in) को दिनांक 21.08.2017 को आरंभ किया गया था जो कि एक अपराधी/संदिग्ध को नेशनल डेटा बेस पर ढूंढने में सहायक हो। यह नागरिकों को विभिन्न सेवायें जैसे कि ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने तथा किरायेदारों, घरेलु नौकर, ड्राईवर आदि के पूर्ववृत्त को सत्यापित करने जैसी विभिन्न सेवायेँ भी प्रदान कर रहा है।

 

     भविष्य में, यह भी प्रस्ताव है कि पुलिस, कोर्ट, अभियोजन, जेल तथा फोरेंसिक लैब एवं अंगुलि छाप ब्यूरो को एक अंतरसंचालित आपराधिक न्याय प्रणाली (ICJS) से जोड़ा जाये ताकि आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न विधाओं के बीच आंकड़ों के आदान-प्रदान तथा खोज में मदद मिल सके।

 

     एन॰आर॰आर॰बी॰ राष्ट्रीय अपराध सांख्यिकी की ‘क्राइम इन इंडिया’, 'दुर्घटना में मृत्यु तथा आत्महत्या’ एवं ‘जेल सांख्यिकी’ जैसी राष्ट्रीय अपराध सांख्यिकीय की सूचनाओं का संकलन तथा प्रकाशन भी करता है।  इन प्रकाशनों का नीति निर्धारकों, पुलिस, अपराधविदों, शोधकर्ताओं तथा मीडिया के लिए न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी मुख्य संदर्भ के रूप में प्रयोग होता है।

 

 राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने विभिन्न आई॰टी॰ आधारित  लोक सेवायें जैसे, वाहन समन्वय  (ऑनलाइन मोटर वेहिकल मैचिंग), तलाश (गुमशुदा व्यक्तियों तथा मृत शरीरों का मिलान) भी शुरू की है।  ब्यूरो की वेबसाइट पर एंड्रोएड तथा आई॰ओ॰एस॰ दोनों के लिए मोबाइल एप्लीकेशन उपलब्ध है।  इसके साथ ही, एन॰सी॰आर॰बी॰ जाली मुद्रा की सूचना तथा प्रबंध प्रणाली तथा गुम हुए एवं जब्त अस्त्रों के लिए समन्वय प्रणाली का भी रखरखाव करता है।

 

     केंद्रीय अंगुलि छाप ब्यूरो देश के सभी अंगुलि चिन्हों का राष्ट्रीय संग्रह है जिसमें अपराधियों का एक मिलियन से भी अधिक दस अंकीय फिंगर प्रिंट डाटा बेस  (सजायाफ्ता और गिरफ्तार दोनों) तैयार किया है तथा यह फ़ैक्टस (Finger Print Analysis and Criminal Tracing System) पर  सर्च सुविधा प्रदान करता है। निकट भविष्य में, इसे नाफिस (NAFIS) में अपग्रेड करने का प्रस्ताव है जिससे कि सभी राज्य एन॰सी॰आर॰बी॰ को सीधे ही ऑनलाइन फिंगरप्रिंट/शस्त्र संबंधी जानकारी भेजने/ढूंढने में समर्थ होंगे।

 

     एन॰सी॰आर॰बी॰ दिल्ली तथा कोलकाता में अपने प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से फिंगरप्रिंट, सी॰सी॰टी॰एन॰एस॰, नेटवर्क सुरक्षा  तथा डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में क्षमता विकसित करने में भी विभिन्न राज्यों की सहायता करता है।  एन॰सी॰आर॰बी॰ ने अभी तक हैदराबाद, गांधीनगर, लखनऊ एवं कोलकाता के 4 क्षेत्रीय पुलिस कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्रों (RPCTC) में 2189 से भी अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये तथा अभी तक लगभग 61861 अधिकारियों को  प्रशिक्षित किया है जिसमें  30314 भारतीय पुलिस अधिकारी (सी॰सी॰आई॰एस॰ के 15925 को मिला कर), 1519 विदेशी कानून प्रवर्त्तन अधिकारी शामिल हैं।  इसके अलावा, सी॰सी॰टी॰एस॰ ने 5 लाख से भी अधिक पुलिस कार्मिकों को सिस्टम इंटीग्रेटर्स की सहायता से उनके कार्य-कलापों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया है।