आधिकारिक बुलेटिन - 2 (23-June-2020)^श्री गौड़ा ने तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड की प्रगति का जायजा लिया^(Shri Gowda took stock of progress of Talcher Fertilizers Ltd)
Posted on June 23rd, 2020
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डीवी सदानंद गौड़ा ने तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (टीएफएल) की प्रगति का जायजा लिया।
तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ओडिशा के तालचर में 12.7 लाख एमटी प्रति वर्ष की क्षमता वाली यूरिया इकाई का निर्माण कर रहा है। यह गेल, सीआईएल, आरसीएफ और एफसीआईएल की संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) है। पूरा होने के बाद यह भारत में यूरिया के उत्पादन के लिए कोयला गैसीकरण तकनीक का उपयोग करने वाला पहला संयंत्र होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 13,270 करोड़ रुपये है। परियोजना के पूरा होने से आयातित यूरिया पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी और इससे रोजगार के सैकड़ों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसरों के सृजन होने की उम्मीद है।
बैठक के दौरान श्री एस.एन. यादव, एमडी ने परियोजना की प्रगति और कोविड-19 संकट के कारण परियोजना के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मई से काम शुरू हो गया है और काम में तेजी आयी है। हालांकि, यात्रा प्रतिबंध और श्रमिकों की कमी जैसे मुद्दों के कारण परियोजना में लगभग छह महीने की देरी हो गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि परियोजना को निर्धारित समयसीमा में शुरू किया जाएगा।
मंत्री श्री गौड़ा ने कहा कि कोविड की स्थिति के कारण वर्तमान में परियोजना के निष्पादन में देरी हो सकती है, हालांकि, हमें भविष्य में तेजी से काम करके वर्तमान देरी की भरपाई करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि परियोजना को निर्धारित समय-सीमा, सितंबर 2023 तक कमीशन किया जा सके। रामागुंडम, गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी में अन्य चार पुनरुद्धार परियोजनाओं के साथ, टीएफएल यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल से सम्बंधित प्रधानमंत्री के विज़न को पूरा करने में सक्षम होगा।
आधिकारिक बुलेटिन - 2 (23-June-2020)श्री गौड़ा ने तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड की प्रगति का जायजा लिया(Shri Gowda took stock of progress of Talcher Fertilizers Ltd)
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डीवी सदानंद गौड़ा ने तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (टीएफएल) की प्रगति का जायजा लिया।
तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ओडिशा के तालचर में 12.7 लाख एमटी प्रति वर्ष की क्षमता वाली यूरिया इकाई का निर्माण कर रहा है। यह गेल, सीआईएल, आरसीएफ और एफसीआईएल की संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) है। पूरा होने के बाद यह भारत में यूरिया के उत्पादन के लिए कोयला गैसीकरण तकनीक का उपयोग करने वाला पहला संयंत्र होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 13,270 करोड़ रुपये है। परियोजना के पूरा होने से आयातित यूरिया पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी और इससे रोजगार के सैकड़ों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसरों के सृजन होने की उम्मीद है।
बैठक के दौरान श्री एस.एन. यादव, एमडी ने परियोजना की प्रगति और कोविड-19 संकट के कारण परियोजना के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मई से काम शुरू हो गया है और काम में तेजी आयी है। हालांकि, यात्रा प्रतिबंध और श्रमिकों की कमी जैसे मुद्दों के कारण परियोजना में लगभग छह महीने की देरी हो गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि परियोजना को निर्धारित समयसीमा में शुरू किया जाएगा।
मंत्री श्री गौड़ा ने कहा कि कोविड की स्थिति के कारण वर्तमान में परियोजना के निष्पादन में देरी हो सकती है, हालांकि, हमें भविष्य में तेजी से काम करके वर्तमान देरी की भरपाई करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि परियोजना को निर्धारित समय-सीमा, सितंबर 2023 तक कमीशन किया जा सके। रामागुंडम, गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी में अन्य चार पुनरुद्धार परियोजनाओं के साथ, टीएफएल यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल से सम्बंधित प्रधानमंत्री के विज़न को पूरा करने में सक्षम होगा।