आधिकारिक बुलेटिन -2 (28-Jan-2019)
राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) की शुरूआत हुयी
(National Agricultural Higher Education Project (NAHEP) launched)
Posted on January 28th, 2019 | Create PDF File
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने विद्यार्थी कल्याण न्यास द्वारा पूसा, नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय "एग्रीविज़न 2019" के चौथे सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि कृषि में कुशल मानव संसाधन, कृषि उन्नति का आधार बने। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से मोदी सरकार ने कृषि शिक्षा के उत्थान पर विशेष जोर दिया है, जिसके तहत कृषि शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन आये हैं।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि शिक्षा को उपयोगी बनाने के लिए पाँचवीं डीन समिति की सिफारिशों को सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू करा दिया गया है। इसके तहत कृषि डिग्री के पाठ्यक्रमों को संशोधित कर उसमें जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, बायो इन्फ़ौर्मेटिक्स, दूर संवेदी, जैविक खेती, कृषि व्यवसाय प्रबंधन, आदि विषयों को सम्मिलित किया गया है। इसमें अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही चार नए विषय बी.टेक (बायो टेक्नोलॉजी), बी.एस.सी. (समुदाय विज्ञान), बी.एस.सी. (खाद्य पोषण और आहार विद्या) तथा बी.एस.सी. (रेशम उत्पादन) को भी शामिल किया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि आईसीएआर ने हाल ही में 1100 करोड़ रुपये की कुल निधि के साथ प्रतिभाओं को आकर्षित करने और देश में उच्चतर कृषि शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) शुरू किया है। इस परियोजना का विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा 50:50 साझा लागत के आधार पर वित्तपोषण किया जाएगा। इसके अलावा कृषि, बागवानी, मछली पालन और वानिकी में चार वर्षीय डिग्री को व्यावसायिक डिग्री घोषित किया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि पूर्वी भारत सहित पूर्वोत्तर में हरित क्रांति के संबंध में सरकार की पहल को सुदृढ़ करने के लिए राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत किया गया है। इसके साथ आईएआरआई(भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान), पूसा नई दिल्ली की तर्ज पर बरही, झारखंड में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) की स्थापना की गई है। एक अन्य आईएआरआई को असम में स्थापित किया जा रहा है।
कृषि व्यापार में छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ‘स्टूडेंट रेडी’ नामक ग्रामीण उद्यमशीलता जागरूकता विकास योजना चलाई जा रही है। इसके तहत परास्नातक छात्रों को कृषि और उद्यमशीलता के लिए व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है।
कृषि के क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच एक समझौता-दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत देश के कृषि विज्ञान केन्द्रों पर नियमित रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि एवं संबंधित विषयों पर आधारित हैं।