आधिकारिक बुलेटिन -3 (11-Sept-2019)^सूचना और प्रसारण मंत्री ने बधिर लोगों के लिए टी.वी. कार्यक्रमों को देखने में सुविधा हेतु मानक लागू करने की घोषणा की^(I&B Minister announces implementation of Accessibility Standard for TV Programmes for the Hearing Impaired)
Posted on September 11th, 2019
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने बधिर लोगों के लिए टी.वी. कार्यक्रमों को देखने में सुविधा हेतु मानक लागू करने की घोषणा की। यह कार्य शीर्षक लगाने और भारतीय सांकेतिक भाषा के जरिए किया जाएगा।
श्री जावड़ेकर ने घोषणा करते हुए कहा कि सभी समाचार चैनल सांकेतिक भाषा के साथ कम से कम एक समाचार बुलेटिन प्रतिदिन प्रसारित करेंगे और सभी टीवी चैनल और सेवाप्रदाता कंपनियां कम से कम एक कार्यक्रम प्रति सप्ताह प्रसारित करेंगी जिसमें उप-शीर्षक / शीर्षक लगे होंगे।
लाइव समाचार तथा लाइव खेल, संगीत पुरस्कार समारोह, रिएलिटी कार्यक्रम, विज्ञापन, टेलीशॉपिंग आदि को इन मानकों से छूट दी गई है।
इसे 16 सितंबर, 2019 से लागू किया जाएगा। मानकों का संपूर्ण कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से अगले पांच वर्षों में किया जाएगा। दो वर्षों के बाद नीति की समीक्षा की जाएगी।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए फिल्मों में संवाद के बीच कथावाचन का भी परीक्षण किया जा रहा है।
आधिकारिक बुलेटिन -3 (11-Sept-2019)सूचना और प्रसारण मंत्री ने बधिर लोगों के लिए टी.वी. कार्यक्रमों को देखने में सुविधा हेतु मानक लागू करने की घोषणा की(I&B Minister announces implementation of Accessibility Standard for TV Programmes for the Hearing Impaired)
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने बधिर लोगों के लिए टी.वी. कार्यक्रमों को देखने में सुविधा हेतु मानक लागू करने की घोषणा की। यह कार्य शीर्षक लगाने और भारतीय सांकेतिक भाषा के जरिए किया जाएगा।
श्री जावड़ेकर ने घोषणा करते हुए कहा कि सभी समाचार चैनल सांकेतिक भाषा के साथ कम से कम एक समाचार बुलेटिन प्रतिदिन प्रसारित करेंगे और सभी टीवी चैनल और सेवाप्रदाता कंपनियां कम से कम एक कार्यक्रम प्रति सप्ताह प्रसारित करेंगी जिसमें उप-शीर्षक / शीर्षक लगे होंगे।
लाइव समाचार तथा लाइव खेल, संगीत पुरस्कार समारोह, रिएलिटी कार्यक्रम, विज्ञापन, टेलीशॉपिंग आदि को इन मानकों से छूट दी गई है।
इसे 16 सितंबर, 2019 से लागू किया जाएगा। मानकों का संपूर्ण कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से अगले पांच वर्षों में किया जाएगा। दो वर्षों के बाद नीति की समीक्षा की जाएगी।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए फिल्मों में संवाद के बीच कथावाचन का भी परीक्षण किया जा रहा है।