आधिकारिक बुलेटिन - 2 (12-Dec-2020)
हस्तशिल्प एवं जीआई खिलौनों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से छूट मिली
(Handicraft and GI Toys exempted from Quality Control Order)

Posted on December 12th, 2020 | Create PDF File

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भारत को खिलौनों की बिक्री एवं निर्यात के लिए एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के प्रधानमंत्री के विजन की दिशा में कदम उठाते हुए वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने देश भर में स्वदेशी खिलौनों का उत्पादन एवं बिक्री बढ़ाने की दिशा में लिए जा रहे कदमों के साथ एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। विभाग द्वारा खिलौनों के मानकीकरण एवं गुणवत्ता अनुपालन के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 01 जनवरी, 2021 से प्रभावी होगा। इस आदेश का लक्ष्य प्राथमिकता के आधार पर स्वदेशी खिलौनों के गुणवत्ता मानक को बरकरार रखते हुए ‘खिलौनों के लिए टीम अप’ को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार, राज्यों एवं हितधारकों के समन्वित प्रयासों को आगे बढ़ाना है।

 

अब, देश में मझोली, छोटी तथा सूक्ष्म खिलौना उत्पादन इकाईयों को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए की जा रही पहलों के हिस्से के रूप में, डीपीआईआईटी ने खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) द्वितीय संशोधन आदेश, 2020 जारी किया है। यह विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के साथ पंजीकृत कारीगरों द्वारा उत्पादित एवं बिक्री की जाने वाली वस्तुओं को बीआईएस (अनुरूपता आकलन) विनियमन, 2018 की अनुसूची-II की स्कीम-1 के अनुरूप भारतीय मानक ब्यूरो से लाइसेंस के तहत मानक चिन्ह के उपयोग से छूट प्रदान करता है।

 

संशोधन आदेश, 2020 भौगोलिक संकेतकों के रूप में पंजीकृत उत्पादों को भी बीआईएस (अनुरूपता आकलन) विनियमन, 2018 की अनुसूची-II की स्कीम-1 के अनुरूप, भारतीय खिलौना मानकों का अनुपालन करने तथा ब्यूरो से मानक चिन्ह लाइसेंस के अनिवार्य उपयोग से छूट प्रदान करता है। विभाग द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि ‘इस आदेश में कुछ भी पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क (सीजीपीडीटीएम) कार्यालय के भौगोलिक संकेतक पंजीयक द्वारा भौगोलिक संकेतक के रूप में पंजीकृत उत्पादों के पंजीकृत स्वामी तथा अधिकृत उपयोगकर्ता द्वारा विनिर्मित तथा बेची गई वस्तुओं और सामानों पर लागू नहीं होगा।’