आधिकारिक बुलेटिन -3 (9-Aug-2020)
डॉ. हर्षवर्धन ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए टेली-मेडिसिन प्‍लेटफॉर्म ईसंजीवनी को लोकप्रिय बनाने में राज्‍यों के योगदान की सराहना की
(Dr. Harsh vardhan lauds the contribution of States in popularising eSanjeevani, the Tele-Medicine platform rolled out by Health Ministry)

Posted on August 9th, 2020 | Create PDF File

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केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज राज्यों / केन्‍द्र शासित प्रदेशों के साथ‘ई संजीवनी’ और ‘ई संजीवनी ओपीडी’ प्‍लेटफार्मों के बारे में एक समीक्षा बैठक की अध्‍यक्षता की। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के टेली मेडिसिन सेवा प्‍लेटफॉर्मों पर 1.5 लाख टेली-परामर्श पूरे हो गए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबेभी इस अवसर पर उपस्थित थे। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.सी. विजय भास्‍कर इसमेंवर्चुअल रूप से शामिल हुए।

 

नवम्‍बर 2019 के बाद बहुत कम समय में ही ‘ई संजीवनी’ और ‘ई संजीवनी ओपीडी’ द्वारा टेली-परामर्श 23 राज्यों (जिसमें 75 प्रतिशत आबादी रहती है) द्वारा लागू किया गया और अन्य राज्य इसको शुरू करने की प्रक्रिया में हैं।

 

एक ऐतिहासिक उपलब्धि मेंराष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा ने 1,50,000 से अधिक टेली-परामर्शों को पूरा किया औरअपने घरों में रहते हुए ही मरीजों को डॉक्‍टरों के साथ परामर्श करने में सक्षम बनाया।

 

इस उपलब्धि की सराहना व्यक्त करते हुएडॉ. हर्षवर्धन ने कहाकिमाननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन मेंहमने आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्रों पर ब्रॉडबैंड और मोबाइल फोन के माध्यम से डिजिटल इंडिया के विजन को लागू करने का काम शुरू कर दिया है। राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशोंके सहयोग सेऔर निस्वार्थ तथा प्रतिभाशाली चिकित्सकों और विशेषज्ञों के एक पूल के साथ हमई संजीवनी जैसे टेली-मेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्‍यम से स्वास्थ्य सेवाएंउपलब्‍ध कराने में समर्थ हुए हैं। इससे कोविडमहामारी के दौरान हमारे स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे मेंव्‍यापक रूप से बढ़ोतरी हुई है।

 

इसी तरह की भावनाओं को व्‍यक्‍त करते हुएश्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए क्रांतिकारी परिवर्तक सिद्ध होगा कयोंकि इन क्षेत्रों के लोगों की शहरों में स्थित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ पहुँच नहीं होती है।

 

ई संजीवनीप्लेटफॉर्म ने दो प्रकार की टेली-मेडिसिन सेवाओं को सक्षम बनाया है जैसे डॉक्टर-से-डॉक्टर (ई संजीवनी) और रोगी-से-डॉक्टर (ई संजीवनीओपीडी) टेली-परामर्श। पहली सेवा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के तहत लागू की गई है। दिसम्‍बर 2022 तक 'हब एंड स्पोक' मॉडल में सभी 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्रोंमें टेली-परामर्श लागू करने की योजना बनाई गई है। राज्यों ने चिकित्‍सा कॉलेजों और जिला अस्पतालों में स्पोक्‍स जैसेएसएचसी और पीएचसी को टेली-परामर्श सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए समर्पित केन्‍द्रों की पहचान की है और उन्‍हें स्‍थापित किया है। आज सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों को मिलाकर 12,000 उपयोगकर्ताओं को इस राष्ट्रीय ई-प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान मेंटेलीमेडिसिन 10 राज्यों में 3,000 से अधिक एचडब्ल्यूसी के माध्यम से उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

 

चल रहीकोविड-19 महामारी के कारणस्वास्थ्य मंत्रालय ने दूसरी टेली-परामर्श सेवा शुरू की है ताकि ई संजीवनी ओपीडी के माध्‍यम से रोगी से डॉक्‍टर टेली-मेडिसिन को सक्षम बनाया जा सके। बिना किसी खर्च केयह ई-स्वास्थ्य सेवा तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है, क्योंकि लगभग 20 राज्यों में नागरिक अब व्‍यक्तिगत रूप से बिना अस्‍पताल जाए डॉक्टरों से परामर्श कर रहे हैं। लगभग 2800 डॉक्टरों को ई संजीवनी ओपीडी में डॉक्‍टरों को प्रशिक्षित और ऑन-बोर्ड किया गया है और रोजाना देश भर में लगभग 250 डॉक्टर और विशेषज्ञ विभिन्‍न चरणों में लॉकडाउन में छूट देने के बावजूद ई स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध करा रहे हैं। यह एंड्रॉइडमोबाइल एप्लिकेशन के रूप में भी उपलब्ध है। इसने लोगों को बिना यात्रा किए स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सुगम बना दिया है। यह भी सुनिश्चित होता है कि मरीज को डॉक्‍टर प्रवेश करने के बाद लगभग पांच मिनट में ही देख ले।

 

अब तकदेश में कुल 1,58,000 टेली-परामर्श उपलब्‍ध कराए गए हैं जिनमें से 67,000 परामर्श आयुष्मान भारत एचडब्ल्यूसी में ई संजीवनी के माध्यम से और 91,000 रोगियों कोई संजीवनी ओपीडी मोड के माध्यम से डॉक्‍टरी परामर्श उपलब्‍ध कराए गए हैं। वर्तमान मेंऔसत रूप से दोनों मोड्स (ई संजीवनीऔर ई संजीवनी ओपीडी)केमाध्‍यम से 5,000 परामर्श प्रदान किए जाते हैं। इन प्लेटफार्मों की क्षमता बढ़ाकर 5 लाख परामर्श प्रतिदिन कर दी गई है।

 

टेली-मेडिसिन प्लेटफॉर्म 40 से अधिक ऑनलाइन ओपीडी की मेजबानी कर रहा हैइनमें से आधे से अधिक विशेषज्ञ ओपीडी हैं जिनमें स्त्री रोग, मनोचिकित्सा, त्वचा विज्ञान, ईएनटी, नेत्र विज्ञान, एड्स/एचआईवी मरीजों के लिए एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) और गैर संचारी बीमारियां (एनसीडी) आदि शामिल हैं।

 

ई संजीवनी और ई संजीवनी ओपीडी प्लेटफॉर्म के माध्यम से सबसे ज्यादा परामर्श देने वाले शीर्ष दस राज्यों में तमिलनाडु (32,035 परामर्श), आंध्र प्रदेश (28,960), हिमाचल प्रदेश (24,527), उत्तर प्रदेश (20,030), केरल (15,988), गुजरात (7127),पंजाब (4450), राजस्थान (3548), महाराष्ट्र (3284) और उत्तराखंड (2596)शामिल हैं।

 

एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी मेंडॉक्टर-से-डॉक्टर ई संजीवनी परामर्श आंध्र प्रदेश (25,478) और हिमाचल प्रदेश (23,857) हुए हैं जबकि तमिलनाडु में रोगी से डॉक्‍टर ईसंजीवनीओपीडी सेवाओं में 32,035 परामर्शों हुए हैं।

 

राज्यों के साथ चर्चा परामर्श मेंइस ईस्वास्थ्य सेवाओं (ईसंजीवनी और ईसंजीवनी ओपीडी प्लेटफॉर्म) का उपयोग करने वाले सभी राज्यों के योगदान की सराहना की गई। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्रालय और सी-डैक द्वारा टेली-मेडिसिन प्लेटफॉर्म शुरू करने के लिए दी गई सहायता के लिए धन्‍यवाद देते हुए ऑनलाइन ओपीडी सेवाओं के माध्यम से सबसे अधिक परामर्श (32,035) दर्ज कराने की राज्‍य की उपलब्धि पर प्रकाश डाला। राज्यों द्वारा अपनाई गई कुछ प्रथाओं के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया जैसे आंध्र प्रदेश ने सभी पंचायतों / पीएचसी में ईसंजीवनी का कार्यान्‍वयन शुरू किया है। हिमाचल प्रदेश ने ई-ओपीडी के माध्यम से कई विशिष्ट सेवाएं पहले ही उपलब्‍ध करा रखी हैं; उत्तर प्रदेश ने एक महीने से भी कम समय में 20,030 परामर्श पंजीकृत किए गए हैं; जबकि केरल ने पलक्कड़ जिले की जेल में टेली-मेडिसिन सेवाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है।

 

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्य सचिव श्री राजेश भूषणऔर मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। सी-डैक के कार्यकारी निदेशक डॉ. पी.के. खोसला, सी-डैक के एसोसिएट निदेशकश्री संजय सूद, स्वास्थ्य सचिव,एनएचएम के एमडी और आमंत्रित राज्‍यों के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी डिजिटल रूप से शामिल हुए।