आधिकारिक बुलेटिन - 4 (20-Dec-2020)^सशस्त्र बलों को सौंपी गई रक्षा प्रणालियाँ^(Defense Systems assigned to the Armed Forces)
Posted on December 20th, 2020
हाल ही में रक्षा मंत्री ने थल सेना, नौसेना और वायु सेना को तीन प्रणालियाँ क्रमशः बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम (Border Surveillance System- BOSS), इंडियन मेरिटाइम सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम (IMSAS) तथा अस्त्र एमके-I (ASTRA Mk-I) सौंपीं।ये तीनों प्रणालियाँ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रयोगशालाओं में स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं जिससे रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्च आत्मनिर्भरता आएगी।
इंडियन मेरिटाइम सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम (IMSAS) एक अत्याधुनिक, पूरी तरह से स्वदेशी, उच्च प्रदर्शन वाला इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर सिस्टम है, जो भारतीय नौसेना को ग्लोबल मेरिटाइम सिचुएशनल पिक्चर, मैरिन प्लानिंग टूल्स और विश्लेषणात्मक क्षमता प्रदान करता है। यह प्रणाली नौसेना कमान एवं नियंत्रण (Command and control- C2) को सक्षम करने के लिये समुद्र में प्रत्येक जहाज़ को नौसेना मुख्यालय से मेरिटाइम ऑपरेशनल पिक्चर उपलब्ध कराती है। इस उत्पाद की संकल्पना एवं विकास, सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (CAIR), बंगलूरू और भारतीय नौसेना ने संयुक्त रूप से किया है। वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बंगलूरू ने इसे लागू किया है।
अस्त्र एमके-I स्वदेशी रूप से विकसित ‘दृश्य सीमा से परे’ (Beyond Visual Range- BVR) पहली मिसाइल है, जिसे सुखोई-30, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA), मिग-29 और मिग-29के से प्रक्षेपित किया जा सकता है। वैश्विक स्तर पर कुछ देशों के पास ही इस तरह की हथियार प्रणाली को डिज़ाइन और उत्पादन करने की विशेषज्ञता एवं क्षमता है। रक्षा अनुसंधान व विकास प्रयोगशाला (DRDL), हैदराबाद द्वारा सफलतापूर्वक विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL), हैदराबाद द्वारा तैयार की गई अस्त्र हथियार प्रणाली ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा योगदान है।
बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम (BOSS) सभी मौसमों में काम करने वाला एक इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (IRDE), देहरादून द्वारा सफलतापूर्वक अभिकल्पित और विकसित किया गया है। इस प्रणाली को दिन-रात निगरानी के लिये लद्दाख सीमा क्षेत्र में तैनात किया गया है। यह प्रणाली सुदूर संचालन क्षमता के साथ कठिन एवं अधिक ऊँचाई वाले और शून्य से नीचे तापमान वाले क्षेत्रों (Sub-zero Temperature Areas) में घुसपैठ का स्वत: पता लगाकर जाँच और निगरानी की सुविधा प्रदान करती है। इस प्रणाली का उत्पादन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), मछलीपटनम द्वारा किया गया है।
आधिकारिक बुलेटिन - 4 (20-Dec-2020)सशस्त्र बलों को सौंपी गई रक्षा प्रणालियाँ(Defense Systems assigned to the Armed Forces)
हाल ही में रक्षा मंत्री ने थल सेना, नौसेना और वायु सेना को तीन प्रणालियाँ क्रमशः बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम (Border Surveillance System- BOSS), इंडियन मेरिटाइम सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम (IMSAS) तथा अस्त्र एमके-I (ASTRA Mk-I) सौंपीं।ये तीनों प्रणालियाँ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रयोगशालाओं में स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं जिससे रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्च आत्मनिर्भरता आएगी।
इंडियन मेरिटाइम सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम (IMSAS) एक अत्याधुनिक, पूरी तरह से स्वदेशी, उच्च प्रदर्शन वाला इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर सिस्टम है, जो भारतीय नौसेना को ग्लोबल मेरिटाइम सिचुएशनल पिक्चर, मैरिन प्लानिंग टूल्स और विश्लेषणात्मक क्षमता प्रदान करता है। यह प्रणाली नौसेना कमान एवं नियंत्रण (Command and control- C2) को सक्षम करने के लिये समुद्र में प्रत्येक जहाज़ को नौसेना मुख्यालय से मेरिटाइम ऑपरेशनल पिक्चर उपलब्ध कराती है। इस उत्पाद की संकल्पना एवं विकास, सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (CAIR), बंगलूरू और भारतीय नौसेना ने संयुक्त रूप से किया है। वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बंगलूरू ने इसे लागू किया है।
अस्त्र एमके-I स्वदेशी रूप से विकसित ‘दृश्य सीमा से परे’ (Beyond Visual Range- BVR) पहली मिसाइल है, जिसे सुखोई-30, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA), मिग-29 और मिग-29के से प्रक्षेपित किया जा सकता है। वैश्विक स्तर पर कुछ देशों के पास ही इस तरह की हथियार प्रणाली को डिज़ाइन और उत्पादन करने की विशेषज्ञता एवं क्षमता है। रक्षा अनुसंधान व विकास प्रयोगशाला (DRDL), हैदराबाद द्वारा सफलतापूर्वक विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL), हैदराबाद द्वारा तैयार की गई अस्त्र हथियार प्रणाली ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा योगदान है।
बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम (BOSS) सभी मौसमों में काम करने वाला एक इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (IRDE), देहरादून द्वारा सफलतापूर्वक अभिकल्पित और विकसित किया गया है। इस प्रणाली को दिन-रात निगरानी के लिये लद्दाख सीमा क्षेत्र में तैनात किया गया है। यह प्रणाली सुदूर संचालन क्षमता के साथ कठिन एवं अधिक ऊँचाई वाले और शून्य से नीचे तापमान वाले क्षेत्रों (Sub-zero Temperature Areas) में घुसपैठ का स्वत: पता लगाकर जाँच और निगरानी की सुविधा प्रदान करती है। इस प्रणाली का उत्पादन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), मछलीपटनम द्वारा किया गया है।