आधिकारिक बुलेटिन -3 (31-July-2019)
मंत्रिमंडल ने भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष में अन्‍वेषण और उपयोग में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
(Cabinet approves Memorandum of Understanding between Indian Space Research Organisation and the Bolivian Space Agency on Cooperation in the Exploration and Uses of Outer Space for peaceful purposes)

Posted on July 31st, 2019 | Create PDF File

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष में अन्‍वेषण और उपयोग में सहयोग के लिए भारत और बोलिविया के मध्‍य हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान की है।

 

इस समझौता ज्ञापन पर 29 मार्च, 2019 को भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी ने भारत के राष्‍ट्रपति की बोलिविया यात्रा के दौरान सांता क्रूज डि ला सियरा, बोलिविया में हस्‍ताक्षर किए गए।

 

विवरण:

यह समझौता ज्ञापन, पृथ्‍वी की रिमोर्ट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह आधारित नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह-संबंधी अन्‍वेषण, अंतरिक्षयान, अंतरिक्ष प्रणालियों और भूतल प्रणाली के उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग सहित अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा अनुप्रयोगों जैसे सहयोग के संभावित हित क्षेत्रों को समर्थ बनाएगा।


यह समझौता ज्ञापन इसरो और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी (एबीए) सदस्‍यों को शामिल करके एक संयुक्‍त कार्य समूह स्‍थापित करने में मदद करेगा, जो समय-सीमा और समझौता ज्ञापन कार्यान्‍वयन के तरीकों सहित कार्य-योजना भी तैयार करेगा।


कार्यान्‍वयन नीति और लक्ष्‍य :

इस हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन से निर्दिष्‍ट कार्यान्‍वयन प्रबंध पूरा करने तथा समय-सीमा और इस समझौता ज्ञापन के कार्यान्‍वयन तरीकों सहित कार्य-योजना तैयार करने के लिए एक संयुक्‍त कार्य समूह स्‍थापित करने में मदद मिलेगी।

 

प्रमुख प्रभाव:

यह समझौता ज्ञापन पृथ्‍वी के रिमोर्ट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और बाह्य अंतरिक्ष के अन्‍वेषण के क्षेत्र में नई अनुसंधान गतिविधियों एवं अनुप्रयोग संभावनाओं का पता लगाने में मदद करेगा।

 

आने वाला व्‍यय:

प्रत्‍येक निर्दिष्‍ट गतिविधि के संबंध में वित्‍तीय योगदान संयुक्‍त गतिविधि के स्‍वरूप पर निर्भर करेगा, जिसका ब्‍यौरा संबंधित कार्यान्‍वयन समझौतों (प्रबंधों)/अनुबंधों में दिया जाएगा।

 

लाभ:

इस समझौता ज्ञापन से मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों के क्षेत्र में संयुक्‍त गतिविधि विकसित करने में बढ़ावा मिलेगा।

 

पृष्‍ठभूमि:

बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी (एबीई) ने बोलिविया में भारत के राजदूत को दिसंबर, 2016 को लिखे पत्र में इसरो के साथ अंतरिक्ष सहयोग स्‍थापित करने की इच्‍छा जाहिर की थी। इसी की अनुवर्ती कार्यवाही में इसरो ने 5-6 जून, 2017 को दो सदस्‍यीय शिष्‍टमंडल की मेजबानी के दौरान पृथ्‍वी पर्यवेक्षण और उपग्रह संचार में संभावित सहयोग के बारे में विचार-विमर्श किया। एबीई शिष्‍टमंडल ने बैंगलुरु में इसरो की तकनीकी सुविधाओं का अवलोकन किया। बोलिविया के पक्ष ने भारत के साथ अंतरिक्ष सहयोग शुरु करने के बारे में काफी दिलचस्‍पी जाहिर की। बोलिविया में भारत के राजदूत ने इसरो से अंतरिक्ष सहयोग के बारे में एक मानक मसौदा भेजने का अनुरोध किया, जिसे बोलिविया के साथ साझा किया जा सके।


इस अनुरोध के महत्‍व पर ध्‍यान देते हुए भारत-बोलिविया अंतरिक्ष सहयोग के लिए एजेंसी स्‍तर का एमओयू मसौदा बोलिविया के पक्ष के साथ इसरो के अध्‍यक्ष/सचिव डीओएस के अनुमोदन से साझा किया गया। तदनुसार बोलिविया पक्ष ने अपनी सहमति दी और दोनों पक्ष हस्‍ताक्षर करने के लिए इस प्रारूप पर सहमत हुए।