आधिकारिक बुलेटिन - 2 (8-Jan-2020)^कैबिनेट ने भारत और स्वीडन के बीच ध्रुवीय विज्ञान में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी (Cabinet approves Memorandum of Understanding between India and Sweden on cooperation in Polar Science)
Posted on January 8th, 2020
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट को भारत के भू-विज्ञान मंत्रालय और स्वीडन के शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय के बीच ध्रुवीय विज्ञान में सहयोग पर समझौते से अवगत कराया गया है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 2 दिसंबर, 2019 को हुए थे।
भारत और स्वीडन दोनों ने अंटार्कटिक संधि और पर्यावरण सुरक्षा पर अंटार्कटिक संधि के मसविदा पर हस्ताक्षर किए हैं। आठ आर्कटिक देशों में से एक स्वीडन आर्कटिक परिषद का एक सदस्य है जबकि भारत को आर्कटिक परिषद में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है। स्वीडन दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों आर्कटिक और अंटार्कटिक में कई वैज्ञानिक कार्यक्रम चला रहा है। इसी तरह भारत महासागरीय क्षेत्र सहित दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रम चला रहा है।
ध्रुवीय विज्ञान में भारत और स्वीडन के बीच इस सहयोग से दोनों देशों को एक दूसरे की उपलब्ध विशेषज्ञता साझा करने मे मदद मिलेगी।
आधिकारिक बुलेटिन - 2 (8-Jan-2020)कैबिनेट ने भारत और स्वीडन के बीच ध्रुवीय विज्ञान में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी (Cabinet approves Memorandum of Understanding between India and Sweden on cooperation in Polar Science)
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट को भारत के भू-विज्ञान मंत्रालय और स्वीडन के शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय के बीच ध्रुवीय विज्ञान में सहयोग पर समझौते से अवगत कराया गया है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 2 दिसंबर, 2019 को हुए थे।
भारत और स्वीडन दोनों ने अंटार्कटिक संधि और पर्यावरण सुरक्षा पर अंटार्कटिक संधि के मसविदा पर हस्ताक्षर किए हैं। आठ आर्कटिक देशों में से एक स्वीडन आर्कटिक परिषद का एक सदस्य है जबकि भारत को आर्कटिक परिषद में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है। स्वीडन दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों आर्कटिक और अंटार्कटिक में कई वैज्ञानिक कार्यक्रम चला रहा है। इसी तरह भारत महासागरीय क्षेत्र सहित दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रम चला रहा है।
ध्रुवीय विज्ञान में भारत और स्वीडन के बीच इस सहयोग से दोनों देशों को एक दूसरे की उपलब्ध विशेषज्ञता साझा करने मे मदद मिलेगी।