आधिकारिक बुलेटिन 1 (2-Feb-2021)
बुनियादी आवश्यकता सूचकांक
(Bare Necessities Index - BNI)

Posted on February 2nd, 2021 | Create PDF File

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बुनियादी आवश्यकताओं के वितरण में प्रगति को मापने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण “बुनियादी आवश्यकता सूचकांक” (Bare Necessities Index-BNI) के नाम से एक समग्र सूचकांक विकसित किया गया है।

बुनियादी आवश्यकता सूचकांक (BNI) ग्रामीण क्षेत्रें, शहरी क्षेत्रें और अखिल भारतीय स्तर पर परिवारों तक ‘‘बुनियादी आवश्यकताओं’’ की पहुंच को मापता है। इन आवश्यकताओं को पांच आयामों के अंतर्गत 26 तुलनीय संकेतकों में विभाजित करने उनकी पहुँच को मापा गया है।

 

बुनियादी आवश्यकताओं के पाँच आयाम निम्नलिखित हैं-

* पानी

* स्वच्छता

* आवास

* सूक्ष्म पर्यावरण

* अन्य सुविधाएं

 

इन पाँच आयामों के अंतर्गत 26 सकेतकों का उपयोग आवास की उपलब्धता और गुणवत्ता, स्नानघर, रसोई, शौचालय, पीने का पानी, अपशिष्ट निर्वहन सुविधाओं, खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन और रोग मुक्त वातावरण आदि की तुलनात्मक पहुँच का अध्ययन करने के लिए किया गया है।समग्र बुनियादी आवश्यकता सूचकांक को तैयार करने के लिए भारत में पेयजल, स्वच्छता और आवास स्थिति पर एनएसओ के दो दौर के सर्वेक्षण 69वें (2012) और 76 वें (2018) के आंकड़ों का उपयोग किया गया है।

 

* बीएनआई के अनुसार अधिकांश राज्यों में, 2012 की तुलना में 2018 में परिवारों तक बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच काफी बेहतर रही है।

 

* 2018 में बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच केरल, पंजाब, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड, दिल्ली, गोवा, मिजोरम और सिक्किम जैसे राज्यों में सबसे अधिक है। जबकि यह ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में सबसे कम है।

 

* 2012 की तुलना में 2018 में बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच में सुधार प्रदर्शित करने राज्य हैं- हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, केरल, राजस्थान, उत्त्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा को छोड़कर सभी उत्तर पूर्व के राज्य।

 

* ग्रामीण भारत में, 2018 में बुनियादी आवश्यकताओं की पहुँच का उच्चतम स्तर पंजाब, केरल, सिक्किम, गोवा और दिल्ली में दर्ज किया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मणिपुर और त्रिपुरा में सबसे कम दर्ज किया गया है।

 

* ग्रामीण भारत में, बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच में सुधार दिखाने वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, गोवा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश शामिल रहे हैं।

 

* बीएनआई के अनुसार 2018 में जरूरी आवश्यकताओं की पहुँच के मामले में शहरी भारत में किसी भी निम्नतम स्तर नहीं रहा है।

 

* इस सूचकांक से यह परिलक्षित होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में तुलनात्मक रूप से तीव्र सुधार हुआ है। हालांकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जरूरी आवश्यकताओं की पहुँच में अभी बहुत बड़ी भिन्नता है।

 

* घरों में जरूरतों की पहुँच के मामले में अंतर-राज्य की असमानताएँ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कम हुई हैं। जिन राज्यों में 2012 में बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच का स्तर कम था, उन्होंने 2012 और 2018 के बीच अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि प्राप्त की है।