आधिकारिक बुलेटिन -1 (21-Feb-2019)
पुलिस सेवाओं का ‘ऑल इंडिया सिटीजंस सर्वे’
(All India Citizens Survey of Police Services)

Posted on February 21st, 2019 | Create PDF File

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नागरिक केन्द्रित पुलिस सेवाएं प्रदान करने के संबंध में राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को मजबूती देने के मद्देनजर सरकार समय-समय पर अनेक कदम उठाती है। इसके लिए स्वतंत्र एजेंसियां जन-आकांक्षा संबंधी सर्वेक्षण के जरिए उपरोक्त प्रयासों का विश्लेषण करती हैं। ऐसे सर्वेक्षण दुनिया भर में किए जाते हैं।

 

सरकार और जनता के बीच सुशासन के मॉडल को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है। ‘ऑल इंडिया सिटीजंस सर्वे ऑफ पुलिस सर्विसेस’ नामक यह सर्वेक्षण नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद करेगा और सर्वेक्षण नौ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

 

इस सर्वेक्षण का उद्देश्य पुलिस के बारे में लोगों के विचारों और उनके रवैये को समझना है। इसके तहत यह देखा जाना है कि ऐसे अपराधों और घटनाओं की तादाद कितनी हैं, जिनकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं की जाती है।

 

सर्वेक्षण मध्य मार्च 2019 में शुरू होगा और इसके दायरे में देश के 173 जिलों के 1.2 लाख घर होंगे। यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण की रूपरेखा के अनुरूप होगा। सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को सर्वेक्षण में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

 


 

आशा की जाती है कि सर्वेक्षण के नतीजे से हितधारकों को कारगर सुझाव मिलेंगे, ताकि अपराध रोकथाम कार्यक्रमों के विषय में समुचित नीति बनाई जा सके, सामुदायिक पुलिस-सेवा में बदलाव लाया जा सके, न्याय की सुगमता में सुधार किया जा सके और पुलिस को समुचित संसाधन मिल सकें।

 

 

राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि वे सर्वेक्षण को पूरा सहयोग दें तथा अपने यहां की पुलिस को भविष्य में इस तरह के सर्वेक्षण के लिए तैयार करें।