आधिकारिक बुलेटिन -2 (2-Apr-2019)
व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर भारत-यूक्रेन कार्य समूह का चौथा सत्र नई दिल्ली में आयोजित (4th Session of India-Ukraine working group on Trade and Economic Cooperation held in New Delhi )

Posted on April 2nd, 2019 | Create PDF File

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व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग पर गठित भारत-यूक्रेन अंतर-सरकारी आयोग के अधीनस्थ व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर भारत-यूक्रेन कार्य समूह (आईयू-डब्ल्यूजीटीईसी) की चौथी बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई।

 

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग में अपर सचिव, विदेश व्यापार (सीआईएस) श्री बिद्युत बेहारी स्वेन ने की। ऊधर, यूक्रेन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूक्रेन के आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं आर्थिक सहयोग व यूरोपीय एकीकरण निदेशालय के निदेशक श्री ओलेक्सी रोझकोव ने किया।

 

बैठक की समाप्ति पर एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। यह प्रोटोकॉल व्यापार की समीक्षा,  छोटी एवं मझोली उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग, तकनीकी नियमन (मानकीकरण, माप-पद्धति,  प्रमाणन, अनुरूपता आकलन) के क्षेत्र में सहयोग, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) एवं निवेश, कृषि, भारत के बाजार में यूक्रेन के खाद्य उत्पादों की पहुंच को सुविधाजनक बनाने, ऊर्जा क्षेत्र, वित्त, एंटी-डम्पिंग जांच की रूपरेखा के अंतर्गत यूक्रेन को बाजार अर्थव्यवस्था का दर्जा देने, बैंकिंग और पर्यटन क्षेत्र में सहयोग से संबंधित है।

 

व्यापार की ताजा स्थिति की समीक्षा

दोनों पक्षों द्वारा दिए गए व्यापार आंकड़ों का विवरण नीचे दिया गया है:

 

ये आंकड़े भारत सरकार के एक संगठन वाणिज्यिक खुफिया एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) द्वारा दिए गए वस्तुओं के व्यापार से संबंधित हैं जिनका उल्लेख नीचे किया गया है:

(मिलियन अमेरिकी डॉलर में)

वर्ष

भारत से निर्यात

यूक्रेन से आयात

कुल व्यापार

2017-18

330.10

2355.97

2686.07

2018-19

  • अप्रैल- फरवरी) (अनंतिम)

305.73

1921.70

2227.43

 

 

 

 

 

 

 

स्रोत : वाणिज्यिक खुफिया एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस)

 

 

यूक्रेन के व्यापार आंकड़े

(मिलियन अमेरिकी डॉलर में)

 

वर्ष

(कैलेंडर)

यूक्रेन से निर्यात

भारत से आयात

कुल व्यापार

2017

2 205.7

561.3

2 767.0

2018

2175.9

616.6

2791.6

 

 

 

 

 

 

 

 

दोनों ही पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि द्विपक्षीय व्यापार का स्तर वास्तविक क्षमता से काफी कम है, अतः व्यापार बास्केट के साथ-साथ द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश में भी वृद्धि करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। भारतीय पक्ष के लिहाज से व्यापार में घाटा आंका गया है। दोनों पक्षों ने इसमें और ज्यादा कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तौर-तरीके ढूंढने पर सहमति जताई।  

 

द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने में सहयोग

भारत और यूक्रेन ने ऐसे संभावित क्षेत्रों या सेक्टरों की पहचान की है जिनमें दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए आपस में सहयोग कर सकते हैं क्योंकि वर्तमान में दोनों पक्षों के बीच व्यापार का स्तर शेष विश्व के साथ हो रहे कुल व्यापार की तुलना में अत्यंत कम है। दोनों पक्षों ने उन उत्पादों की सूची साझा करने पर सहमति जताई जिनका व्यापार करने में उनकी रुचि होगी।

 

दोनों पक्षों को चिन्हित संभावित सेक्टरों में आयोजित किए जाने वाले प्रमुख मेलों / प्रदर्शनियों में भाग लेना चाहिए। दोनों पक्षों ने एक दूसरे से मेलों / प्रदर्शनियों का विवरण अग्रिम तौर पर साझा करने में सहमति जताई, ताकि इनमें भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

 

दोनों पक्षों ने अपने यहां एकल खिड़की प्रकोष्ठ की पहचान करने से जुड़ी आधिकारिक सूचनाओं को साझा करने पर सहमति जताई, ताकि निर्यातकों के सवालों पर स्पष्टीकरण दिये जा सकें और उपयुक्त खरीदारों / विक्रेताओँ की पहचान करने में उन्हें सहयोग दिया जा सके।

 

छोटी एवं मझोली उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग

 

भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष को राष्ट्रीय लघु उद्योग विकास निगम (एनएसआईसी) से जुड़ी गतिविधियों से अवगत कराया और यूक्रेन पक्ष से एक ऐसी प्रमुख एजेंसी को चिन्हित करने का अनुरोध किया जो निम्नलिखित क्षेत्रों में पारस्परिक सहमति के आधार पर छोटे एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) के क्षेत्र में एनएसआईसी के साथ सहयोग कर सके  :

 

  • सूक्ष्म एवं छोटे उद्यमों के विकास के लिए यूक्रेन में टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित करना
  • उद्यम संबंधी सहयोग बढ़ाने के लिए उद्यमों के सृजन को सुविधाजनक बनाना
  • कारोबारी प्रतिनिधिमंडलों का आदान-प्रदान करना

 

चमड़ा, तम्बाकू, रत्न एवं जेवरात और चाय क्षेत्रों में सहयोग

चमड़ा क्षेत्र

 

भारतीय पक्ष ने बताया कि यूक्रेन द्वारा किए जा रहे चमड़े की वस्तुओं एवं फुटवियर के कुल आयात में भारत की बाजार हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से भी कम है और यूक्रेन में मुख्यतः आयात शुल्क ज्यादा रहने के कारण ही यह स्थिति देखने को मिल रही है। भारतीय पक्ष ने यूक्रेन पक्ष से फुटवियर के लिए चमड़े की वस्तुओं हेतु आयात शुल्क को घटाकर 5 प्रतिशत के एकसमान स्तर पर लाने पर विचार करने का अनुरोध किया।

 

तम्बाकू क्षेत्र

 

भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष को यह जानकारी दी कि भारत तम्बाकू एवं इससे संबंधित उत्पादों का एक बड़ा उत्पादक है। भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष से तम्बाकू एवं इससे संबंधित उत्पादों का आयात करने पर विचार करने का आग्रह किया क्योंकि यूक्रेन में तम्बाकू एवं इससे संबंधित उत्पादों का आयात 60,000 से लेकर 79,000 एमटी की रेंज में ही होता है।

 

रत्न एवं जेवरात का क्षेत्र

 

यूक्रेन में रत्न एवं जेवरात उत्पादों पर देय शुल्क काफी ज्यादा है जिसमें 20 प्रतिशत वैट भी शामिल है। स्वर्ण आभूषणों और कटे एवं पॉलिश किए हुए हीरों पर कुल शुल्क लगभग 30 प्रतिशत है। भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष से स्वर्ण आभूषणों और कटे एवं पॉलिश किए हुए हीरों पर देय शुल्क को कम करने का अनुरोध किया।

 

चाय क्षेत्र

 

भारतीय पक्ष ने बताया कि यूक्रेन चाय के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष से पैक की हुई चाय पर 10 प्रतिशत सीआईएफ मूल्य की ड्यूटी हटाने का अनुरोध किया।

 

उद्योग

 

यूक्रेन पक्ष ने निम्नलिखित प्रस्तावों की संभावनाओं पर गौर करने का प्रस्ताव भारतीय पक्ष के समक्ष रखा :

  • औद्योगिक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को जारी रखना और इसे बढ़ाना।
  • भारतीय बाजार को रेलरोड एवं भूमिगत रेलवे कैरेज उत्पादों की आपूर्ति करना।
  • भारत में ऊर्जा इकाइयों के निर्माण, पुनर्निर्माण एवं आधुनिकीकरण के लिए ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में यूक्रेन के उद्यमों की भागीदारी सुनिश्चित करना।

तकनीकी विनियमन के क्षेत्र में सहयोग (मानकीकरणमाप-पद्धतिप्रमाणनअनुरूपता मूल्यांकन)

 

भारतीय पक्ष ने यूक्रेन पक्ष को सूचित किया कि:

 

  • यूकेआरएनडीएनसी द्वारा प्रस्तावित समझौते का मसौदा प्रक्रियाधीन है;
  • भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को यूक्रेनी पक्ष से मानकीकरण के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन के मसौदे पर प्राप्‍त वैकल्पिक प्रस्‍ताव की जांच की जा रही है।

 

इसके अलावा भारतीय पक्ष ने यूक्रेन की राष्‍ट्रीय मानक संस्‍था के तौर पर यूकेआरएनडीएनसी की रूपरेखा तैयार करने के लिए यूक्रेन के मंत्रिमंडल के 26 नवम्‍बर, 2014  के निर्णय के बाद यूक्रेन में राष्‍ट्रीय मानकीकरण कार्य में आर्थिक विकास एवं व्‍यापार मंत्रालय की मौजूदा भूमिका के बारे में यूक्रेन पक्ष से जानकारी प्रदान करने का अनुरोध किया है।

 

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और निवेश के क्षेत्र में सहयोग

 

यूक्रेन पक्ष ने पिछले एक दशक में भारत में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) व्‍यवस्‍था के तेजी से विकास का संज्ञान लिया है और पीपीपी के बारे में अनुभवों, विशेष रूप से पीपीपी विधान, पीपीपी परियोजनाओं को लागू करने के अनुभव और पीपीपी व्‍यवस्‍था के विकास की भावी योजनाओं के बारे में अनुभव साझा करने में दिलचस्‍पी व्यक्त की है।

 

दोनों देशों के बीच में द्विपक्षीय निवेश संबंधों की व्‍यापक संभावनाएं हैं। रेलवे, विमान, फार्मास्‍युटिकल्‍स, धातु विज्ञान और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में त्‍वरित सहयोग के लिए काफी कुछ किया जा सकता है। भारत सरकार ने एफडीआई के बारे में निवेशकों के अनुकूल नीति प्रस्‍तुत की है, जिसके अंतर्गत अधिकतर क्षेत्रों और गतिविधियों में स्‍वचालित रूट से 100 प्रतिशत तक की एफडीआई की अनुमति है। हाल के दौर में एफडीआई नीति व्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, ताकि भारत निवेश की दृष्टि से आकर्षक और निवेशकों के अनुकूल बना रहे। व्‍यापक अवसरों और मेक इन इंडिया, कारोबार की सुगमता, स्‍टार्टअप इंडिया और उदार एफडीआई व्‍यवस्‍था जैसी हाल की पहलों के मद्देनजर भारत में यूक्रेन की ओर से एफडीआई के लिए पर्याप्‍त संभावनाएं मौजूद हैं। भारतीय उद्योग उपयोग में न लाई गई संभावनाओं का पता लगाने और आर्थिक साझेदारी का विस्‍तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

 

ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग

 

 भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष को बताया कि द्विपक्षीय सहयोग/ सहायता निम्मलिखित क्षेत्रों में दी जा सकती है-

 

  •  निष्पादन के दौरान डिजाइन और इंजीनियरिंग में व्यवहार्यता  रिपोर्ट (एफआर), विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर), तकनीकी परामर्श तैयार करना
  • पनविद्युत क्षेत्र में यूक्रेन के इंजीनियरों को प्रशिक्षण
  • पुराने पनविद्युत संयंत्रों का कायाकल्प और आधुनिकीकरण
  • पनविद्युत परियोजना विकास के सभी चरणों में तकनीकी परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराना। भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष से स्थल भ्रमण का अनुरोध किया ताकि सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम एनएचपीसी पनविद्युत योजनाओं/पुराने पनविद्युत संयंत्रों के कायाकल्प और आधुनिकीकरण की तकनीकी व्यवहार्यरता पर अपनी टिप्पणी उपलब्ध करा सके बशर्तें ये कार्य एनएचपीसी को सौपें जायें।

 

वित्त एवं बैंकिंग क्षेत्र में सहयोग

 

भारतीय पक्ष ने यूक्रेन के पक्ष को सूचित किया कि भारत और अन्य देशों के बीच सीमा पार लेन देन में मदद करने के लिए भारतीय विदेशी मुद्रा विनिमय प्रणाली के प्रावधानों के संबंध में अनेक संशोधन किये गये हैं। 

 

पर्यटन में सहयोग

 

भारतीय पक्ष ने यूक्रेन पक्ष से  दोनों देशों में पर्यटन के कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में जानकारी के आदान –प्रदान के बारे में विचार करने का अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने  व्यापार अर्थव्यवस्था एवं सहयोग (आईयू-डब्ल्यू टीईसी) के बारे में कार्य समूह की पांचवी बैठक कीव, यूक्रेन में आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। इस पांचवी बैठक की तारीखों के बारे में राजनयिक माध्यम से सहमति ले ली जायेगी।