आधिकारिक बुलेटिन - 2 (23-Nov-2020)^15 राज्यों में 27 ई-लोक अदालतों का आयोजन, जून से अक्टूबर, 2020 तक 2.51 लाख मामले निपटाए गए^(27 E-Lok Adalats organized in 15 States leading to disposal of 2.51 lakh cases from June to October,2020)
Posted on November 23rd, 2020
महामारी के कारण कठिनाई की अवधि में न्यायिक सेवा प्राधिकारियों ने नये नॉर्मल को अपनाया और लोक अदालत को वर्चुअल प्लेटफार्म पर आए। जून 2020 से अक्टूबर 2020 तक 15 राज्यों में 27 ई-लोक अदालतें आयोजित की गई, जिनमें 4.83 लाख मामलों की सुनवाई हुई और 1409 करोड़ रुपये के 2.51 लाख मामलों का निष्पादन किया गया। नवम्बर, 2020 के दौरान अभी तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में ई-लोक अदालतें आयोजित की गई है, जिनमें 16,651 मामलों की सुनवाई हुई और 107.4 करोड़ रुपये के 12,686 विवादों का निपटान किया गया।
वैश्विक महामारी ने मूल रूप से न्यायिक सेवा संस्थानों के कामकाज के तरीकों को बदल दिया है। कोविड-19 तथा विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों की कठिनाइयों के बीच न्याय तक पहुंच में सहायता देने के लिए न्यायिक सेवा अधिकारियों ने न्याय देने की परम्परागत पद्धति से स्वदेशी एकीकृत टैक्नोलॉजी को जोड़ दिया। ऑनलाइन लोक अदालत,यानी ई-लोक अदालत न्यायिक सेवा संस्थानों का एक नवाचार है, जिसमें अधिकतम लाभ के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। यह घर बैठे लोगों को न्याय देने का प्लेटफार्म बन गया है। ई-लोक अदालतों के आयोजनों में खर्च कम होते है, क्योंकि संगठन संबंधी खर्चों की जरूरत समाप्त हो जाती है।
न्यायिक सेवा अधिकारियों द्वारा आयोजित लोक अदालतें (राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय) वैकल्पिक विवाद समाधान का तरीका है, जिसमें मुकदमाबाजी से पहले के और अदालतों में लंबित मामलों को मैत्रीपूर्ण आधार पर सुलझाया जाता है। इसमें मुकदमे का खर्च नहीं होता। यह नि:शुल्क है। मुकदमे से संबंधित पक्षों को तेजी से एक राय पर लाया जाता है। इससे दोनों पक्ष कठिन न्यायिक प्रणाली के बोझ से छुटकारा मिलता है। इस प्रणाली में समय की खपत होती है। यह जटिल और खर्चीली है। लोक अदालतें न्यायालय के बकाये मामलों के बोझ को कम करती है।
आधिकारिक बुलेटिन - 2 (23-Nov-2020)15 राज्यों में 27 ई-लोक अदालतों का आयोजन, जून से अक्टूबर, 2020 तक 2.51 लाख मामले निपटाए गए(27 E-Lok Adalats organized in 15 States leading to disposal of 2.51 lakh cases from June to October,2020)
महामारी के कारण कठिनाई की अवधि में न्यायिक सेवा प्राधिकारियों ने नये नॉर्मल को अपनाया और लोक अदालत को वर्चुअल प्लेटफार्म पर आए। जून 2020 से अक्टूबर 2020 तक 15 राज्यों में 27 ई-लोक अदालतें आयोजित की गई, जिनमें 4.83 लाख मामलों की सुनवाई हुई और 1409 करोड़ रुपये के 2.51 लाख मामलों का निष्पादन किया गया। नवम्बर, 2020 के दौरान अभी तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में ई-लोक अदालतें आयोजित की गई है, जिनमें 16,651 मामलों की सुनवाई हुई और 107.4 करोड़ रुपये के 12,686 विवादों का निपटान किया गया।
वैश्विक महामारी ने मूल रूप से न्यायिक सेवा संस्थानों के कामकाज के तरीकों को बदल दिया है। कोविड-19 तथा विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों की कठिनाइयों के बीच न्याय तक पहुंच में सहायता देने के लिए न्यायिक सेवा अधिकारियों ने न्याय देने की परम्परागत पद्धति से स्वदेशी एकीकृत टैक्नोलॉजी को जोड़ दिया। ऑनलाइन लोक अदालत,यानी ई-लोक अदालत न्यायिक सेवा संस्थानों का एक नवाचार है, जिसमें अधिकतम लाभ के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। यह घर बैठे लोगों को न्याय देने का प्लेटफार्म बन गया है। ई-लोक अदालतों के आयोजनों में खर्च कम होते है, क्योंकि संगठन संबंधी खर्चों की जरूरत समाप्त हो जाती है।
न्यायिक सेवा अधिकारियों द्वारा आयोजित लोक अदालतें (राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय) वैकल्पिक विवाद समाधान का तरीका है, जिसमें मुकदमाबाजी से पहले के और अदालतों में लंबित मामलों को मैत्रीपूर्ण आधार पर सुलझाया जाता है। इसमें मुकदमे का खर्च नहीं होता। यह नि:शुल्क है। मुकदमे से संबंधित पक्षों को तेजी से एक राय पर लाया जाता है। इससे दोनों पक्ष कठिन न्यायिक प्रणाली के बोझ से छुटकारा मिलता है। इस प्रणाली में समय की खपत होती है। यह जटिल और खर्चीली है। लोक अदालतें न्यायालय के बकाये मामलों के बोझ को कम करती है।