आधिकारिक बुलेटिन -2 (29-July-2019)^गार्डेन रिसर्च शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड का 100वां युद्ध पोत विशाखापत्तनम में एलसीयूएल-56 में शामिल
Posted on July 29th, 2019
वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, फ्लैग ऑफिसर कमान्डिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान ने आज विशाखापत्तनम में एलसीयू एल-56 में फाइट लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटि (एलसीयू) श्रेणी के छठे मार्क– IV को शामिल किया। यह युद्ध पोत कलकत्ता स्थित मिनी रत्न श्रेणी-1 तथा देश का अग्रणी पोत कारखाना गार्डेन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) का 100वां युद्ध पोत है।
एलसीयू मार्क- IV का प्रमुख कार्य जहाज से तट तक तथा प्रमुख लड़ाकू टैंकों, बख्तरबंद गाडि़यों, टुकडि़यों और उपकरणों को ले जाना है। ये युद्ध पोत अंडमान एवं निकोबार कमांड में है और इसकी तैनाती किनारे के संचालन, बचाव राहत कार्य, आपदा राहत कार्य, आपूर्ति तथा भरपाई और दूर के द्वीपों से निकासी में की जाती है। इस युद्ध पोत में 216 कर्मी रह सकते हैं। यह लैंडिंग कार्य के दौरान तोप दागने में सहायक दो स्वदेशी सीआरएन 91 तोपों से लैस है। इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं और एकीकृत ब्रीज प्रणाली (आईबीएस) तथा एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली (आईपीएमएस) जैसी अग्रिम प्रणालियां लगाई गई है।
एलसीयू मार्क IV युद्ध पोत में आत्मनिर्भरता तथा स्वदेशीकरण के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के अनुरूप 90 प्रतिशत कलपुर्जें स्वदेशी हैं।
एलसीयू मार्क IV युद्ध पोत भारतीय नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मार्क III एलसीयू जहाजों के उन्नत संस्करण हैं।
आधिकारिक बुलेटिन -2 (29-July-2019)गार्डेन रिसर्च शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड का 100वां युद्ध पोत विशाखापत्तनम में एलसीयूएल-56 में शामिल
वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, फ्लैग ऑफिसर कमान्डिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान ने आज विशाखापत्तनम में एलसीयू एल-56 में फाइट लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटि (एलसीयू) श्रेणी के छठे मार्क– IV को शामिल किया। यह युद्ध पोत कलकत्ता स्थित मिनी रत्न श्रेणी-1 तथा देश का अग्रणी पोत कारखाना गार्डेन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) का 100वां युद्ध पोत है।
एलसीयू मार्क- IV का प्रमुख कार्य जहाज से तट तक तथा प्रमुख लड़ाकू टैंकों, बख्तरबंद गाडि़यों, टुकडि़यों और उपकरणों को ले जाना है। ये युद्ध पोत अंडमान एवं निकोबार कमांड में है और इसकी तैनाती किनारे के संचालन, बचाव राहत कार्य, आपदा राहत कार्य, आपूर्ति तथा भरपाई और दूर के द्वीपों से निकासी में की जाती है। इस युद्ध पोत में 216 कर्मी रह सकते हैं। यह लैंडिंग कार्य के दौरान तोप दागने में सहायक दो स्वदेशी सीआरएन 91 तोपों से लैस है। इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं और एकीकृत ब्रीज प्रणाली (आईबीएस) तथा एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली (आईपीएमएस) जैसी अग्रिम प्रणालियां लगाई गई है।
एलसीयू मार्क IV युद्ध पोत में आत्मनिर्भरता तथा स्वदेशीकरण के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के अनुरूप 90 प्रतिशत कलपुर्जें स्वदेशी हैं।
एलसीयू मार्क IV युद्ध पोत भारतीय नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मार्क III एलसीयू जहाजों के उन्नत संस्करण हैं।