राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (10-Aug-2020)^विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day)
Posted on August 10th, 2020
प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) या विश्व के देशज़ लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of the World’s Indigenous Peoples) मनाया जाता है।इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस की थीम ‘COVID-19 और स्वदेशी लोगों का लचीलापन’ (COVID-19 and Indigenous Peoples’ Resilience) है।विश्व आदिवासी दिवस का उद्देश्य विश्व की देशज़ आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देना एवं उनकी रक्षा करना है।
9 अगस्त, 1982 को जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में देशज़ आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह (United Nations Working Group on Indigenous Populations) की पहली बैठक आयोजित की गई थी। जिसके परिप्रेक्ष्य में प्रति वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुसार, वर्ष 1994 से प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है।इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस पर मनाये जाने वाले समारोह आदिवासी भाषाओं के संरक्षण एवं प्रलेखन पर केंद्रित थे।मानवविज्ञानियों ने तमिलनाडु में अपनी अनूठी संस्कृति, जीवन शैली, विभिन्न प्रकार बोलियों का प्रयोग करने वाली 500 से अधिक जनजातियों की पहचान की है। इनमें से छह जनजातियों- थोडा (Thoda), पनियार (Paniyar), कट्टुनाइक्कर (Kattunaickar), इरुला (Irula), कुरुम्बा (Kurumba) और कोठार (Kothar) को नीलगिरी ज़िले में देखा जा सकता है जो पश्चिमी घाट से संबंधित हैं।
राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (10-Aug-2020)विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day)
प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) या विश्व के देशज़ लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of the World’s Indigenous Peoples) मनाया जाता है।इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस की थीम ‘COVID-19 और स्वदेशी लोगों का लचीलापन’ (COVID-19 and Indigenous Peoples’ Resilience) है।विश्व आदिवासी दिवस का उद्देश्य विश्व की देशज़ आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देना एवं उनकी रक्षा करना है।
9 अगस्त, 1982 को जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में देशज़ आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह (United Nations Working Group on Indigenous Populations) की पहली बैठक आयोजित की गई थी। जिसके परिप्रेक्ष्य में प्रति वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुसार, वर्ष 1994 से प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है।इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस पर मनाये जाने वाले समारोह आदिवासी भाषाओं के संरक्षण एवं प्रलेखन पर केंद्रित थे।मानवविज्ञानियों ने तमिलनाडु में अपनी अनूठी संस्कृति, जीवन शैली, विभिन्न प्रकार बोलियों का प्रयोग करने वाली 500 से अधिक जनजातियों की पहचान की है। इनमें से छह जनजातियों- थोडा (Thoda), पनियार (Paniyar), कट्टुनाइक्कर (Kattunaickar), इरुला (Irula), कुरुम्बा (Kurumba) और कोठार (Kothar) को नीलगिरी ज़िले में देखा जा सकता है जो पश्चिमी घाट से संबंधित हैं।