कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1(1-July-2022)
भगवान जगन्‍नाथ की विश्‍व प्रसिद्ध रथयात्रा
(World famous Rath Yatra of Lord Jagannath)

Posted on July 1st, 2022 | Create PDF File

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विश्‍व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा 01 जुलाई, 2022 से ओडिशा के जगन्‍नाथ पुरी में शुरू हो रही है।

 

जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ भगवान श्रीकृष्ण रूप में विराजमान हैं। 

 

हर साल आषाढ़ माह में अमावस्या के बाद उनकी रथ यात्रा निकाली जाती है।

 

भगवान जगन्‍नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रहों की नौ दिन की रथयात्रा में भाग लेने के लिये हज़ारों श्रद्धालु पुरी पहुंच रहे हैं।

 

यह यात्रा कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष बाद आयोजित हो रही है।

 

भगवान जगन्‍नाथ, बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ अपने पारंपरिक यात्रा मार्ग से गुंडिचा मंदिर तक जाएंगे।

 

ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश (Eastern Ganga Dynasty) के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा किया गया था।

 

जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’ भी कहा जाता है, इसके अलावा इस मंदिर को "सफेद पैगोडा" भी कहा जाता था और यह चारधाम तीर्थयात्रा (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक हिस्सा है।

 

मंदिर के चार (पूर्व में ‘सिंह द्वार’, दक्षिण में 'अश्व द्वार’, पश्चिम में 'व्याघ्र द्वार' और उत्तर में 'हस्ति द्वार’) मुख्य द्वार हैं।

 

प्रत्येक द्वार पर नक्काशी की गई है।

 

इसके प्रवेश द्वार के सामने अरुण स्तंभ या सूर्य स्तंभ स्थित है, जो मूल रूप से कोणार्क के सूर्य मंदिर में स्थापित था।