दिवस विशेष समसामियिकी 1 (20-Sept-2020)^विश्व बांस दिवस (World Bamboo Day)
Posted on September 20th, 2020
18 सितंबर, 2020 को विश्व बांस दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने बेंत एवं बाँस प्रौद्योगिकी केंद्र (Cane and Bamboo Technology Centre- CBTC) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry- CII) द्वारा आयोजित बाँस वेबिनार को संबोधित किया।इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने कहा कि भारतीय वन अधिनियम, 1927 में संशोधन किया गया है ताकि घरेलू बांस को इस अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जा सके। इसके माध्यम से लोगों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। भारत सरकार ने कच्चे बांस की वस्तुओं पर आयात शुल्क 25% बढ़ाया है। भारत सरकार के इस निर्णय से घरेलू बांस उद्योगों जैसे फर्नीचर, हस्तशिल्प एवं अगरबत्ती बनाने में बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी और भवन निर्माण सामग्री के लिये बांस के उपयोग को बढ़ावा भी मिलेगा। जम्मू क्षेत्र में कटरा, जम्मू एवं सांबा कस्बों में बांस की टोकरी, अगरबत्ती एवं बांस चारकोल बनाने के लिये तीन बांस क्लस्टर विकसित किये जाएंगे जो लगभग 25000 लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर के अवसर प्रदान करेंगे।
विश्व स्तर पर विश्व बांस दिवस प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को मनाया जाता है।यह दिन बांस के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और रोज़मर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। विश्व बांस दिवस-2020 (WBD-2020) की थीम ‘BAMBOO Now’ है।वर्ष 2009 में बैंकाक (थाईलैंड) में आयोजित 8वीं विश्व बांस काॅन्ग्रेस (World Bamboo Congress) में विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) ने आधिकारिक रूप से 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस (WBD) मनाए जाने की घोषणा की।
विश्व बांस संगठन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये स्थायी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिये बांस की खेती को बढ़ावा देना साथ ही सामुदायिक आर्थिक विकास के लिये स्थानीय रूप से पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है।विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इसका मुख्यालय एंटवर्प (बेल्जियम) में है।
दिवस विशेष समसामियिकी 1 (20-Sept-2020)विश्व बांस दिवस (World Bamboo Day)
18 सितंबर, 2020 को विश्व बांस दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने बेंत एवं बाँस प्रौद्योगिकी केंद्र (Cane and Bamboo Technology Centre- CBTC) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry- CII) द्वारा आयोजित बाँस वेबिनार को संबोधित किया।इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने कहा कि भारतीय वन अधिनियम, 1927 में संशोधन किया गया है ताकि घरेलू बांस को इस अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जा सके। इसके माध्यम से लोगों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। भारत सरकार ने कच्चे बांस की वस्तुओं पर आयात शुल्क 25% बढ़ाया है। भारत सरकार के इस निर्णय से घरेलू बांस उद्योगों जैसे फर्नीचर, हस्तशिल्प एवं अगरबत्ती बनाने में बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी और भवन निर्माण सामग्री के लिये बांस के उपयोग को बढ़ावा भी मिलेगा। जम्मू क्षेत्र में कटरा, जम्मू एवं सांबा कस्बों में बांस की टोकरी, अगरबत्ती एवं बांस चारकोल बनाने के लिये तीन बांस क्लस्टर विकसित किये जाएंगे जो लगभग 25000 लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर के अवसर प्रदान करेंगे।
विश्व स्तर पर विश्व बांस दिवस प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को मनाया जाता है।यह दिन बांस के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और रोज़मर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। विश्व बांस दिवस-2020 (WBD-2020) की थीम ‘BAMBOO Now’ है।वर्ष 2009 में बैंकाक (थाईलैंड) में आयोजित 8वीं विश्व बांस काॅन्ग्रेस (World Bamboo Congress) में विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) ने आधिकारिक रूप से 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस (WBD) मनाए जाने की घोषणा की।
विश्व बांस संगठन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये स्थायी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिये बांस की खेती को बढ़ावा देना साथ ही सामुदायिक आर्थिक विकास के लिये स्थानीय रूप से पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है।विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इसका मुख्यालय एंटवर्प (बेल्जियम) में है।