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दादा साहेब फाल्के अवार्ड क्या है और किसे दिया जाता है?
( What is Dada Saheb Phalke Award and who is given?)

Posted on February 20th, 2019 | Create PDF File

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दादा साहेब फाल्के एक अवॉर्ड जाना-माना प्रतिष्ठित अवार्ड है, आपने इसके बारे में सुना ही होगा, परन्तु क्या आप जानते हैं कि यह किसे और क्यों दिया जाता है, इसका नाम दादासाहेब फाल्के ही क्यों पड़ा? आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं।

 

दादा साहेब फाल्के अवार्ड क्या है?

 

दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है, ये सम्मान फिल्म उद्योग में अपना विशेष योगदान देने वाली फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियों को दिया जाता है।

 

दादा साहेब फाल्के कौन थे?

 

दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 में एक मराठी परिवार में हुआ था और उन्होंने पढ़ाई नासिक से की थी।दादा साहेब फाल्के का पूरा नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था।उन्होंने सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई में नाटक और फोटोग्राफी की ट्रेनिंग ली थी, वे जर्मनी चले गए और वहां उन्होंने फिल्मों को बनाना सीखा।

उन्होंने अपना करियर एक फोटोग्राफर के रूप में शुरू किया। बाद में प्रसिद्ध पेंटर राजा रवि वर्मा के साथ भी काम किया। फिर वह प्रिंटिंग प्रेस के काम से जुड़े, पर पार्टनर से कहासुनी होने के बाद वह काम भी छोड़ दिया।

एक बार उन्होंने एक साइलेंट फिल्म देखी-‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट।’ बस उन्होंने तय कर लिया कि वह भी अपने देवी-देवताओं पर फिल्म बनाएंगे।

वे जर्मनी गए और वहां उन्होंने फिल्मों को बनाना सीखा,जब वे भारत लौटे तो उन्होंने पहली साइलेंट फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई और पूरे देश को एक नया सपना दिया, इस फिल्म को पहली पूर्णत: लम्बी भारतीय फीचर फिल्म कहा जाता है।

16 फरवरी 1944 को देश के इस नवयुग निर्माता निर्देशक का देहांत हो गया था।

 

इस अवार्ड का नाम दादा साहेब फाल्के ही क्यों पड़ा?

 

भारतीय फिल्मों की जब भी बात होगी, सबसे पहले नाम लिया जाएगा दादा साहेब फाल्के का। उन्हें भारत में फिल्मों का जनक कहा जाता है।ये अवार्ड भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है, जो भारतीय सिनेमा में किसी विशेष व्यक्ति को उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है।दादा साहेब फाल्के अवार्ड की स्थापना वर्ष 1969 में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के की सौंवी जयंती के अवसर पर की गई थी।भारत में दादा साहेब फाल्के अवार्ड 'लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड' के रूप में दिया जाने वाला फिल्म क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड है।

 

दादा साहेब फाल्के अवार्ड किसे दिया जाता है और इसका चयन कौन करता है?

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के मौके पर दादासाहेब फाल्के पुरस्कार देता है।यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के संवर्धन और विकास में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए दिया जाता है,प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक समिति की सिफारिशों पर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।भारत सरकार की ओर से, इस पुरस्कार में दस लाख रुपये नकद, स्वर्ण कमल और शॉल प्रदान किया जाता है।

 

‘दादा साहेब फाल्के अकेडमी’के द्वारा भी दादा साहेब फाल्के के नाम पर तीन पुरस्कार दिए जाते हैं, जो कि इस प्रकार हैं: फाल्के रत्न अवार्ड, फाल्के कल्पतरु अवार्ड और दादा साहेब फाल्के अकेडमी अवार्ड्स।

 

 

साथ ही हम आपको बता दें कि वर्ष 2008 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड कर्नाटक के वी. के मूर्ति को प्रदान किया गया था और वह इस पुरस्कार को पाने वाले पहले सिनेमैटोग्राफर थे।

 

सबसे पहले दादा साहेब फाल्के अवार्ड किसको मिला और कब?

 

सबसे पहला दादा साहेब फाल्के सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को वर्ष 1969 में दिया गया था।उस वर्ष राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया।तब से अब तक यह पुरस्कार लक्षित वर्ष के अंत में अथवा अगले वर्ष के आरम्भ में 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' के लिए आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है।