राष्ट्रीय समसामियिकी 3 (14-Jan-2021)^पूर्व सैनिक दिवस^(Veterans Day)
Posted on January 14th, 2021
भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा प्रतिवर्ष 14 जनवरी को पूर्व सैनिकों के सम्मान में पूर्व सैनिक दिवस (वेटरन्स डे) मनाया जाता है। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा, के सेना में दिये गए अतुलनीय योगदान की याद में यह दिवस मनाया जाता है। फील्ड मार्शल करियप्पा वर्ष 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। इस दिवस पर हमारे बहादुर सेना नायकों और पूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा और बलिदान के सम्मान में तथा उनके परिजनों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने हेतु देश के विभिन्न क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों के लिये सम्मिलन कार्यक्रम (वेटरन्स मीट्स) आयोजित किये जाते हैं। वर्ष 1899 में कर्नाटक में जन्मे फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा को स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख के रूप में जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के विरुद्ध बर्मा (वर्तमान म्याँमार) में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये उन्हें प्रतिष्ठित ‘ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर’ (OBE) से भी सम्मानित किया गया था। 15 जनवरी, 1949 को के.एम. करियप्पा को भारतीय सेना का पहला कमांडर-इन-चीफ बनाया गया था। उन्हें फील्ड मार्शल की फाइव-स्टार रैंक भी दी गई थी, जो कि भारतीय सेना का सर्वोच्च सम्मान है और इसे अब तक दो ही लोग प्राप्त कर सके हैं, पहले फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा और दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ।
राष्ट्रीय समसामियिकी 3 (14-Jan-2021)पूर्व सैनिक दिवस(Veterans Day)
भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा प्रतिवर्ष 14 जनवरी को पूर्व सैनिकों के सम्मान में पूर्व सैनिक दिवस (वेटरन्स डे) मनाया जाता है। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा, के सेना में दिये गए अतुलनीय योगदान की याद में यह दिवस मनाया जाता है। फील्ड मार्शल करियप्पा वर्ष 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। इस दिवस पर हमारे बहादुर सेना नायकों और पूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा और बलिदान के सम्मान में तथा उनके परिजनों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने हेतु देश के विभिन्न क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों के लिये सम्मिलन कार्यक्रम (वेटरन्स मीट्स) आयोजित किये जाते हैं। वर्ष 1899 में कर्नाटक में जन्मे फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा को स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख के रूप में जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के विरुद्ध बर्मा (वर्तमान म्याँमार) में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये उन्हें प्रतिष्ठित ‘ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर’ (OBE) से भी सम्मानित किया गया था। 15 जनवरी, 1949 को के.एम. करियप्पा को भारतीय सेना का पहला कमांडर-इन-चीफ बनाया गया था। उन्हें फील्ड मार्शल की फाइव-स्टार रैंक भी दी गई थी, जो कि भारतीय सेना का सर्वोच्च सम्मान है और इसे अब तक दो ही लोग प्राप्त कर सके हैं, पहले फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा और दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ।