विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1(16-Mar-2023)
वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम - VSHORADS
(Very Short Range Air Defense System - VSHORADS)

Posted on March 16th, 2023 | Create PDF File

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किये।

 

VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है जो कम दूरी पर कम ऊँचाई वाले हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिये तैयार किया गया है।

 

इसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं एवं भारतीय उद्योग साझेदारों के सहयोग से अनुसंधान केंद्र इमारत, हैदराबाद द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है।

 

मिसाइल में कई नई प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।

 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) :

 

DRDO रक्षा मंत्रालय का रक्षा अनुसंधान एवं विकास (Research and Development)  विंग है, जिसका लक्ष्य भारत को अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों से सशक्त बनाना है।

 

आत्मनिर्भरता और सफल स्वदेशी विकास एवं सामरिक प्रणालियों तथा प्लेटफार्मों जैसे- अग्नि और पृथ्वी शृंखला मिसाइलों के उत्पादन की इसकी खोज जैसे- हल्का लड़ाकू विमान, तेजस: बहु बैरल रॉकेट लाॅन्चर, पिनाका: वायु रक्षा प्रणाली, आकाश: रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला आदि, ने भारत की सैन्य शक्ति को प्रभावशाली निरोध पैदा करने और महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान करने में प्रमुख योगदान दिया है।

 

गठन :

 

DRDO की स्थापना वर्ष 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन (Defence Science Organisation- DSO) के साथ भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (Technical Development Establishment- TDEs) तथा तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय (Directorate of Technical Development & Production- DTDP) के संयोजन के बाद की गई थी।

 

DRDO वर्तमान में 50 प्रयोगशालाओं का एक समूह है जो रक्षा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों  जैसे- वैमानिकी, शस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग प्रणालियाँ, इंस्ट्रूमेंटेशन, मिसाइलें, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन, विशेष सामग्री, नौसेना प्रणाली, लाईफ साइंस, प्रशिक्षण, सूचना प्रणाली तथा कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।

 

मिशन :

 

हमारी रक्षा सेवाओं के लिये अत्याधुनिक सेंसरों, हथियार प्रणालियों, प्लेटफार्मों और संबद्ध उपकरणों के उत्पादन हेतु डिज़ाइन, विकास और नेतृत्व।

 

युद्ध की प्रभावशीलता को अनुकूलित करने और सैनिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु सेवाओं को तकनीकी समाधान प्रदान करना।

 

बुनियादी ढांँचे और प्रतिबद्ध गुणवत्ता जनशक्ति का विकास करना तथा एक मज़बूत स्वदेशी प्रौद्योगिकी आधार का निर्माण करना।