राष्ट्रीय समसामयिकी 1(28-Sept-2022)
बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली
(Very Short Range Air Defense System)

Posted on September 29th, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चाँदीपुर में ज़मीन पर आधारित पोर्टेबल लॉन्चर से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइल की दो सफल परीक्षण उड़ान भरी।

 

दोनों उड़ान परीक्षण मिशन के उद्देश्यों को पूरा करते हैं।

 

VSHORADS :

 

विषय :

 

बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) एक मैन पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है जिसे DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद द्वारा अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है।

 

प्रारूप :

 

VSHORADS मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS) और एकीकृत एवियोनिक्स सहित कई नवीन प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, जो परीक्षणों के दौरान सफल सिद्ध हुई हैं।

 

कम दूरी के निम्न ऊँचाई वाले हवाई खतरों को निष्प्रभावी करने वाली यह मिसाइल, डुअल थ्रस्ट   ठोस मोटर द्वारा संचालित है।

 

आसान सुवाह्यता सुनिश्चित करने के लिये मिसाइल के डिजाइन को अत्यधिक अनुकूल बनाया गया है।

 

महत्त्व :

 

आधुनिक तकनीकों से लैस इस नई मिसाइल से सशस्त्र बलों को तकनीकी स्तर पर और भी बढ़ावा मिलेगा।  

 

प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली :

 

प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS) थ्रस्टर्स के उपयोग द्वारा दिशा नियंत्रण और संचालन के लिये ज़िम्मेदार है।

 

RCS प्रणाली किसी भी वांछित दिशा या दिशाओं के संयोजन में उत्प्रेरित करने में सक्षम है।

 

RCS , रोटेशन (पिच, घुमाव (yaw) और रोल) के नियंत्रण की अनुमति देने के लिये बल (Torque) प्रदान करने में भी सक्षम है। 

 

MANPADS :

 

ये कम दूरी की हल्की एवं पोर्टेबल सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, जिन्हें व्यक्तियों या छोटे समूहों द्वारा विमान या हेलीकॉप्टर को नष्ट करने के लिये प्रयोग किया जा सकता है।

 

ये हवाई हमलों से सैनिकों की सुरक्षा करने में सहायक होने के साथ कम ऊँचाई वाले विमानों को निशाना बनाने में सबसे प्रभावी होते हैं।

 

‘मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक सिस्टम’ (MANPAT) भी इसी प्रकार कार्य करते हैं लेकिन इसका उपयोग सैन्य टैंकों को नष्ट या अक्षम करने हेतु किया जाता है।

 

‘MANPADS’ की अधिकतम सीमा 8 किलोमीटर है और यह 4.5 किमी की ऊँचाई तक लक्ष्य को भेद सकता है।

 

पहला 'MANPADS’ 1960 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा विकसित किया गया था।