राष्ट्रीय समसामयिकी 3 (24-November-2021)
वाहन कबाड़ नीति
(Vehicle Scrappage Policy)

Posted on November 24th, 2021 | Create PDF File

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सरकार द्वारा खरीदारों के लिए उनके पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद नए वाहन खरीदने पर अतिरिक्त रियायत देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।

 

इस विषय पर अंतिम निर्णय (‘राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कबाड़ नीति’) के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने संबंधी) वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा।

 

वाहन कबाड़ नीति:

(Vehicle Scrappage Policy)

 

इस नीति के अनुसार, पुराने वाहनों का फिर से पंजीकरण किए जाने से पहले इनके लिए एक फिटनेस टेस्ट पास करना होगा, और 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों तथा 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों को तोड़ दिया जाएगा।

 

हतोत्साहन उपाय के रूप में, 15 वर्ष या इससे पुराने वाहनों का फिर से पंजीकरण करने पर, इनके शुरुआती पंजीकरण से ज्यादा शुल्क लिया जाएगा

 

नीति के तहत, पुराने वाहनों के मालिकों द्वारा पुराने और अनफिट वाहनों को हटाने के लिए प्रोत्साहन देने हेतु, निजी वाहनों पर 25% तक और व्यावसायिक वाहनों पर 15% तक रोड-टैक्स में छूट देने के लिए राज्य सरकारों से कहा जा सकता है।

 

महत्व :

 

वाहन स्क्रैपिंग नीति / वाहन कबाड़ नीति का उद्देश्य, पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने हेतु एक पारितंत्र का निर्माण करना है।

 

यह पहल, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और आर्थिक विकास प्रक्रिया को अधिक संवहनीय और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी।

 

यह नीति, लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश भी लाएगी और 35,000 रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

 

नई नीति के साथ समस्याएं :

 

ट्रक जैसे वाहनों के लिए सीमित प्रोत्साहन और खराब कीमत देने वाली अर्थनीति।

 

पता लगाने योग्य अन्य वर्गों के वाहनों की कम संख्या।

 

15 साल पुरानी एक शुरुआती श्रेणी की छोटी कार को स्क्रैप करने से लगभग 70,000 रुपए का फायदा होगा, जबकि इसे बेचने पर लगभग 95,000 रुपए मिल सकते हैं। इस कारण स्क्रैपिंग करना अनाकर्षक बन जाता है।

 

समय की मांग :

 

इन सब कारणों को देखते हुए, स्क्रैपिंग नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए, हमें ‘जिन वाहनों का जीवन समाप्त हो चुका है, अर्थात ‘एंड ऑफ़ लाइफ व्हीकल्स’ (ELV) को सड़क से हटाने के संदर्भ में एक व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए।

 

माल-भाडा ट्रांसपोर्टर्स को एक पर्याप्त एवं उत्साही वित्तीय सहायता दिए जाने की आवश्यकता है।

 

हालांकि,  यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब तक पुराने वाहनों के बेड़े सड़क से नहीं हटाए जाएंगे, तब तक  बीएस-VI (BS-VI) वाहन लागू करने का लाभ पूरी तरह से नहीं मिल पाएगा।