अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 2 (30-July-2020)
अमेरिका का ट्रिनिटी परीक्षण (US’ Trinity Test)

Posted on July 30th, 2020 | Create PDF File

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16 जुलाई 1945 को, ठीक 75 वर्ष पूर्व अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा ‘द गैजेट‘ (Gadget) – विश्व का पहला परमाणु बम- का परीक्षण किया गया था, इसे बाद में ‘ट्रिनिटी परीक्षण’ (Trinity Test) का नाम दिया गया।इसके एक माह से भी कम समय पश्चात, जापान के ‘नागाशाकी’ शहर पर ‘फैट मैन’ (Fat Man) नाम का एक समान परमाणु बम गिराया गया, जिससे हजारों लोगों की मौत हो गई।

 

 

पहले सुपर बम, जिसे ‘गैजेट‘, का उपनाम दिया गया था, अमेरिका के नेतृत्व में मैनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project) के अंतर्गत विकसित किया गया था।मैनहट्टन प्रोजेक्ट का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र देशों की सेनाओं के लिए जर्मनी, जापान तथा इटली पर बढ़त बनाने लिए परमाणु हथियार विकसित करना था।सुपर बम को जूलियस रॉबर्ट ओपनहाइमर (J Robert Oppenheimer) के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने डिजाइन तथा विकसित किया था। ओपनहाइमर, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में भौतिकी के प्रोफेसर थे। इन्हें, ‘परमाणु बम के जनक’ के रूप नाम से जाना जाता है।इस परीक्षण को न्‍यू मेक्सिको के रेगिस्‍तान में, लॉस अलामोस (Los Alamos) से लगभग 337 किमी दूर स्थित आलमगार्डो बॉम्बिंग रेंज (Alamagordo Bombing Range) में किया गया था।



न्यू मैक्सिको के निवासियों को इस परीक्षण के बारे में चेतावनी नहीं दी गई थी तथा विस्फोट जनित विकिरण के प्रतिकूल प्रभाव को परीक्षण के पश्चात् कई वर्षों तक नजरअंदाज किया गया।परीक्षण के पश्चात इस क्षेत्र में शिशु मृत्यु दर में अचानक वृद्धि हुई।स्थानीय निवासियों द्वारा ट्रिनिटी परीक्षण के पश्चात कैंसर रोगियों की संख्या में वृद्धि की शिकायत की गयी।विस्फोट-जनित धूल, परीक्षण स्थल से लगभग 100 मील की दूरी तक फ़ैल गयी, जिससे वहां के निवासियों के लिए गंभीर संकट उत्पन्न हो गए।स्थानीय निवासियों के पालतू पशुओं की त्वचा जलने, रक्त स्राव तथा बाल गिरने के मामले बड़ी संख्या में देखे गए।काफी समय पश्चात वर्ष 1990 में अमेरिकी सरकार ने ‘रेडीएशन एक्सपोजर कंपनसेशन एक्ट’ (Radiation Exposure Compensation Act– RECA) पारित किया, इसके पश्चात उत्तरी मेक्सिको के रेडियोधर्मी विकिरण से पीड़ित निवासियों को क्षतिपूर्ति प्रदान की गयी।

 

 

ट्रिनिटी परीक्षण के 75 वर्षो के पश्चात, वर्तमान में विश्व के नौ देशों के पास परमाणु अस्त्र भण्डार है।परमाणु हथियार संपन्न देशों में, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, रूस, फ्रांस, भारत, चीन, इजरायल, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया सम्मिलित हैं।वर्ष 1945 के बाद से, कम से कम आठ देशों द्वारा 2,000 परमाणु परीक्षण विस्फोट किये गए हैं।परमाणु बम परीक्षण विस्फोटों का सबसे ताजा उदाहरणों में, भारत द्वारा मई 1998 में पोखरण- II परीक्षणों के तहत पांच विस्फोटों की श्रंखला है। भारत द्वारा पहला परमाणु परीक्षण, मई 1974 में किया गया था, जिसका कोड नाम ‘स्माइलिंग बुद्ध’ (Smiling Buddha) था।