शिक्षा समसामियिकी 1 (5-Aug-2020)^शिक्षा पर महामारी के प्रभाव पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (United Nations' Report on the pandemic’s impact on education)
Posted on August 5th, 2020
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस (COVID-19) के आर्थिक परिणामों के प्रभावस्वरूप अगले वर्ष लगभग 24 मिलियन बच्चों पर स्कूल न लौट पाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षा प्रणाली पर COVID-19 के प्रभाव के कारण शैक्षिक वित्तपोषण का अंतर एक-तिहाई तक बढ़ सकता है।स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के बंद होने से विश्व की तकरीबन 94% छात्र आबादी प्रभावित हुई है और निम्न तथा निम्न-मध्यम आय वाले देशों में यह संख्या 99% है।इसके अलावा COVID-19 महामारी ने शिक्षा प्रणाली में मौजूद असमानता को और अधिक बढ़ा दिया है। इस महामारी के कारण निम्न आय वाले देशों की कमज़ोर एवं संवेदनशील आबादी इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुई है। वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के दौरान निम्न आय वाले देशों में प्राथमिक स्तर पर तकरीबन 86% बच्चे स्कूल से बाहर हो गए हैं, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह आँकड़ा केवल 20% है।
इस महामारी का सबसे अधिक प्रभाव लड़कियों और महिलाओं पर देखने को मिल सकता है, स्कूल बंद होने से वे बाल विवाह और लिंग आधारित हिंसा के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाएंगी।साथ ही बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।वर्ष 2020 की शुरू में यह अनुमान लगाया गया था कि विश्व के अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में शिक्षा बजट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सतत् विकास लक्ष्य तक पहुँचाने के लिये आवश्यक राशि के बीच लगभग 148 बिलियन डॉलर का अंतर है, COVID-19 महामारी के कारण इस वित्तपोषण अंतराल में दो-तिहाई तक वृद्धि हो सकती है।
* लगभग तीन महीने स्कूलों के बंद रहने से कक्षा-3 के बच्चों की सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यदि इनके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गयी तो, इनमे से 72% छात्र तक पिछड़े रहेंगे अथवा स्कूल छोड़ देंगे या कुछ भी सीखने में सक्षम नहीं होंगे।
* महामारी के कारण किसी छात्र के शैक्षिणक रूप से अक्षम हो जाने से उसके द्वारा अपने जीवनकाल में की जाने वाली संभावित कमाई के रूप में लगभग 16,000 डॉलर तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर गणना करने पर 10 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुक्सान हो सकता है।
* 2020 की शुरुआत में, अल्प और मध्यम आय वाले देशों में शिक्षा बजट और गुणवत्ता युक्त शिक्षा संबंधी सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए उपलब्ध धन के बीच $ 148 बिलियन का अंतर था। COVID-19 संकट से इस वित्तीय अंतराल में तीन गुना तक वृद्धि होने की संभावना है।
शिक्षा समसामियिकी 1 (5-Aug-2020)शिक्षा पर महामारी के प्रभाव पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (United Nations' Report on the pandemic’s impact on education)
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस (COVID-19) के आर्थिक परिणामों के प्रभावस्वरूप अगले वर्ष लगभग 24 मिलियन बच्चों पर स्कूल न लौट पाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षा प्रणाली पर COVID-19 के प्रभाव के कारण शैक्षिक वित्तपोषण का अंतर एक-तिहाई तक बढ़ सकता है।स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के बंद होने से विश्व की तकरीबन 94% छात्र आबादी प्रभावित हुई है और निम्न तथा निम्न-मध्यम आय वाले देशों में यह संख्या 99% है।इसके अलावा COVID-19 महामारी ने शिक्षा प्रणाली में मौजूद असमानता को और अधिक बढ़ा दिया है। इस महामारी के कारण निम्न आय वाले देशों की कमज़ोर एवं संवेदनशील आबादी इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुई है। वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के दौरान निम्न आय वाले देशों में प्राथमिक स्तर पर तकरीबन 86% बच्चे स्कूल से बाहर हो गए हैं, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह आँकड़ा केवल 20% है।
इस महामारी का सबसे अधिक प्रभाव लड़कियों और महिलाओं पर देखने को मिल सकता है, स्कूल बंद होने से वे बाल विवाह और लिंग आधारित हिंसा के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाएंगी।साथ ही बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।वर्ष 2020 की शुरू में यह अनुमान लगाया गया था कि विश्व के अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में शिक्षा बजट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सतत् विकास लक्ष्य तक पहुँचाने के लिये आवश्यक राशि के बीच लगभग 148 बिलियन डॉलर का अंतर है, COVID-19 महामारी के कारण इस वित्तपोषण अंतराल में दो-तिहाई तक वृद्धि हो सकती है।
* लगभग तीन महीने स्कूलों के बंद रहने से कक्षा-3 के बच्चों की सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यदि इनके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गयी तो, इनमे से 72% छात्र तक पिछड़े रहेंगे अथवा स्कूल छोड़ देंगे या कुछ भी सीखने में सक्षम नहीं होंगे।
* महामारी के कारण किसी छात्र के शैक्षिणक रूप से अक्षम हो जाने से उसके द्वारा अपने जीवनकाल में की जाने वाली संभावित कमाई के रूप में लगभग 16,000 डॉलर तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर गणना करने पर 10 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुक्सान हो सकता है।
* 2020 की शुरुआत में, अल्प और मध्यम आय वाले देशों में शिक्षा बजट और गुणवत्ता युक्त शिक्षा संबंधी सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए उपलब्ध धन के बीच $ 148 बिलियन का अंतर था। COVID-19 संकट से इस वित्तीय अंतराल में तीन गुना तक वृद्धि होने की संभावना है।