अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (22-Apr-2019)
ट्रंप का भारत को झटका, 2 मई के बाद ईरान से तेल खरीदने पर लगेगा अमेरिकी बैन (Trump has shocked India, US will impose bans to buy oil from Iran after 2 May)

Posted on April 22nd, 2019 | Create PDF File

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से कच्चे तेल के आयात पर आगे किसी देश को कोई छूट नहीं देने का फैसला किया है. अमेरिका के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारत और चीन पर पड़ने वाला है. हालांकि भारत सरकार ईरान से तेल आयात की छूट बंद करने के अमेरिका के फैसले के प्रभावों का अध्ययन कर रही है.

 

व्हाइट हाउस द्वारा 2 मई के बाद ईरान से तेल आयात करने वाले भारत समेत अन्य देशों पर अमेरिकी पाबंदी लगाने का ऐलान किया गया है. इससे पहले वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर अतिरिक्त छूट नहीं देने की बात कही गई थी.

 

ईरान को अलग-थलग करने में जुटा अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के ऐलान के साथ अब साफ हो गया है कि जो देश ईरान से तेल आयात पूरी तरह बंद नहीं करेगा, उसे अमेरिकी प्रतिबंध झेलना पड़ेगा. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने वॉशिंगटन पोस्ट को रविवार को बताया था कि अमेरिका 2 मई के बाद किसी भी देश को ईरान से तेल आयात करने की कोई छूट नहीं देगा.

 

अमेरिका फैसले का भारत-चीन पर सबसे ज्यादा असर

दरअसल पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने 8 देशों को ईरान से तेल आयात के बदले अन्य विकल्प तलाशने के लिए 180 दिनों की छूट दी थी, जो 2 मई को पूरी हो रही है. इन आठ देशों में से तीन देश, यूनान, इटली और ताइवान ने पहले ही ईरान से तेल आयात घटाकर शून्य कर लिया है. अन्य पांच देशों में भारत, चीन, तुर्की, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं जिन्हें अब ईरान से या तो तेल आयात बंद करना होगा या अमेरिकी प्रतिबंध को झेलना पड़ेगा.

 

2 मई तक अल्टीमेटम

गौरतलब है कि वर्तमान में ईरान से सबसे ज्यादा तेल का आयात चीन और भारत करता है. अब अगर ये दोनों देश 2 मई के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ ईरान से तेल का आयात जारी रखते हैं तो फिर अमेरिका के साथ इनके द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव आ सकता है, और व्यापार जैसे अन्य मुद्दों पर भी इसका असर देखा जा सकता है. हालांकि भारत को उम्मीद थी कि अमेरिका की ओर से ईरान से तेल आयात के लिए कुछ और दिनों की मोहलत मिल जाएगी.

 

बता दें, दक्षिण कोरिया और जापान ईरान से तेल आयात पर कम निर्भर है और इन्होंने पहले ही अपनी राह तलाश ली है. अमेरिका का साफ कहना है कि ईरान से शून्य तेल आयात की नीति विदेश मंत्री पोम्पियो ने बनाई है. क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि ईरान की सरकार वापस वार्ता की मेज पर आए और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ किए करार से बेहतर करार करे.

 

भारतीय शेयर बाजार पर भी असर

ईरान से तेल आयात पर पाबंदी से छूट को समाप्त करने के अमेरिका के निर्णय की खबरों के बाद कच्चे तेल मूल्य में आई तेजी के बीच रुपये की विनिमय दर सोमवार को 32 पैसे गिर कर 69.67 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई.