पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(21-Jan-2023)इंडियन स्टार कछुआ(Indian Star Tortoise)
Posted on January 23rd, 2023 | Create PDF File
इंडियन स्टार कछुआ (जियोचेलोन एलिगेंस) पर हुए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि अवैध व्यापार और अवैज्ञानिक स्थानांतरण से इन प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता एवं आवास को भारी नुकसान हो रहा है।
इस अध्ययन में प्रजातियों के अस्पष्ट वितरण की समस्या को देखते हुए वैज्ञानिक प्रजनन (Scientific Breeding) को उपयोग में लाने के उद्देश्य से इन प्रजातियों की व्यापक आनुवंशिक जाँच का सुझाव दिया गया है।
आवास :
इंडियन स्टार कछुए भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं, विशेष रूप से भारत के मध्य और दक्षिणी भागों, पश्चिम पाकिस्तान और श्रीलंका में।
ये आमतौर पर सूखे, खुले आवासों जैसे कि झाड़ीयुक्त जंगलों, घास के मैदानों एवं चट्टानी आउटक्रॉपिंग में पाए जाते हैं।
खतरा:
यह प्रजाति अपने निवास स्थान के खतरे के साथ-साथ आनुवंशिक विविधता के नुकसान की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रही है।
प्रजातियाँ अत्यधिक खंडित आवास, शहरीकरण एवं कृषि पद्धतियों के बढ़ते स्तर के कारण अत्यधिक प्रभावित हैं।
वर्षों से इन प्रजातियों के संकरण के कारण भारतीय स्टार कछुओं ने आनुवंशिक विविधता खो दी है।
इसके अलावा वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के अनुसार, स्टार कछुए का 90% व्यापार अंतर्राष्ट्रीय घरेलू बाज़ार के हिस्से के रूप में होता है।
सुरक्षा की स्थिति :
IUCN रेड लिस्ट : असुरक्षित
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 : अनुसूची IV
अनुसूची IV : यह सूची उन प्रजातियों के लिये है जो लुप्तप्राय नहीं हैं। इसमें संरक्षित प्रजातियाँ शामिल हैं लेकिन किसी भी उल्लंघन के लिये दंड अनुसूची I और II की तुलना में कम है।
प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (CITES) : परिशिष्ट I