रक्षा समसामयिकी 1(20-Jan-2023)^सबमरीन वागीर^(submarine Vagir)
Posted on January 20th, 2023
भारतीय नौसेना कलवरी श्रेणी की पाँचवीं सबमरीन “वागीर” को अपने बेड़े में शामिल करेगी।
भारत में इस सबमरीन का निर्माण मुंबई के मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने फ्राँस की कंपनी नेवल ग्रुप के सहयोग से किया है।
वागीर स्वदेश में निर्मित अब तक की सभी सबमरीन में सबसे कम समय में तैयार हुई है।
इससे भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि होगी।
प्रोजेक्ट- 75 के तहत स्कॉर्पीन डिज़ाइन की छह सबमरीन का स्वदेशी निर्माण किया जाना शामिल है।
कलवरी-श्रेणी की सबमरीन में युद्ध-रोधी और सबमरीन-रोधी संचालन, खुफिया जानकारी एकत्र करने और निगरानी तथा माइन बिछाने सहित विभिन्न प्रकार के नौसैनिक युद्ध संचालन की क्षमता है।
भारतीय नौसेना में पहली सबमरीन INS कलवरी को दिसंबर 2017, दूसरी सबमरीन INS खंडेरी को सितंबर 2019 में, तीसरी सबमरीन INS करंज को मार्च 2021 में और चौथी सबमरीन INS वेला को नवंबर 2021 में सेवा में शामिल किया गया था।
छठी और आखिरी सबमरीन वाग्शीर को वर्ष 2023 के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है।
रक्षा समसामयिकी 1(20-Jan-2023)सबमरीन वागीर(submarine Vagir)
भारतीय नौसेना कलवरी श्रेणी की पाँचवीं सबमरीन “वागीर” को अपने बेड़े में शामिल करेगी।
भारत में इस सबमरीन का निर्माण मुंबई के मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने फ्राँस की कंपनी नेवल ग्रुप के सहयोग से किया है।
वागीर स्वदेश में निर्मित अब तक की सभी सबमरीन में सबसे कम समय में तैयार हुई है।
इससे भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि होगी।
प्रोजेक्ट- 75 के तहत स्कॉर्पीन डिज़ाइन की छह सबमरीन का स्वदेशी निर्माण किया जाना शामिल है।
कलवरी-श्रेणी की सबमरीन में युद्ध-रोधी और सबमरीन-रोधी संचालन, खुफिया जानकारी एकत्र करने और निगरानी तथा माइन बिछाने सहित विभिन्न प्रकार के नौसैनिक युद्ध संचालन की क्षमता है।
भारतीय नौसेना में पहली सबमरीन INS कलवरी को दिसंबर 2017, दूसरी सबमरीन INS खंडेरी को सितंबर 2019 में, तीसरी सबमरीन INS करंज को मार्च 2021 में और चौथी सबमरीन INS वेला को नवंबर 2021 में सेवा में शामिल किया गया था।
छठी और आखिरी सबमरीन वाग्शीर को वर्ष 2023 के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है।