आधिकारिक बुलेटिन -2 (10-July-2019)
बच्‍चों से जुड़े यौन अपराधों के लिए कड़े दंडात्‍मक प्रावधान (Stringent Punishment for Sexual Crimes against Children)

Posted on July 10th, 2019 | Create PDF File

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल ने बच्‍चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बाल यौन अपराध संरक्षण कानून 2012 (पोक्‍सो) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसमें बच्‍चों बच्‍चों से जुड़े यौन अपराधों के लिए मृत्‍युदंड सहित सख्‍त दंडात्‍मक प्रावधान किए गए हैं।

 

प्रभाव

*कानून में संशोधन के जरिए कड़े दंडात्‍मक प्रावधानों से बच्‍चों से जुड़े यौन अपराधों में कमी आने की संभावना है।

*इससे विपत्ति में फंसे बच्‍चों के हितों की रक्षा हो सकेगी और उनकी सुरक्षा और सम्‍मान सुनिश्चित किया जा सकेगा।

*संशोधन का लक्ष्‍य बच्‍चों से जुड़े अपराधों के मामले में दंडात्‍मक व्‍यवस्‍थाओं को अधिक स्‍पष्‍ट करना है।

 

पृष्‍ठभूमि:

पोक्‍सो अधिनियम, 2012 बच्‍चों को यौन अपराधों, यौन शोषण और अश्‍लील सामग्री से सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया था। इसका उद्देश्‍य बच्‍चों के हितों की रक्षा करना और उनका कल्‍याण सुनिश्चित करना है। अधिनियम के तहत बच्‍चे को 18 साल की कम उम्र के व्‍यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है और हर स्‍तर पर बच्‍चों के हितों और उनके कल्‍याण को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देते हुए उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित किया गया है। यह कानून लैंगिक समानता पर आधारित है।