आधिकारिक बुलेटिन -1 (5-Sept-2019)
विशिष्‍ट संस्‍थान योजना को लागू करने के लिए कदम उठाए गए
(Steps taken to implement the Institutions of Eminence (IoE) Scheme)

Posted on September 5th, 2019 | Create PDF File

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विशिष्‍ट संस्‍थान योजना को लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग तथा अधिकारप्राप्‍त विशेषज्ञ समिति‍ की सलाह पर 4 सितंबर, 2019 को विशिष्‍ट संस्‍थानों के रूप में उनकी घोषणा से अवगत कराते हुए पांच सरकारी विश्‍वविद्यालयों के लिए आदेश जारी किए। आईआईटी मद्रास, बनारस हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय, आईआईटी खड़गपुर, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय और हैदराबाद विश्‍वविद्यालय इनमें शामिल हैं। इसके अलावा पांच नि‍जी विश्‍वविद्यालयों के लिए इस आशय के पत्र जारी किए गए कि वे विशिष्‍ट संस्‍थानों के रूप में घोषित किए जाने के लिए अपनी तैयारी से अवगत कराएं। अमृता विश्‍वविद्यापीठम, तमिलनाडु, वेल्‍लौर प्रौद्योगिकी संस्‍थान, तमिलनाडु, जामिया हमदर्द, नई दिल्‍ली, कलिंगा औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्‍थान, ओडिशा और भारतीय संस्‍थान, सत्‍य भारती फाउंडेशन, मोहाली इनमें शामिल हैं। विशिष्‍ट संस्‍थानों के रूप में शैक्षिक क्रियाकलाप शुरू करने के बारे में अपनी तैयारियों से अवगत कराना इन संस्‍थानों के लिए जरूरी होगा।

 

इसके अलावा दो अन्‍य विश्‍वविद्यालयों- शिव नाडार विश्‍वविद्यालय, उत्‍तर प्रदेश और ओ पी जिन्‍दल विश्‍वविद्यालय, हरियाणा के संदर्भ में राज्‍य सरकारों को पत्र लिखे गए हैं कि राज्‍य के तहत निजी विश्‍वविद्यालयों के रूप में इन विश्‍वविद्यालयों के दर्जे को समाप्‍त करने के लिए राज्‍य विधानसभा में कानून पारित करें, ताकि विख्‍यात संस्‍थान मान्‍य विश्‍वविद्यालयों के रूप में इनके बारे में विचार किया जा सके।

 

दो राज्‍य विश्‍वविद्यालयों – जादवपुर विश्‍वविद्यालय, पश्चिम बंगाल और अन्‍ना विश्‍वविद्यालय, तमिलनाडु को भी अधिकारप्राप्‍त समिति द्वारा चयनित किया गया और राज्‍य सरकारों को विशिष्‍ट संस्‍थान योजना के तहत इनके योगदान के बारे में अवगत कराने के लिए कहा गया है।

 

इससे पहले, विशिष्‍ट संस्‍थान योजना के तहत पहले चरण में 6 संस्‍थानों को विशिष्‍ट संस्‍थानों के रूप में चयनित किया गया था :

 

सरकारी संस्‍थान

 

*भारतीय विज्ञान संस्‍थान, बंगलोर

*मणिपाल उच्‍चतर शिक्षा अकादमी, मणिपाल

*भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, दिल्‍ली

 

निजी संस्‍थान

 

*बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्‍थान, पिलानी

*भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, बंबई

*ग्रीनफील्‍ड श्रेणी के तहत जीयो संस्‍थान

 

तीन सार्वजनिक संस्‍थानों को विशिष्‍ट संस्‍थान घोषित किया गया था, जबकि तीन निजी संस्‍थानों के लिए आशय पत्र जारी किए गए थे। अब तक विशिष्‍ट संस्‍थानों के रूप में 16 संस्‍थान हैं। इनमें ऐसे चार संस्‍थान शामिल नहीं हैं, जिनके लिए राज्‍य सरकारों की ओर से तत्‍संबंधी पुष्टि की प्रतीक्षा की जा रही है।

 

विशिष्‍ट संस्‍थानों के लाभ

 

*सरकारी संस्‍थानों को अधिकतम 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त धनराशि मिलेगी।

*विशिष्‍ट संस्‍थान के तहत चयनित संस्‍थानों के पास संपूर्ण शैक्षिक एवं प्रशासनिक स्‍वायत्‍ता होगी।

*विशिष्‍ट संस्‍थानों के पास उपलब्‍ध और आवंटित संसाधनों को खर्च करने के लिए संपूर्ण वित्‍तीय स्‍वायत्‍तता होगी, जो विधानों और जीएफआर की सामान्‍य शर्तों एवं निषेधों पर आधारित होगी।

*विदेशी उच्‍चतर शैक्षिक संस्‍थानों (500 शीर्ष संस्‍थानों में) के साथ शैक्षिक तालमेल के मामले में सरकारी मंजूरियों की जरूरत नहीं होगी।

*संकाय के रूप में उद्योग जगत आदि के ऐसे कार्मिकों को काम सौंपने की स्‍वतंत्रता होगी, जो अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, किन्‍तु आवश्‍यक उच्‍चतर शैक्षिक योग्‍यताएं नहीं रखते हैं।

*देश के बाहर से शिक्षक को भर्ती करने की स्‍वतंत्रता (सरकारी संस्‍थान के लिए शिक्षकों की कुल संख्‍या के 25 प्रतिशत तक सीमित)