आधिकारिक बुलेटिन 1 (15-Feb-2021)
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
(Soil Health Card Scheme)

Posted on February 15th, 2021 | Create PDF File

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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card scheme), देश के 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की जा रही है।

 

इस योजना की शुरुआत 5, दिसंबर, 2015 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी। इस योजना के तहत, कृषि, महिला स्वयं सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संगठन (FPOs) आदि में शिक्षा प्राप्त युवाओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी। इस योजना में उपयुक्त कौशल विकास के पश्चात रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

 

 

‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ (Soil Health Card- SHC) एक मुद्रित रिपोर्ट कार्ड होता है, जो किसान को उसकी प्रत्येक कृषि-जोत के लिए प्रदान किया जाएगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड, छह फसलों के लिए, जैविक खादों सहित उर्वरकों की सिफारिशों के दो सेट उपलब्ध कराता है।

इसमें मृदा के संदर्भ में निम्नलिखित 12 मानकों के स्तरों को शामिल किया जाता है:

  1. नाईट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटेशियम / एन, पी, के (N,P,K) (वृहत-पोषक तत्व);
  2. सल्फर (S) (मध्यम-पोषक तत्व);
  3. जिंक (Zn), आयरन (Fe), मैगनीज (Mn), बोरान (Bo) (सूक्ष्म- पोषक तत्व); तथा
  4. पीएच (pH), वैद्युत चालकता (EC), जैविक कार्बन (OC) (भौतिक मानक)।

 

 

‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ का उद्देश्य प्रत्येक किसान को उसकी कृषि-जोतों की मृदा के पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी देना है। यह कार्ड, उर्वरकों की मात्रा के संबंध में किसान को सलाह प्रदान करता है, और मृदा के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, इसमें आवश्यक संशोधनों के बारे में भी सुझाव देता है।

 

इस योजना के तहत, प्रति दो वर्ष में एक बार राज्य सरकारों द्वारा मृदा संरचना का विश्लेषण कराए जाने का प्रावधान किया गया है ताकि मृदा के पोषक तत्वों में सुधार हेतु समय पर उपचारात्मक कदम उठाए जा सकें। मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, और साथ ही यह कृषि-कार्य में लगे युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा कर रही है।