विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1 (29-November-2021)^स्काईरूट ने भारत के पहले निजी तौर पर निर्मित क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन "धवन -1" का परीक्षण किया^(Skyroute test-fired India's first privately built cryogenic rocket engine "Dhavan-1")
Posted on November 30th, 2021
हैदराबाद स्थित एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) ने भारत के पहले निजी तौर पर विकसित पूरी तरह से क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन (cryogenic rocket engine) धवन -1 (Dhawan-1) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
यह इसके आगामी विक्रम -2 कक्षीय प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरणों को शक्ति प्रदान करेगा। रॉकेट इंजन धवन-1 का नाम भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन (Satish Dhawan) के नाम पर रखा गया है।
धवन-1 :
धवन-1 पूरी तरह से 'मेड-इन-इंडिया' क्रायोजेनिक इंजन है, जिसे सुपरएलॉय के साथ 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके विकसित किया गया है।
इंजन तरलीकृत प्राकृतिक गैस और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित होता है - एक उच्च प्रदर्शन, कम लागत वाला और स्वच्छ रॉकेट ईंधन।
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1 (29-November-2021)स्काईरूट ने भारत के पहले निजी तौर पर निर्मित क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन "धवन -1" का परीक्षण किया(Skyroute test-fired India's first privately built cryogenic rocket engine "Dhavan-1")
हैदराबाद स्थित एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) ने भारत के पहले निजी तौर पर विकसित पूरी तरह से क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन (cryogenic rocket engine) धवन -1 (Dhawan-1) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
यह इसके आगामी विक्रम -2 कक्षीय प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरणों को शक्ति प्रदान करेगा। रॉकेट इंजन धवन-1 का नाम भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन (Satish Dhawan) के नाम पर रखा गया है।
धवन-1 :
धवन-1 पूरी तरह से 'मेड-इन-इंडिया' क्रायोजेनिक इंजन है, जिसे सुपरएलॉय के साथ 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके विकसित किया गया है।
इंजन तरलीकृत प्राकृतिक गैस और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित होता है - एक उच्च प्रदर्शन, कम लागत वाला और स्वच्छ रॉकेट ईंधन।