राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (14-September-2021)^स्काईरूट एयरोस्पेस का इसरो के साथ समझौता^(Skyroot Aerospace signs MoU with ISRO)
Posted on September 14th, 2021
हैदराबाद स्थित एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप, स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) औपचारिक रूप से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation - ISRO) के साथ एक समझौते में प्रवेश करने वाली पहली निजी कंपनी बन गई है।
फ्रेमवर्क एमओयू (Framework MoU) कंपनी को विभिन्न इसरो केंद्रों पर कई परीक्षण और एक्सेस सुविधाओं की अनुमति देगा और उनके अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहन प्रणालियों और उप प्रणालियों के परीक्षण और योग्यता के लिए इसरो की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा।
समझौते पर इसरो के वैज्ञानिक सचिव और अंतरिम IN-SPACe समिति के अध्यक्ष आर उमामहेश्वरन (R Umamaheswaran) और स्काईरूट एयरोस्पेस के सीईओ पवन चंदना (Pawan Chandana) ने हस्ताक्षर किए।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्काईरूट छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए रॉकेट की विक्रम (Vikram) श्रृंखला का निर्माण कर रहा है।
स्टार्टअप ने कलाम -5 नामक अपने ठोस प्रणोदन रॉकेट इंजन का पहले ही परीक्षण कर लिया है, जिसका बड़ा संस्करण इसके रॉकेटों को शक्ति प्रदान करेगा।
स्काईरूट एयरोस्पेस छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए रॉकेटों की विक्रम श्रृंखला का निर्माण कर रहा है। श्रृंखला का पहला प्रक्षेपण यान, विक्रम -1, 2022 में लॉन्च होने वाला है।
राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (14-September-2021)स्काईरूट एयरोस्पेस का इसरो के साथ समझौता(Skyroot Aerospace signs MoU with ISRO)
हैदराबाद स्थित एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप, स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) औपचारिक रूप से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation - ISRO) के साथ एक समझौते में प्रवेश करने वाली पहली निजी कंपनी बन गई है।
फ्रेमवर्क एमओयू (Framework MoU) कंपनी को विभिन्न इसरो केंद्रों पर कई परीक्षण और एक्सेस सुविधाओं की अनुमति देगा और उनके अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहन प्रणालियों और उप प्रणालियों के परीक्षण और योग्यता के लिए इसरो की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा।
समझौते पर इसरो के वैज्ञानिक सचिव और अंतरिम IN-SPACe समिति के अध्यक्ष आर उमामहेश्वरन (R Umamaheswaran) और स्काईरूट एयरोस्पेस के सीईओ पवन चंदना (Pawan Chandana) ने हस्ताक्षर किए।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्काईरूट छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए रॉकेट की विक्रम (Vikram) श्रृंखला का निर्माण कर रहा है।
स्टार्टअप ने कलाम -5 नामक अपने ठोस प्रणोदन रॉकेट इंजन का पहले ही परीक्षण कर लिया है, जिसका बड़ा संस्करण इसके रॉकेटों को शक्ति प्रदान करेगा।
स्काईरूट एयरोस्पेस छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए रॉकेटों की विक्रम श्रृंखला का निर्माण कर रहा है। श्रृंखला का पहला प्रक्षेपण यान, विक्रम -1, 2022 में लॉन्च होने वाला है।