व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1(1-August-2022)^शहीद उधम सिंह^(Shaheed Udham Singh)
Posted on August 1st, 2022
हाल ही में प्रधानमंत्री ने शहीद उधम सिंह की पुण्यतिथि 31 जुलाई, 2022 को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिये न्यौछावर कर दिया।
उधम सिंह वर्ष 1899 में पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम में पैदा हुए, उन्हें ‘शहीद-ए-आजम’ सरदार उधम सिंह भी कहा जाता है जिसका अर्थ है 'महान शहीद'।
इन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है।
13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला हत्याकांड से प्रभावित होकर वे क्रांतिकारी गतिविधियों और राजनीति में सक्रिय हो गए।
वे भगत सिंह से बहुत प्रभावित थे। वे वर्ष 1924 में औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य सेप्रवासी भारतीयों को संगठित करने के लिये गदर पार्टी में शामिल हुए।
वर्ष 1927 में क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सहयोगियों और हथियारों के साथ भारत लौटते समय उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तथा पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई।
13 मार्च, 1940 कोउधम सिंह ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी की कैक्सटन हिल में एक बैठक में जनरल डायर के स्थान पर माइकल ओ'डायर को गोली मार दी।
उधम सिंह को मौत की सज़ा सुनाई गई और 31 जुलाई, 1940 को लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।
व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1(1-August-2022)शहीद उधम सिंह(Shaheed Udham Singh)
हाल ही में प्रधानमंत्री ने शहीद उधम सिंह की पुण्यतिथि 31 जुलाई, 2022 को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिये न्यौछावर कर दिया।
उधम सिंह वर्ष 1899 में पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम में पैदा हुए, उन्हें ‘शहीद-ए-आजम’ सरदार उधम सिंह भी कहा जाता है जिसका अर्थ है 'महान शहीद'।
इन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है।
13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला हत्याकांड से प्रभावित होकर वे क्रांतिकारी गतिविधियों और राजनीति में सक्रिय हो गए।
वे भगत सिंह से बहुत प्रभावित थे। वे वर्ष 1924 में औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य सेप्रवासी भारतीयों को संगठित करने के लिये गदर पार्टी में शामिल हुए।
वर्ष 1927 में क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सहयोगियों और हथियारों के साथ भारत लौटते समय उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तथा पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई।
13 मार्च, 1940 कोउधम सिंह ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी की कैक्सटन हिल में एक बैठक में जनरल डायर के स्थान पर माइकल ओ'डायर को गोली मार दी।
उधम सिंह को मौत की सज़ा सुनाई गई और 31 जुलाई, 1940 को लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।