भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं (भाग -2) -समन्वय एवं आध्यात्मवाद (Salient features of Indian Society Part 2 - Coordination and Spiritualism)

Posted on March 19th, 2020 | Create PDF File

समन्वय (Coordination)-

 

भारतीय समाज के सहिष्णु स्वभाव के कारण ही इसमें भिन्‍न-भिन्‍न संस्कृतियों का समन्वय हो पाया है।यदि विभिन्‍न संस्कृतियों को नदियां मान लिया जाए तो संस्कृति वह सागर है जहाँ सभी नदियां आकर मिलती है। विभिन्‍न संस्कृतियों, जैसे-जनजातीय, हिन्दू, मुस्लिम, शक, हूण, सिथियन, ईसाई आदि से भारतीय संस्कृति नष्ट नहीं हुई वरन्‌ इन संस्कृतियों ने भारतीय समाज में समन्वय एवं एकता ही स्थापित की है।

 

आध्यात्मवाद (Spiritualism)-

 

आध्यात्मवाद भी भारतीय समाज की एक अनूठी विशेषता है। यहाँ भौतिक सुख और भोग-विलास को कभी भी जीवन का उद्देश्य नहीं माना गया। आत्मा और ईश्वर के महत्व को स्वीकार किया गया है और भौतिक सुख के स्थान पर मानसिक एवं आध्यात्मिक सुख को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। धर्म और आध्यात्मिकता भारतीय समाज में आत्मा को तरह बसा हुआ है। भारतीय समाज में सहिष्णु प्रवत्ति का उदय आध्यात्मवाद के कारण ही हुआ है।