भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं (भाग -1) -प्राचीनता, स्थायित्व एवं सहिष्णुता
(Salient features of Indian Society Part 1- Ancientness,Stability and Tolerance)

Posted on March 19th, 2020 | Create PDF File

भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं (Salient features of Indian Society) -

 

समाज कई प्रकार के हो सकते हैं। अलग-अलग आधारों पर अलग-अलग समाजों का निर्माण हुआ है, जैसे-ग्रामीण समाज, शहरी समाज, पशुचारण समाज, कृषक समाज, आधुनिक समाज, उत्तर आधुनिक समाज, अमेरिकी समाज, ब्रिटिश समाज, यूरोपीय समाज, हिन्दू समाज, पारसी समाज, आदि। इन सभी समाजों की अपनी विशेषताएं होती हैं जिसके आधार पर हम उसे अन्य समाजों से अलग कर सकते हैं। हर समाज की तरह भारतीय समाज की भी कूछ विशेषताएं हैं जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :

 

प्राचीनता एवं स्थायित्व (Ancientness and Stability) -

 

भारतीय समाज प्राचीनतम समाजों में से एक है। विश्व की अन्य प्राचीन संस्कृतियां, जैसे-मिश्र, सीरिया, बेबीलोन, रोम, आदि विनष्ट हो गई लेकिन भारतीय संस्कृति व समाज-व्यवस्था आज भी कायम है। आज भी हमारे यहाँ वैदिक धर्मों को मानने की परम्परा है। गीता, महावीर और गौतम बुद्ध के उपदेश आज भी देश में जीवंत बने हुए हैं। भारतीय जन-जीवन का मौलिक आधार आज भी वही है जो प्राचीन भारत में विद्यमान था।

 

सहिष्णुता (Tolerance) -

 

सहिष्णुता भारतीय समाज की एक अद्भुत विशेषता है। यहाँ सभी धर्मों, जातियों, प्रजातियों एवं संप्रदायों के प्रति सहिष्णुता एवं प्रेम का भाव पाया है। भारत में समय-समय पर अनेक विदेशी संस्कृतियों का आगमन हुआ और सभी को विकसित होने का अवसर प्राप्त हुआ। इनमें से किसी भी संस्कृति का दमन नहीं किया गया और न ही किसी समूह पर कोई संस्कृति थोपी गई। यहाँ आज भी हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन सभी अपनी-विशेषताएं बनाए हुए हैं।