व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1 (12-May-2021)^सआदत हसन मंटो^(Saadat Hasan Manto)
Posted on May 12th, 2021
11 मई, 2021 को प्रसिद्ध साहित्यकार सआदत हसन मंटो की 109वीं जयंती मनाई गई।
सआदत हसन मंटो को सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला और उर्दू में सबसे विवादास्पद लघु कथाकार माना जाता है।
11 मई, 1912 को पंजाब के लुधियाना ज़िले के समबरला में एक कश्मीरी परिवार में जन्मे मंटो ने लघु कहानियों के बाईस संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पाँच संग्रह और फिल्मों के लिये कई स्क्रिप्ट लिखीं।
मंटो ने अपनी कहानियों और रचनाओं के माध्यम से विभाजन और उसके दर्द को लिखा।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1935 में मंटो बॉम्बे चले गए और वहाँ उन्होंने साप्ताहिक पत्रिका ‘पारस’ में काम किया।
उनके उपन्यासों और रचनाओं ने साहित्य जगत में उथल-पुथल मचा दिया और इसी कारण उन्हें अश्लील साहित्यकार भी कहा गया। इसी वजह से उन पर कई बार मुकदमे चलाए गए और पाकिस्तान में उन्हें 3 महीने के कारावास और 300 रुपए का जुर्माना भी देना पड़ा।
बाद में उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज़' से भी सम्मानित किया गया।
18 जनवरी, 1955 को पाकिस्तान में मंटो का निधन हो गया।
व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1 (12-May-2021)सआदत हसन मंटो(Saadat Hasan Manto)
11 मई, 2021 को प्रसिद्ध साहित्यकार सआदत हसन मंटो की 109वीं जयंती मनाई गई।
सआदत हसन मंटो को सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला और उर्दू में सबसे विवादास्पद लघु कथाकार माना जाता है।
11 मई, 1912 को पंजाब के लुधियाना ज़िले के समबरला में एक कश्मीरी परिवार में जन्मे मंटो ने लघु कहानियों के बाईस संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पाँच संग्रह और फिल्मों के लिये कई स्क्रिप्ट लिखीं।
मंटो ने अपनी कहानियों और रचनाओं के माध्यम से विभाजन और उसके दर्द को लिखा।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1935 में मंटो बॉम्बे चले गए और वहाँ उन्होंने साप्ताहिक पत्रिका ‘पारस’ में काम किया।
उनके उपन्यासों और रचनाओं ने साहित्य जगत में उथल-पुथल मचा दिया और इसी कारण उन्हें अश्लील साहित्यकार भी कहा गया। इसी वजह से उन पर कई बार मुकदमे चलाए गए और पाकिस्तान में उन्हें 3 महीने के कारावास और 300 रुपए का जुर्माना भी देना पड़ा।
बाद में उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज़' से भी सम्मानित किया गया।
18 जनवरी, 1955 को पाकिस्तान में मंटो का निधन हो गया।