एनआईएफ चैलेंज कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) में भाग लेने वाले आम लोगों द्वारा एसएंडटी आधारित नवोन्मेषी समाधान उल्लेखनीय प्रभाव डालने के लिए तैयार^(S&T based innovative solutions by common people participating in NIF’s Challenge COVID-19 Competition (C3) ready to make adifference)
Posted on May 17th, 2020
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्तशासी निकाय नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-भारत (एनआईएफ) ने चैलेंज कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) के जरिये कई एसएंडटी आधारित नवोन्मेषी समाधानों की पहचान की है। यह अभियान महामारी से निपटने के लिए विचारों तथा नवोन्मेषणों को सामने लाने के लिए नवोन्मेषी नागरिकों को शामिल करने हेतु 31 मार्च से 10 मई तक चलाया जा रहा था।
एनआईएफ विचारों के सृजन को और प्रसारित करने के लिए इंक्युबेशन एवं परामर्श सहायता उपलब्ध करा रहा है। हैंड सैनिटाइजेशन एवं धोने के लिए पांव से परिचालित किया जाने वाला एक उपकरण तथा सैनिटाइजेशन के लिए नवोन्मेषी स्प्रेयर इस अभियान के तहत दो समर्थित इनोवेशन हैं।
तेलंगाना के वारंगल के श्री मुप्पारापु राजू ने हैंड सैनिटाइजेशन एवं धोने के लिए पांव से परिचालित किया जाने वाला एक उपकरण डिजाइन किया है जो व्याप्त कोविड-19 वातावरण में संपर्करहित उपकरणों की आवश्यकता के प्रत्युत्तर में एक समयानुकूल समाधान है। यह हाथों के जरिये नहीं बल्कि पांव के जरिये उपकरण के परिचालन द्वारा साबुन एवं पानी के उपयोग को सुगम बनाता है। इसके परिणामस्वरूप, उपयोगकर्ता एवं सैनिटाइजर, साबुन तथा पानी, जिन्हें उपकरण के एक हिस्से के रूप में अलग कंटेनरों में पर्याप्त रूप से भंडारित होता है, के बीच हाथ से संबंधित कोई संपर्क नहीं होता। श्री राजू ने तेलंगाना राज्य में विभिन्न स्थानों (वारांगल, महबूबाबाद एवं अन्य) पर डिवाइस को कार्यान्वित किया है। एनआईएफ ने मूल्य वर्धन एवं उत्पादन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए इनोवेटर को सहायता प्रदान किया है। अन्य समर्थित नवोन्मेषण सड़कों, सोसाइटियों, दरवाजों, कंपाउडों, दीवारों आदि जैसे बड़े क्षेत्रों को सैनिटाइज करने एवं धोने में सक्षम एक इनोवेटिव स्प्रेयर है। यह स्प्रेयर एक दूसरे के विपरीत घूमने वाले अल्युमिनियम के दो रैडियल पंखों से निर्मित्त है। 15 हार्सपावर (एचपी) से अधिक शक्ति के किसी भी ट्रैक्टर का उपयोग पावर टेक-आफ (पीटीओ) के जरिये इसे परिचालित करने के लिए किया जा सकता है। इस स्प्रेयर को तैनात करने के द्वारा मशीन के सेंटर से अधिकतम 30 फीट की दूरी से एवं 15 फीट की ऊंचाई तक सड़कों, सोसाइटियों को सैनिटाइज किया जा सकता है।
डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, ‘ कोविड-19 समाधानों एवं कार्रवाइयों में हमारे नागरिकों की साझीदारी, स्वामित्व एवं रचनात्मक क्षमता को उजागर करने का एक बड़ा अवसर है, जिसे एनआईएफ चैलेंज द्वारा दृष्टिगोचर किया गया है। यह हमारे जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों एवं उद्यमियों को सम्मान, प्रोटोटाइप सहायता के द्वारा सशक्त बना रहा है और इस प्रकार उनके संगत विचारों को उत्पादों के रूप में बदल रहा है।’
इस स्प्रेयर को महाराष्ट्र के सतारा, नासिक आदि जैसे विभिन्न स्थानों पर सक्रियतापूर्वक उपयोग में लाया जा रहा है।
बड़ी संख्या में नागरिकों ने चैलेंज कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) में भाग लिया है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नावेन्मेषी समाधान के जरिये देश को इस संकट से निकलने में मदद कर रहे हैं। कोविड-19 के लिए प्रौद्योगिकियों की प्रासंगिकता एवं जिस गति से इन्हें डिजाइन, प्रोटो टाइप किया गया है तथा अंततोगत्वा सामाजिक एवं वाणिज्यिक प्रसार के लिए उपलब्ध कराया गया है, इस तथ्य को स्थापित करता है कि एनआईएफ की कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) का आम लोगों द्वारा बहुत स्वागत किया गया है, जो विश्वास करते हैं कि नवोन्मेषण वास्तव में राष्ट्र को इस संकट से निकलने में सहायता कर सकता है।
एनआईएफ चैलेंज कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) में भाग लेने वाले आम लोगों द्वारा एसएंडटी आधारित नवोन्मेषी समाधान उल्लेखनीय प्रभाव डालने के लिए तैयार(S&T based innovative solutions by common people participating in NIF’s Challenge COVID-19 Competition (C3) ready to make adifference)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्तशासी निकाय नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-भारत (एनआईएफ) ने चैलेंज कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) के जरिये कई एसएंडटी आधारित नवोन्मेषी समाधानों की पहचान की है। यह अभियान महामारी से निपटने के लिए विचारों तथा नवोन्मेषणों को सामने लाने के लिए नवोन्मेषी नागरिकों को शामिल करने हेतु 31 मार्च से 10 मई तक चलाया जा रहा था।
एनआईएफ विचारों के सृजन को और प्रसारित करने के लिए इंक्युबेशन एवं परामर्श सहायता उपलब्ध करा रहा है। हैंड सैनिटाइजेशन एवं धोने के लिए पांव से परिचालित किया जाने वाला एक उपकरण तथा सैनिटाइजेशन के लिए नवोन्मेषी स्प्रेयर इस अभियान के तहत दो समर्थित इनोवेशन हैं।
तेलंगाना के वारंगल के श्री मुप्पारापु राजू ने हैंड सैनिटाइजेशन एवं धोने के लिए पांव से परिचालित किया जाने वाला एक उपकरण डिजाइन किया है जो व्याप्त कोविड-19 वातावरण में संपर्करहित उपकरणों की आवश्यकता के प्रत्युत्तर में एक समयानुकूल समाधान है। यह हाथों के जरिये नहीं बल्कि पांव के जरिये उपकरण के परिचालन द्वारा साबुन एवं पानी के उपयोग को सुगम बनाता है। इसके परिणामस्वरूप, उपयोगकर्ता एवं सैनिटाइजर, साबुन तथा पानी, जिन्हें उपकरण के एक हिस्से के रूप में अलग कंटेनरों में पर्याप्त रूप से भंडारित होता है, के बीच हाथ से संबंधित कोई संपर्क नहीं होता। श्री राजू ने तेलंगाना राज्य में विभिन्न स्थानों (वारांगल, महबूबाबाद एवं अन्य) पर डिवाइस को कार्यान्वित किया है। एनआईएफ ने मूल्य वर्धन एवं उत्पादन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए इनोवेटर को सहायता प्रदान किया है। अन्य समर्थित नवोन्मेषण सड़कों, सोसाइटियों, दरवाजों, कंपाउडों, दीवारों आदि जैसे बड़े क्षेत्रों को सैनिटाइज करने एवं धोने में सक्षम एक इनोवेटिव स्प्रेयर है। यह स्प्रेयर एक दूसरे के विपरीत घूमने वाले अल्युमिनियम के दो रैडियल पंखों से निर्मित्त है। 15 हार्सपावर (एचपी) से अधिक शक्ति के किसी भी ट्रैक्टर का उपयोग पावर टेक-आफ (पीटीओ) के जरिये इसे परिचालित करने के लिए किया जा सकता है। इस स्प्रेयर को तैनात करने के द्वारा मशीन के सेंटर से अधिकतम 30 फीट की दूरी से एवं 15 फीट की ऊंचाई तक सड़कों, सोसाइटियों को सैनिटाइज किया जा सकता है।
डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, ‘ कोविड-19 समाधानों एवं कार्रवाइयों में हमारे नागरिकों की साझीदारी, स्वामित्व एवं रचनात्मक क्षमता को उजागर करने का एक बड़ा अवसर है, जिसे एनआईएफ चैलेंज द्वारा दृष्टिगोचर किया गया है। यह हमारे जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों एवं उद्यमियों को सम्मान, प्रोटोटाइप सहायता के द्वारा सशक्त बना रहा है और इस प्रकार उनके संगत विचारों को उत्पादों के रूप में बदल रहा है।’
इस स्प्रेयर को महाराष्ट्र के सतारा, नासिक आदि जैसे विभिन्न स्थानों पर सक्रियतापूर्वक उपयोग में लाया जा रहा है।
बड़ी संख्या में नागरिकों ने चैलेंज कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) में भाग लिया है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नावेन्मेषी समाधान के जरिये देश को इस संकट से निकलने में मदद कर रहे हैं। कोविड-19 के लिए प्रौद्योगिकियों की प्रासंगिकता एवं जिस गति से इन्हें डिजाइन, प्रोटो टाइप किया गया है तथा अंततोगत्वा सामाजिक एवं वाणिज्यिक प्रसार के लिए उपलब्ध कराया गया है, इस तथ्य को स्थापित करता है कि एनआईएफ की कोविड-19 प्रतियोगिता (सी3) का आम लोगों द्वारा बहुत स्वागत किया गया है, जो विश्वास करते हैं कि नवोन्मेषण वास्तव में राष्ट्र को इस संकट से निकलने में सहायता कर सकता है।