अर्थव्यवस्था समसामियिकी 2 (7-Aug-2020)^राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (Rashtriya Krishi Vikas Yojana)
Posted on August 7th, 2020
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक छाता योजना के रूप में वर्ष 2007 में शुरू किया गया था।यह योजना राज्यों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।भारत सरकार ने केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम (राज्य योजना)- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना- कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र पुनरूद्धार हेतु लाभकारी दृष्टिकोण (RKVY-RAFTAAR) के रूप में जारी रखने के लिए मंजूरी दी है।इसका लक्ष्य किसानों के प्रयासों के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से कृषि को लाभकारी क्रियाकलाप बनाना, जोखिम प्रशमन और कृषि व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देना है।RKVY-RAFTAAR के तहत, कृषि उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के अलावा कटाई पूर्व और कटाई पश्चात अवसंरचना पर मुख्य ध्यान दिया जाता है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य खेती को आर्थिक गतिविधि के मुख्य स्रोत के रूप में विकसित करना है।
इसके प्रमुख उद्देश्यों निम्नलिखित हैं:
* कृषि- अवसंरचना का निर्माण करके कृषि-व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों के प्रयासों को मजबूत प्रदान करना।
* सभी राज्यों को उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजना बनाने में स्वायत्तता और लचीलापन प्रदान करना।
* उत्पादकता को प्रोत्साहित करके और मूल्य श्रृंखला से संबद्ध उत्पादन मॉडल को बढ़ावा देकर आय बढ़ाने में किसानों की मदद करना।
* मशरूम की खेती, एकीकृत खेती, फूलों की खेती, आदि के माध्यम से आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करके किसानों के लिए जोखिम को कम करना।
* विभिन्न कौशल विकास, नवाचार और कृषि-व्यवसाय मॉडल के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना।
RKVY-RAFTAAR, के अंतर्गत केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 60: 40 के अनुपात में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। पूर्वोत्तर तथा अन्य पर्वतीय राज्यों में सहायता का अनुपात 90.10 रहेगा। केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा 100% अनुदान दिया जायेगा।
अर्थव्यवस्था समसामियिकी 2 (7-Aug-2020)राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (Rashtriya Krishi Vikas Yojana)
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक छाता योजना के रूप में वर्ष 2007 में शुरू किया गया था।यह योजना राज्यों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।भारत सरकार ने केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम (राज्य योजना)- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना- कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र पुनरूद्धार हेतु लाभकारी दृष्टिकोण (RKVY-RAFTAAR) के रूप में जारी रखने के लिए मंजूरी दी है।इसका लक्ष्य किसानों के प्रयासों के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से कृषि को लाभकारी क्रियाकलाप बनाना, जोखिम प्रशमन और कृषि व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देना है।RKVY-RAFTAAR के तहत, कृषि उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के अलावा कटाई पूर्व और कटाई पश्चात अवसंरचना पर मुख्य ध्यान दिया जाता है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य खेती को आर्थिक गतिविधि के मुख्य स्रोत के रूप में विकसित करना है।
इसके प्रमुख उद्देश्यों निम्नलिखित हैं:
* कृषि- अवसंरचना का निर्माण करके कृषि-व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों के प्रयासों को मजबूत प्रदान करना।
* सभी राज्यों को उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजना बनाने में स्वायत्तता और लचीलापन प्रदान करना।
* उत्पादकता को प्रोत्साहित करके और मूल्य श्रृंखला से संबद्ध उत्पादन मॉडल को बढ़ावा देकर आय बढ़ाने में किसानों की मदद करना।
* मशरूम की खेती, एकीकृत खेती, फूलों की खेती, आदि के माध्यम से आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करके किसानों के लिए जोखिम को कम करना।
* विभिन्न कौशल विकास, नवाचार और कृषि-व्यवसाय मॉडल के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना।
RKVY-RAFTAAR, के अंतर्गत केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 60: 40 के अनुपात में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। पूर्वोत्तर तथा अन्य पर्वतीय राज्यों में सहायता का अनुपात 90.10 रहेगा। केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा 100% अनुदान दिया जायेगा।