अर्थव्यवस्था समसामियिकी 3 (7-Aug-2020)
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending)

Posted on August 7th, 2020 | Create PDF File

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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारत के स्टार्टअप क्षेत्र को ऋण प्राप्त करने हेतु प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अर्थात प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग (Priority Sector Lending– PSL) का दर्जा प्रदान किया गया है।भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्टार्टअप्स के लिए ऋण प्रदान करने के लिए वित्त उपलब्ध कराना एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। स्टार्टअप्स के लिए ऋण प्राप्त करना आसान नहीं है, तथा इनके सामने पारंपरिक ऋणदाताओं के समक्ष ऋण पात्रता साबित करने की मुश्किल रहती है। रिज़र्व बैंक का यह निर्णय, स्टार्टअप्स के लिए सस्ते और आसान ऋण का मार्ग प्रशस्त करेगा।चूंकि भारतीय उद्यमियों के सामने, पर्याप्त वित्त तथा उपभोक्ताओं दवारा स्वीकरण, दो प्रमुख चुनौतियां रहती है, आरबीआई का यह कदम इनके लिए बूस्टर साबित होगा।

 

प्राथमिकता क्षेत्र ऋण का अर्थ उन क्षेत्रों से है, जिन्हें भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक देश की बुनियादी जरूरतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं तथा इन्हें अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है। बैंकों को इन क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त और समय पर ऋण देने के लिए आज्ञापित किया जाता है।वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रदान किये गए कुल शुद्ध ऋण का 40% प्राथमिकता क्षेत्र को देना आवश्यक है।प्राथमिकता क्षेत्र के अग्रिमों का 10% या कुल शुद्ध बैंक ऋण का 10%, जो भी अधिक हो, कमजोर वर्ग को दिया जाना चाहिए।कुल शुद्ध बैंक ऋण का 18% कृषि अग्रिमों के रूप में दिया जाना चाहिए। कृषि के लिए ऋणों के 18 प्रतिशत के लक्ष्‍य के अंतर्गत लघु और सीमांत किसानों के लिए, समायोजित कुल बैंक ऋण (Adjusted Net Bank Credit- ANBC) का 8 प्रतिशत का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।ANBC के 7.5 प्रतिशत अथवा बैलेंस शीट से इतर एक्सपोजर की सममूल्य राशि (Credit Equivalent Amount of Off-Balance Sheet Exposure), इनमें से जो भी अधिक हो, का ऋण सूक्ष्म उद्यमों को लिए दिया जाना चाहिए।


प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों में कृषि ,सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME),निर्यात ऋण,शिक्षा,आवास,सामाजिक अवसंरचना,अक्षय ऊर्जा अन्य श्रेणियां शामिल हैं।

 

 

प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रमाण पत्र (PSLCs)-

प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण प्रमाण पत्र (Priority Sector Lending Certificates- PSLC), बैंकों को प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार देने के लक्ष्‍य और उप-लक्ष्‍यों को प्राप्‍त‍ करने में सक्षम करने हेतु कमी आने पर इन लिखतों (PSLCs) की खरीद और साथ ही अधिशेष वाले बैंकों को प्रोत्‍साहन देते हुए अंततोगत्वा प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत श्रेणियों को अधिक उधार देने में सक्षम बनाते है।