राष्ट्रीय समसामियिकी 5 (12-Jan-2021)^प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि^(Prime Minister Kisan Samman Nidhi)
Posted on January 12th, 2021
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 1,364 करोड़ रुपए गलत लाभार्थियों को वितरित किए गए।
इस योजना को भारत सरकार द्वारा एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना (central sector scheme) के रूप में लागू किया गया है। यह योजना कई छोटे और सीमांत किसानों की आय के स्रोतों में वृद्धि करने हेतु शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, प्रति वर्ष 6,000 रु.की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। इसके तहत कुछ मानदंडों के तहत उच्च आय स्तर वाले किसानों को योजना के लाभ से बाहर रखा गया है। योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान करने संबंधी पूरी जिम्मेदारी राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों की है।
इस योजना के अंतर्गत, शुरुआत में, दो हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि पर खेती करने वाले पूरे देश के सभी छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लिए आय-सहायता प्रदान की गई थी। बाद में, 01 जून, 2019 से इस योजना का विस्तार करते हुए देश के किसान परिवारों को इसके दायरे में लाया गया तथा पूर्व निर्धारित कृषि योग्य भूमि- जोत की सीमा को हटा लिया गया।
पिछले आकलन वर्ष में, आयकर दाता, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि जैसे पेशेवर और प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपए प्राप्त करने वाले (एमटीएस / चतुर्थ-वर्ग / ग्रुप डी कर्मचारी को छोड़कर) संपन्न किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
भावांतर भुगतान योजना (म.प्र.), रायथु बंधु योजना (तेलंगाना), आजीविका और आय वृद्धि हेतु कृषक सहायता (ओडिशा) इस प्रकार की अन्य योजनाएँ हैं।
राष्ट्रीय समसामियिकी 5 (12-Jan-2021)प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि(Prime Minister Kisan Samman Nidhi)
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 1,364 करोड़ रुपए गलत लाभार्थियों को वितरित किए गए।
इस योजना को भारत सरकार द्वारा एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना (central sector scheme) के रूप में लागू किया गया है। यह योजना कई छोटे और सीमांत किसानों की आय के स्रोतों में वृद्धि करने हेतु शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, प्रति वर्ष 6,000 रु.की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। इसके तहत कुछ मानदंडों के तहत उच्च आय स्तर वाले किसानों को योजना के लाभ से बाहर रखा गया है। योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान करने संबंधी पूरी जिम्मेदारी राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों की है।
इस योजना के अंतर्गत, शुरुआत में, दो हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि पर खेती करने वाले पूरे देश के सभी छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लिए आय-सहायता प्रदान की गई थी। बाद में, 01 जून, 2019 से इस योजना का विस्तार करते हुए देश के किसान परिवारों को इसके दायरे में लाया गया तथा पूर्व निर्धारित कृषि योग्य भूमि- जोत की सीमा को हटा लिया गया।
पिछले आकलन वर्ष में, आयकर दाता, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि जैसे पेशेवर और प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपए प्राप्त करने वाले (एमटीएस / चतुर्थ-वर्ग / ग्रुप डी कर्मचारी को छोड़कर) संपन्न किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
भावांतर भुगतान योजना (म.प्र.), रायथु बंधु योजना (तेलंगाना), आजीविका और आय वृद्धि हेतु कृषक सहायता (ओडिशा) इस प्रकार की अन्य योजनाएँ हैं।